कोरोना में अभिभावकों को खोने वाले छात्रों को मिलेगी निशुल्क शिक्षा
ग्वालियर। आर्यांश कालेज समूह एवं जादौन आइएएस संस्थान का नेशनल वेबिनार शनिवार को हुआ। इसमें प्रबंधन ने छात्रहित में कई घोषणाएं कीं। प्रबंधन ने कहा कि कोरोना के कारण कई छात्रों ने अपने अभिभावकों को खोया है। अभिभावकों के जाने के बाद छात्रों के सपने बिखर से गए हैं। उनके सपनों को पूरा कराने के लिए संस्थान की टीम तैयार है। प्रबंधन के अनुसार जिनके छात्रों के अभिभावकों का निधन कोरोना के कारण हो चुका है, उन्हें कोचिंग या फिर कालेज में नि:शुल्क प्रवेश दिया जाएगा। इतना ही नहीं इच्छुक छात्रों को प्रबंधन की तरफ रोजगारोन्मुखी शैक्षणिक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। वेबिनार में शामिल आनंद जादौन और उनकी टीम ने बताया कि युवाओं के करियर को दिशा देने के लिए प्लेसमेंट की भी व्यवस्था की जाएगी। इस मौके पर हैदराबाद के प्रो. अख्तर मंसूरी, इंदौर के प्रो.संजीव वैद्य, यदुराज सिंह भदौरिया और दिल्ली के प्रो.अमित पाठक आदि मौजूद रहे।
डिजाइन आफ रूब्रिक्स फार स्टूडेंट असेसमेंट विषय पर विशेषज्ञों ने दिया व्याख्यानः आइपीएस कालेज आफ टेक्नालाजी एंड मैनेजमेंट का चार दिवसीय व्याख्यान जारी है। इसके चौथे दिन यानी शनिवार को डिजाइन आफ रूब्रिक्स फॉर स्टूडेंट असेसमेंट विषय पर विशेषज्ञों ने अपने विचार व्यक्त किए। प्रथम सत्र में भोपाल के राष्ट्रीय संस्थान व तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण व अनुसंधान संस्थान की डा. किरन सक्सेना ने बताया कि रूब्रिक छात्रों के काम के लिए काफी उपयोगी है। इसके मापदंडों में प्रदर्शन की गुणवत्ता को शामिल किया गया है। रूब्रिक एक मूल्यांकन उपकरण है। जिसमें तीन विशेषताएं हैं, इनमें मूल्यांकन, गुणवत्ता और स्कोरिंग रणनीति शाामिल है। मूल्यांकन मापदंड उन आयामों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिन पर छात्र गतिविधियां निर्भर होती हैं। कार्यशाला के दौरान उन्होंने प्रतिभागियों से भी कुछ प्रश्न पूछे और सत्र के अंत में सभी उत्तर दिए। दूसरे सत्र में नैनिताल के बिरला इंस्टिट्यूट आफ एप्लाइड साइंस एसोसिएट प्रोफ़ेसर डा.रोबिन सिंह भदौरिया ने रोल आफ आइसीटी एंड यूजेस आफ टेक्नोलॉजी इन टीचिंग एंड लर्निंग विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि आइसीटी एक वैज्ञानिक तकनीक और इंजीनियरिंग शिक्षण व प्रबंधन है।