बोले आकस्मिक अवकाश मांगने पर पैसे मांगते हैं निगमायुक्त
मुरैना: मुरैना में सफाई कर्मचारियों की हड़ताल जारी है। ये कर्मचारी विनियमतीकरण की मांग को लेकर पिछले चार दिनों से हड़ताल पर हैं। इस दौरान उन्होंने निगमायुक्त पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया कि आकस्मिक अवकाश मांगने पर निगमायुक्त पैसे मांगते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कर्मचारियों के कटोत्रा में भ्रष्टाचार करने व नियमित कर्मचारियों की सेवा समाप्त करने के आरोप लगाए हैं। बता दें, कि नगर निगम मुरैना के सफाई कर्मचारी पिछले चार दिनों से हड़ताल पर हैं। ये कर्मचारी विनियमितीकरण व अन्य मांगो को लेकर हड़ताल पर हैं। गत दिवस हुई एमआईसी की बैठक में भी कर्मचारी नेता पहुंचे लेकिन वहां हड़ताल समाप्ति पर कोई सहमति नहीं बन सकी।कर्मचारी नेता राममोहन सिंह मावईयह लगाए गंभीर आरोप1-कर्मचारियों ने निगमायुक्त पर भ्रष्टाचार करने का गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि अगर कोई कर्मचारी आकस्मिक अवकाश मांगता है तो उससे प्रति अवकाश एक हजार रुपए की मांग की जाती है। अगर तीन दिन का अवकाश लिया तो तीन हजार रुपए तथा वेतन वेतन निकलवाना हो तो पांच हजार रुपए तक की रिश्वत मांगी जाती है। सबसे खास बात यह है कि कर्मचारियों ने निगम कमिश्नर पर ही यह आरोप लगाया है।2-निगम के राजस्व शाखा, सम्पत्ति कर शाखा व जलकर शाखा के अध्यक्ष राम मोहन सिंह मावई ने बताया कि सफाई व वसूली कार्यकर्ताओं का उनके वेतन में से कटोत्रा काटा जाता है। निगमायुक्त उससे चेक काटते हैं। वह सालों से निगम कमिश्नर के पास मौजूद है, व न तो उसे कर्मचारियों के खाते में जमा कर रहे हैं और न ही दे रहे हैं।कर्मचारी नेता भगवानदास बाल्मीक3- निगम के राजस्व शाखा, सम्पत्ति कर शाखा व जलकर शाखा के अध्यक्ष राम मोहन सिंह मावई एवं अखिल भारतीय सफाई कर्मचारी संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भगवानदास बाल्मीक ने संयुक्त रुप से बताया कि उनके कर्मचारियों का 6-6 माह का जीपीएफ है, उसे रोककर एरियल में से भुगतान करते हैं। जबकि कर्मचारियों के कुछ मद ऐसे होते हैं जो उनके खाते में सीधे के सीधे जाना चाहिए, लेकिन उसे रोक कर उसे जमा नहीं किया जाता है और उसी में से चेक काटे जाते हैं।कर्मचारी नेता निर्मय नरवार4-राष्ट्रीय मजदूर सफाई कर्मचारी संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्भय नरवार कहा कि निगम के जो नियमित कर्मचारी हैं उनको बना किसी नोटिस के टर्मिनेट यानि उनकी सेवा समाप्ति की जा रही है, जो कि सरासर अन्याय है। अभी तक साथ कर्मचारियों की सेवा समाप्ति की जा चुकी है।निगमायुक्त संजीव जैननिगमायुक्त ने नहीं दिया जवाबजब इस संबंध में निगमायुक्त संजीव जैन से जवाब लेना चाहा तो उन्होंने इस संबंध में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।