कोरोना का भय 130 विचाराधीन बंदियों को मिली अंतरिम जमानत
भोपाल। सेंट्रल जेल में क्षमता से अधिक बंदियों की संख्या को देखते हुए कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बढ गया था। सरकार के आदेश में सजायाफ्ता बंदियों को पहले से ही पेरोल का लाभ मिला है। हाईकोर्ट के आदेश पर हाल ही में 130 विचाराधीन बंदियों को अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया है। इससे जेल में अब संक्रमण का खतरा टल गया है।
सेंट्रल जेल में लगभग चार हजार बंदी मौजूद थे। इनमें से 675 सजायाफ्ता कैदियों को पेरोल पर छोडा गया है। कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए हाईकोर्ट ने सात साल से कम सजा वाले अपराध में आरोपित को गिरफ्तार न करने का आदेश दिया है। साथ ही जेल में बंद ऐसे विचाराधीन बंदियों को भी अंतरिम जमानत पर छोडने का आदेश दिया है, जिसमें उन्हें अधिकतम सात वर्ष तक की सजा हो सकती है। जेलर पीडी श्रीवास्तव ने बताया कि हाल ही में 130 विचाराधीन बंदियों को अंतरिम जमानत का लाभ दिया गया है। वर्तमान में जेल में लगभग 3300 बंदी हैं। पहले रोजाना 35-40 नए बंदी जेल में दाखिल होते थे, लेकिन वर्तमान में औसतन दस बंदी जेल आ रहे हैं। इनमें गंभीर अपराध के आरोपित शामिल हैं। बंदियों की संख्या कम होने से अब काफी राहत है। वर्तमान में सिर्फ एक बंदी कोरोना संक्रमित है। वह टीबी अस्पताल में भर्ती है। उसके स्वास्थ्य में भी तेजी से सुधार हो रहा है। गौरतलब है कि सेंट्रल जेल की क्षमता 2700 बंदियों के लायक है, लेकिन इसमें चार हजार से अधिक बंदी मौजूद थे। कोरोना की पहली लहर के दौरान सरकार ने अलग-अलग समय में सजायाफ्ता बंदियों को पेरोल पर छोडा था। बाद में उनकी पेरोल अवधि भी लगातार बढाई जाती रही थी। स्थिति सामान्य होने पर बंदी वापस जेल लौट आए थे। इस वर्ष मार्च में कोरोना की दूसरी लहर भयावह रूप में सामने आई, जिसके चलते सजायाफ्ता बंदियों के साथ ही विचाराधीन बंदियों को भी रिहा किया गया है। इससे अब जेल में कोविड गाइड लाइन का पालन सुनिश्चित हो सका है।