यूपी में 3.7 MM हुई बरसात ; पूरे प्रदेश में मध्यम बारिश का अलर्ट
लखनऊ: उत्तर प्रदेश मानसून जाने के बाद सितंबर में बरसात का दूसरा सीजन मंगलवार को शुरू हो गया। मौसम विभाग जानकारी दी है कि अगले 3 से 4 दिनों तक पूरे प्रदेश भर में एक बार फिर बारिश का दौर जारी रहेगा। बुधवार को पूरे प्रदेश में बारिश होने का अलर्ट जारी किया गया है।राजधानी लखनऊ में बीते रात से ही बारिश रुक-रुक कर हो रही है। बीते 24 घंटे में 3.7 मिलीमीटर बारिश पूरे प्रदेश भर में हुई। मौसम विभाग ने पहले ही दावा किया था कि 21 सितंबर को एक बार फिर से मौसम पूरी तरीके से करवट लेगा।कमजोर मानसून रहा लेकिन जाते हुए मचाया तबाहीउत्तर प्रदेश में मानसून 20 दिन लेट से आया था। इसकी वजह से किसान सबसे ज्यादा नुकसान का सामना उठाते रहे। मानसून की धीमी रफ्तार की वजह से पूरे प्रदेश में इस साल खूब गर्मी और उमस भरी गर्मी के सामना लोगों को करना पड़ा। शुरुआत में औसत अनुमान से करीब 50% कम बारिश होने का आंकड़ा सामने आ रहा था। जो बीच में मामूली बारिश होने की वजह से 46 से 47 % पर आकर अटक गया था। फिलहाल मानसून इन 90 दिनों की टाइम टेबल में आखरी के 10 दिन में हुई बारिश की वजह से अब पूरे प्रदेश भर में करीब 37% कम बारिश होने का रिकॉर्ड सामने आया है।अगर बारिश होने के रिकॉर्ड पर हम बात करें तो अब तक 37% बारिश पूरे प्रदेश भर में अनुमान से कम हुई है। यानी 715.8 मिलीमीटर बारिश का अनुमान कब तक होने का था। लेकिन 453.4 मिलीमीटर बारिश ही पूरे प्रदेश भर में इस बार मानसून शुरू होने से अब तक यानी 21 सितंबर तक हो सकी है। बात करें तो उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के जिलों में 34% बारिश कम हुई है। तो वहीं पश्चिम के जिलों की बात करें तो 41% बारिश कम हुई है। इस बार पूर्वांचल में बारिश का रिकॉर्ड पश्चिम के जिलों से अच्छा रहा।3 दिशाओं से उठ रही हवाओं के दिखा इस साल असरउत्तर प्रदेश में मानसून कमजोर था इसके पीछे मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो अलग-अलग दिशाओं से उठ रही हवाओं की वजह से नमी न बन पाना बड़ा कारण था। आंचलिक विज्ञान केंद्र के निदेशक जेपी गुप्ता बताते हैं कि बंगाल की खाड़ी से उठ रहे चक्रवात और अरब सागर से उठ रही सर्द हवाओं की वजह अक्सर मानसून बनने वाली नमी एक दूसरे में टकरा जाती।जिसकी वजह से बारिश होने के अलर्ट भी कई बार फेल हुए। राजस्थान की दिशा से उतरी हवाओं की वजह से भी कई बार उत्तर प्रदेश में मानसून की बारिश का अनुमान फेल हुआ। जिसकी वजह से इस साल मानसून कमजोर रहा।