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कोलकाता। यास चक्रवात के मद्देनजर कलकत्ता हाई कोर्ट ने 26 और 27 मई को सूचीबद्ध सभी मामलों की सुनवाई को स्थगित कर दिया है। इस दोनों दिन हाई कोर्ट में किसी भी मामले की सुनवाई नहीं होगी।हाई कोर्ट ने एक अधिसूचना जारी कर कहा, ’26 और 27 मई 2021 को सूचीबद्ध सभी मामले जो उपरोक्त संकट के कारण नहीं उठाए जा सकते हैं, उन्हें संबंधित सभी बेंच या बेंच के सामने अगले उपलब्ध दिन पर स्वचालित रूप से सूचीबद्ध किया जा सकता है।’ दरअसल, बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना गहरे दबाव का क्षेत्र चक्रवात ‘यास’ में बदल चुका है और इसके अत्यंत भीषण चक्रवात में बदलने के बाद 26 मई को ओडिशा- बंगाल के तटों से गुजरने का अनुमान है। इस चक्रवात के कारण भारी तबाही की आशंका है। मैदान के क्लबों के मैदानकर्मियों को ईडन पर मिलेगी जगह इधर, बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) ने कहा है कि चक्रवात यास जब शहर में प्रवेश करेगा तो ईडन गार्डन्स की गैलरियों के नीचे कोलकाता मैदान के क्लबों के मैदानकर्मियों को रखने का अस्थाई इंतजाम किया जाएगा। भीषण चक्रवातीय तूफान के वर्ग में रखे गए यास के बुधवार शाम कोलकाता में दाखिल होने का अनुमान है और इस दौरान 150 किमी प्रति घंटा से अधिक की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है। बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के महानिरीक्षक (आइजी) अश्वनी कुमार सिंह यास चक्रवात से निपटने को बीएसएफ ने भी कसी कमर, आइजी ने उच्चस्तरीय बैठक कर दिए जरूरी दिशा-निर्देश यह भी पढ़ें बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले के दीघा में एनडीआरएफ द्वारा चक्रवात यास संभावित क्षेत्र से लोगों को निकाला जा रहा है। बड़ी संख्या में लोगों को अब तक निकाला जा चुका है और उन्हें चक्रवात केंद्रों में स्थानांतरित किया गया है।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी देश की शीर्ष जांच एजेंसी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) के निदेशक बनने की रेस की फ्रंट लाइन में हैं। सीबीआइ में अलग-अलग पदों पर 14 वर्ष की सेवा देने वाले अवस्थी का नाम तीन लोगों की सूची में है। इसी में से एक की निदेशक के पद पर तैनाती होगी। सीबीआई के निदेशक का पद फरवरी से ही खाली है।

ओम प्रकाश (ओपी) सिंह के बाद मार्च 2020 से उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक का पद संभालने वाले हितेश चंद्र अवस्थी का नाम सोमवार को सीबीआइ के निदेशक बनने की रेस के उन तीन अफसरों में शामिल किया गया, जिनमें से एक के नाम पर मुहर लगेगी। पीएम नरेंद्र मोदी के साथ ही पैनल में शामिल लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने निदेशक के पद चयन के लिए गहन मंत्रणा की। सैकड़ों नाम के बीच में से जो अंतिम तीन नाम फाइनल हुए हैं, उनमें उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी, सशस्त्र सीमा बल के महानिदेशक केआर चंद्रा और ग्रह मंत्रालय में विशेष सचिव वीएसके कौमुदी हैं। एसएसबी डीजी, कुमार राजेश चंद्रा 1985 बैच के बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। गृह मंत्रालय में विशेष सचिव वाईएसके कौमुदी आंध्र प्रदेश कैडर के 1986 बैच के आइपीएस ऑफिसर हैं।

अवस्थी को मिल सकता है अनुभव का लाभ: देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी के मुखिया के पद के लिए तीन आइपीएस अफसरों की दौड़ में शामिल हितेश चंद्र अवस्थी को इस जांच एजेंसी में उनके पूर्व के अनुभवों का लाभ मिल सकता है। 1985 बैच के आइपीएस अधिकारी हितेश चंद्र अवस्थी को सीबीआइ में काम करने का लंबा अनुभव है। वह सीबीआइ में अलग-अलग पदों पर 14 वर्षों से अधिक समय तक काम कर चुके हैं।

प्रदेश पुलिस के मुखिया हितेश चंद्र अवस्थी का कार्यकाल 30 जून, 2021 को पूरा हो रहा है। इससे पूर्व उन्हें सीबीआइ का सर्वोच्च पद संभालने की जिम्मेदारी मिल सकती है। मूलत: लखनऊ के निवासी हितेश चंद्र अवस्थी पहली बार केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के दौरान वर्ष 1994 से वर्ष 2001 तक सीबीआइ में एसपी के पद पर तैनात रह चुके हैं। साफ सुधरी छवि के लिए पहचाने जाने वाले हितेश चंद्र अवस्थी 2000 से 2001 के मध्य करीब डेढ़ वर्ष केंद्रीय जांच एजेंसी में डीआइजी के पद पर भी कार्यरत रहे। इसके बाद में वह 2007 से 2013 तक मध्य सीबीआइ में आइजी/ज्वाइंट डायरेक्टर के पद पर तैनात रहे और अपने नेतृत्व में कई अहम जांचों को अंजाम तक पहुंचाया। अवस्थी केंद्र सरकार में 2005 से 2008 तक वे नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो में डीआइजी व डिप्टी डायरेक्टर रहे। सीबीआइ में 2008 से 2013 तक आईजी और ज्वाइंट डायरेक्टर रहे।

हितेश चंद्र अवस्थी को दो बार उत्तर प्रदेश शासन में गृह विभाग का विशेष सचिव भी बनाया गया। इससे पहले वह में अविभाजित उत्तर प्रदेश में टिहरी गढ़वाल और हरिद्वार के एसपी पद पर भी रहे थे। 2016 में उत्तर प्रदेश में एडीजी से डीजी के पद पर प्रमोट अवस्थी डीजीपी मुख्यालय, टेलीकॉम, होमगार्ड्स, एंटी करप्शन ऑर्गेनाइजेशन (एसीओ) और आर्थिक अपराध एवं अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) में डीजी रहे। वह 2017 में डीजी विजिलेंस बनाए गए। वह 31 जनवरी, 2020 को उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक डीजीपी और चार मार्च, 2020 को पूर्णकालिक डीजीपी नियुक्त हुए थे।