ब्रेकिंग
किसानों से लिया जा रहा है 300 से 400 सो ग्राम ज्यादा धान::- इंद्र साव बारदाना की कमी से जूझ रहा किसान, ना पीने का पानी,ना सर ढकने के लिए छत ग्राम दामाखेड़ा आश्रम :- घटना में शामिल 16 आरोपियों की गिरफ्तारी एवं 01 किशोर बालक के विरुद्ध विधिवत कार्रवाई ग्राम दामाखेड़ा आश्रम:- घटित घटना में शामिल 16 आरोपियों की गिरफ्तारी एवं 01 किशोर बालक के विरुद्ध विधिवत कार्रवाई हटिया विधान सभा में कॉंग्रेस की जीत सुनिश्चित हो रही है-सुशील शर्मा जिला बलौदाबाजार-भाटापारा पुलिस द्वारा अवैध रूप से डंप किया गया भारी मात्रा में शराब का जखीरा किया गया बरामद थाना हथबंद क्षेत्र अंतर्गत ग्राम केसदा मे... क्षेत्रीय विधायक इन्द्र साव ने रावणभाठा स्थित दशहरा मैदान के मुख्यमंच से नगर वासियों और क्षेत्रवासियो को विजयादशमी पर्व की बधाई दी विधायक इंद्र साव के प्रयास से भाटापारा राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ा विधायक के प्रस्ताव को केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दी स्वीकृति सुशील शर्मा को आगामी झारखंड प्रदेश में होने वाले विधान सभा चुनाव में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाने हटिया विधान सभा क्रमांक 64 का पर्यवेक्षक नियुक्त किया जिला बलौदाबाजार-भाटापारा पुलिस द्वारा रोड में खड़ी ट्रकों के पहिए चोरी करने वाले गिरोह का किया गया पर्दाफाश पुलिस द्वारा ट्रकों के पहिए व बैटरी जैक च... खड़ी ट्रैकों में हो रही लगातार चोरी से परेशान भाटापारा ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन द्वारा विरोध प्रदर्शन पद यात्रा करते हुए शहर थाने में ज्ञापन सौंपा गया

कंपनी ने किया रिजेक्ट; नई मेथड से क्यों कराई सर्जरी, केनेडियन रिपोर्ट के बाद फोरम ने माना सही

इंदौर: शहर की एक महिला ने डॉक्टर के बताए अनुसार आधुनिक टेक्नोलॉजी से अपनी आंख की सर्जरी कराई लेकिन मेडिक्लेम कंपनी ने यह बताकर क्लेम खारिज कर दिया कि जब आंख की सर्जरी के लिए पुराने विकल्प हैं तो नई टेक्नोलॉजी से सर्जरी क्यों कराई। महिला ने डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर फोरम में अपील की जहां 6 साल तक इसके लिए संघर्ष किया। मामले में महिला के पति ने ही केस लड़ा और कनाडा एजेंसी की रिपोर्ट के साथ मुंबई के डॉक्टर का वीडियो पेश किया। इसके बाद फोरम ने सहमत होकर बीमा कंपनी को मेडिक्लेम देने का आदेश दिया है।मामला भारती पति विवेक झंवर (58) का है। उन्होंने 2015 में अपोलो म्युनिख हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी लि. से मेडिक्लेम कराया था। जिसमें 2017 तक 3.60 लाख रुपए की रिस्क कवर थी। उक्त कंपनी बाद में एचडीएफसी एग्रो हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी में मर्ज हो गई थी। इस बीच 17 जनवरी 2017 को भारती तंवर की दायी आंख तथा 31 जनवरी 2017 को बायी आंख की केटरेक्ट सर्जरी हुई। इसके लिए उन्होंने 9 फरवरी 2017 को कंपनी में दोनों आंखों के लिए क्लेम फॉर्म क्रमश: 71113 रु. व 68117 रु. का कंपनी में जमा कराया था।सिर्फ मेडिसिन के 117 रुपए देने का आदेश दियाकंपनी ने अपने सेटलमेंट में इसके लिए 41113 रु. व 38000 रु. की राशि ही मंजूर की। जबकि फेमेटो लेजर लैंसर के चार्जेस का 30-30 हजार रुपए का भुगतान नहीं किया। इस पर भारती ने 31 मार्च 2017 को बीमा लोकपाल (भोपाल) में शिकायत की। बीमा लोक पाल ने अपने अवार्ड में कहा कि फेमटो लेजर सर्जरी की क्या आवश्यकता थी। यह इलाज करने वाले डॉक्टर ने नहीं बताया इसलिए बीमा कंपनी द्वारा किए गए क्लेम के निराकरण को उचित ठहराया। इसमें सिर्फ मेडिसिन के 117 रुपए ही जो कंपनी ने काटे थे उसे फरियादी को देने का आदेश दिया।फेमटो लेजर सर्जरी में कोई प्रोवन बैनिफिट नहीं हैकंपनी ने तर्क दिया कि ऐक्सपैरिमैंट इन्वेस्टिगेशन या अनप्रोवन ट्रीटमेंट एण्ड फार्मोकोलोजिकल रेजिमन्स का उपयोग सर्जरी में होने पर बीमा कंपनी इसका लाभ नहीं देगी। कंपनी ने अपने पक्ष की पुष्टि में हेल्थ सर्विसेस रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट की समरी प्रस्तुत की। इसके साथ ही इसी आधार पर तर्क दिया कि फेमटो लेजर सर्जरी में कोई प्रोवन बेनेफिट नहीं है। यदि महिला की माइक्रो इंसिजन केटरेक्ट सर्जरी होती तो उसमें जो खर्च आता उसे बीमा कंपनी अदा करती।डॉक्टर ने FDA के मानक स्तर का दिया हवालामामले में महिला के पति विवेक झंवर द्वारा फिर डिस्ट्रिक्ट कंन्जुमर फोरम में अपील की गई। इसमें बताया कि भारती की सर्जरी राजस नेत्र एवं रेटीना रिसर्च सेंटर पर डॉ. आरएस चौधरी द्वारा की गई है। उनके द्वारा प्रमाण दिए गए कि फेमेटो सेकंड लेजर मशीन व प्रोवेन टेक्नोलॉजी है। यह FDA मानक स्तर जो अमेरिका में उत्पादों की गुणवत्ता के आकलन के लिए होता है, उक्त मानक स्तर की मशीन है। इस मशीन से कई ऑपरेशन हुए हैं। इसके साथ ही अपनी रिपोर्ट पेश की।वीडियो में डॉक्टर ने पुरानी और नई मेथड के बताए अंतर व फायदेफोरम ने माना कि डॉ. चौधरी द्वारा दिए गए प्रमाण पत्रों से प्रमाणित होता है कि डॉक्टर नई टेक्नोलॉजी को बेहतर समझते थे और उन्होंने इसे इलाज की आ‌वश्यकता समझा। डॉ. चौधरी ने अपने ब्रोशर में भी लेजर असिस्टेंट सर्जरी और मैनुअल केटरेक्ट सर्जरी के अंतर को दिखाया है। इससे यह स्पष्ट है कि जहां चीरा लगाया जाता है वह फेमटो लेजर सर्जरी से बहुत ही प्रिशिजन एण्ड एक्यूरेसी से लगता है कि वह एक प्रमाणित टेक्नोलॉजी है। खास बात यह कि मामले में आई केयर (मुंबई) के आर्थोमोलॉजिस्ट डॉ. जतीन आशर ने अपने वीडियो में इसके बारे में जानकारी दी गई और पुरानी और नई मेथड में अंतर व फायदे बताए। इसके साथ ही महिला के पति ने केनेडियन एजेंसी द्वारा फेमटो लेजर सर्जरी के संबंध में की गई स्टडी को भी पेश किया।फोरम ने माना नई मेथड से सर्जरी कराकर कोई गलती नहीं कीफोरम ने माना कि फेमटो लेजर सर्जरी एक प्रोवेन मेथड है। ऐसे में महिला ने इस मेथड से सर्जरी कराकर कोई गलती नहीं की है। कंपनी ने दोनों आंखों की सर्जरी को लेकर अपवर्जन क्लाज का तर्क देकर 60 हजार रु. जो काटे हैं, वह उचित नहीं है। फोरम ने एचडीएफसी एग्रो हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी को आदेश दिया कि वह महिला को 60 हजार रु., महिला को जो मानसिक प्रताड़ना हुई उसके 10 हजार रु. तथा केस खर्च के 5 हजार रु. अब तक के 6 प्रतिशत ब्याज के साथ भुगतान करें। खास बात यह कि इस केस से यग भी स्पष्ट हो गया कि मेडिक्लेम में फेमटो लेजर सर्जरी संभव है।