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भोपाल एकमात्र रेलवे जो अपने ड्राइवरों को सेहतमंद व तनाव मुक्त रखने करवा रहा ध्यान योग व व्यायाम

भोपाल। भोपाल रेल मंडल एकमात्र ऐसा रेल मंडल है जो अपने ड्राइवरों को योग, ध्यान व व्यायाम करवा रहा है। इसका मकसद ड्राइवरों को सेहतमंद और तनावमुक्त रखना है ताकि ट्रेनें बिना रूके चलती रहे। यह व्यवस्था भोपाल, इटारसी, बीना और गुना रेलवे स्टेशन के रूनिंग रूमों में योग, ध्यान व व्यायाम की इंतजाम है। यहीं पर ड्राइवर ट्रेनें चलाने के बाद आराम करते हैं और वापस दूसरी ट्रेनों को लेकर मूल स्टेशन तक आते हैं। इन रूनिंग रूमों में आॅनलाइन योग, ध्यान व व्यायाम प्रशिक्षण की व्यवस्था है। ड्राइवरों की मांग पर रेलवे प्रशिक्षित शिक्षकों से योग, ध्यान व व्यायाम कराते हैं।

भोपाल में 1600 ड्राइवर-रनिंग रेलकर्मी

भोपाल रेल मंडल में 15200 रेलकर्मी है। इनमें से 1600 रनिंग रेलकर्मी है। जिनमें ड्राइवर, सहायक ड्राइवर, गार्ड, शंटर, लोको इंस्पेक्टर शामिल है।

भोपाल रेलवे को इसलिए उठाना पड़ा कदम

अब तक मंडल में कोरोना संक्रमण से 2100 रेलकर्मी प्रभावित हो चुके हैं। कुछ की मौत हो चुकी है। इनमें रेलकर्मी, पेंशनर और उनके परिवारजन शामिल है। वहीं लगभग प्रत्येक रेलकमियों के रिश्तेदार, परिचितों में संक्रमण के मामले आए हैं। घटनाएं भी हुई हैं। ऐसे माहौल के कारण रेलकर्मी, खासकर ड्यूटी के लिए भीड़भाड़ व दूसरे शहरों में जाने वाले ड्राइवर, सहायक ड्राइवर, गार्ड व उनके परिवार को चिंता होती है। इस बात को रेलवे ने समझा है और ऐसे रेलकर्मियों के लिए ध्यान, योग व व्यायाम समेत सभी जरूरी कदम उठाए हैं

ड्राइवरों की चिंता दूर करने यह भी कर रहा रेलवे

-डीआरएम खुद बात करके हौसला बढ़ा रहे हैं। 50 से अधिक रेलकर्मियों को विषम परिस्थितियों में बेड दिलवाएं हैं।

– रनिंग रूमों को कोरोना मुक्त बनाया है। ड्राइवरों को खाना परोसने वाले रेलकर्मियों की स्वास्थ्य की जांच व कोरोना जांच अनिवार्य कर दी है।

– दवा, सैनिटाइजर, मास्क बांटे जा रहे हैं। रेलकर्मियों के परिवारों के लिए जगह—जगह बुखार जांच व इलाज केंद्र खोले हैं।

– रेलवे अस्पतालों में बाहर से डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मी नियुक्त किए। आॅक्सीजन बिस्तर बढ़ाए।

– ट्रेन के इंजन, गार्ड कैबिन, रनिंग रूम को नियमित सैनिटाइज करवा रहे।

-कोरोना संक्रमण के इस परिवेश में हर इंसान को अपनी जान प्यारी है। इसके लिए वह खुद तो चिंतित है ही, उसके परिवार के सदस्य भी चिंतित है। हमारे रेलकर्मियों को भी स्वास्थ्य की चिंता है। खासकर ट्रेन परिचालन से जुड़े ड्राइवर, सहायक ड्राइवर, गार्ड पर अधिक जिम्मेदारी है। रोज स्टेशन से होकर बाहर जाते हैं। उन्हें स्वस्थ व चिंता रहित रखना हमारी पहली जिम्मेदारी है। जिसके लिए हर स्तर पर कदम उठाएं हैं। ध्यान, योग, व्यायाम से लेकर उनके लिए रनिंग रूमों में सुरक्षित भोजन का इंतजाम कर रहे हैं। उन्हें जहां जरूरत हो, वहां आधी रात को मदद की जा रही है।

-उदय बोरवणकर, डीआरएम भोपाल रेल मंडल