जेएएच में ब्लैक फंगस से दाे की माैत, शहर में 57 मरीज भर्ती
ग्वालियर। ब्लैक फंगस से शनिवार को दो लोगों की मौत हो गई। डबरा का रहने वाला 25 वर्षीय दीपक को ब्लैक फंगस की शिकायत थी, जिसका डाक्टरों ने शनिवार को ऑपरेशन किया। ऑपरेशन के दौरान उन्हें ब्लैक फंगस के साथ व्हाइट फंगस का टिशू भी मिला, जिसे भी निकाल दिया गया। व्हाइट फंगस के टिशू की बायोप्सी जांच के लिए लैब भेज दिया है। जेएएच के ईएनटी विभाग के एचआेडी डा.वीपी नार्वे का कहना है कि क्लीनिकल जांच में व्हाइट फंगस की पुष्टि हुई है। साथ ही ब्लैक फंगस के चलते जेएएच में पिछले तीन दिन में चार लोगों की मौत हो चुकी है। व्हाइट फंगस का शहर में यह पहला मामला है। ब्लैक फंगस से शहर में अब तक कुल छह लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। वर्तमान में जेएएच में 33 मरीज भर्ती हैं, जबकि अपोलो में मरीजों की संख्या 20 हो चुकी है और कल्याण अस्पताल में भी करीब चार मरीज भर्ती होना बताए गए हैं। इस तरह से शहर में ब्लैक फंगस के करीब 57 मरीज हो गए हैं।
ब्लैक फंगस: तीन दिन में चार लोगों की मौतः जेएएच में 43 बेड का वार्ड तैयार किया है, जिसमें अभी 33 मरीज भर्ती हैं। यहां पिछले तीन दिन में ब्लैक फंगस के शिकार चार मरीजों की मौत हो चुकी है। इनमें दो मरीज की मौत शनिवार को हुई। एक मरीज लालसिंह दतिया से रेफर होकर जेएएच पहुंचा था। वहीं पिछले सप्ताह सिम्स अस्पताल में 43 वर्षीय रमा देवी और शिवपुरी निवासी 65 वर्षीय कृष्णा अग्रवाल की नवजीवन अस्पताल में मौत हुई थी।
एंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन से मरीजों की बढ़ रही परेशानीः जेएएच में भर्ती 33 मरीज में दो दर्जन मरीज ऐसे हैं, जिन्हें लिवर, किडनी या फिर हाइपर सेंसेविटी की परेशानी है। इसके अलावा उनमें शुगर व फेरेटिन बढ़ा हुआ है। ऐसे मरीजों की एलएफटी व आरएफटी की जांच के बाद ही उन्हें एंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन दिया जाता है, पर कुछ लोगों को जब एंफोटेरिसिन बी का डोज दिया गया तो उनका हाइफर सेंसिटीविटी बढ़ गई। इस कारण से उन्हें एंफोटेरिसिन बी नहीं दिया जा रहा या फिर बहुत कम मात्रा में दे पा रहे हैं। ऐसे मरीजों के लिए पोसाकोनाजोल की टेबलेट या सीरप की दवा दी जाती है, जिसकी डिमांड भेजी गई है।
वर्जन-
जेएएच में पिछले तीन दिन में ब्लैक फंगस के चार मरीजाें की मौत हो चुकी हैं। शनिवार को एक मरीज के साइनस का आपरेशन में ब्लैक के साथ व्हाइट फंगस पाया गया। पोसाकोनाजोल की डिमांड भेजी गई है।
डा. वीपी नार्वे, नोडल अधिकारी एंव विभागाध्यक्ष ईएनटी जेएएच
वर्जन-
किडनी, लिवर, हाइपर सेंसेटिविटी के काफी मरीज हैं, जिन्हें ब्लैक फंगस की शिकायत है। हर मरीज को एंफोटेरिसिन बी का इंजेक्शन नहीं दिया जा सकता। कुछ मरीज ऐसे हैं जिन्हें बहुत कम मात्रा में इंजेक्शन का डोज दिया जा रहा है
डा.मनीष शर्मा, मेडिसिन विभाग जयारोग्य अस्पताल
वर्जन-
चार लोगों की मौत अब तक ब्लैक फंगस के चलते हो चुकी है। व्हाइट फंगस ने भी आमद दर्ज कराई है, अभी उसकी बायोप्सी जांच कराई जा रही है।
डा.आरकेएस धाकड़,अधीक्षक जेएएच