परफ्यूम का व्यापार कैसे शुरू करें ?
परफ्यूम का व्यापार कैसे शुरू करें (How To Start Perfume and Deo Business tips In Hindi)
परफ्यूम यानी इत्र एक ऐसी चीज है जिसको हर वर्ग और हर आयु के लोगों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है और इस वक्त बाजार में कई तरह के परफ्यूम बेचे जा रहे हैं. अगर परफ्यूम के बिजनेस की बात की जाए, तो ये भी अन्य बिजनेस की तरह एक प्रॉफिटेबल बिजनेस है. इसलिए आप परफ्यूम के बिजनेस को करने पर विचार भी कर सकते हैं.
परफ्यूम का व्यापार करने के लिए आपको बाजार में बिकने वाले हर तरह के परफ्यूम के बारे में अच्छी खासी जानकारी होनी चाहिए. जब भी आप परफ्यूम का बिजनेस स्टार्ट करें, तो इस व्यापार से जुड़ी हुई हर तरह की रिसर्च भी अच्छे से कर लें. क्योंकि जब आप अपने परफ्यूम के बिजनेस का प्लान तैयार करेंगे तो उस वक्त आपको इस रिसर्च से काफी मदद मिलेगी.
परफ्यूम के प्रकार (Type of Perfume or Perfume Guide)
बाजार में कई तरह के परफ्यूम मिलते हैं, जो कि एक दूसरे से सुगंध के मामले में काफी अलग होते हैं. किसी परफ्यूम में आपको ज्यादा खुशबू मिलती है जबकि किसी परफ्यूम में आपको कम खुशबू मिलती हैं. इसलिए आपको परफ्यूम बनाने के बिजनेस को स्टार्ट करने से पहले ये तय करना होगा, कि आप किस प्रकार का परफ्यूम बनाना चाहते हैं.
विभिन्न प्रकार के परफ्यूम के नाम (Type of perfume)
पारफम (PARFUM)
‘पारफम’ का मतलब हिंदी में शुद्ध इत्र होता है और इस प्रकार के परफ्यूम में काफी अधिक खुशबू पाई जाती है. इस प्रकार के परफ्यूम में कम अल्कोहल मिलाया जाता है. इसलिए ये परफ्यूम उन लोगों के लिए काफी सही साबित होते हैं जिनकी त्वचा काफी सेंसिटिव होती है.इस प्रकार के परफ्यूम में 15 % से लेकर 40 % तक की खुशूब होती है, इसलिए ये अन्य प्रकार के परफ्यूम से थोड़ा महंगा होता है और पारफम इत्र की खुशबू कम से कम आठ घंटें बनी रहती है.
यो डे पारफम (Eau De Parfum)
जो दूसरे प्रकार का परफ्यूम बाजारों में बिकता है, उसका नाम यो डे पारफम है और इस परफ्यूम की खुशबू पारफम परफ्यूम के मुकाबले काफी कम होती है.यो डे पारफम में 15 % से लेकर 20 % तक का फ्रेग्रेन्स कंसंट्रेशन होता है और यो डे परफ्यूम की खुशबू कुछ घंटो तक ही बनीं रहती है.
यो डे कोलोन (eau de Cologne)
यो डे कोलोन परफ्यूम में भी काफी कम खुशबू पाई जाती है और ये अन्य तरह के परफ्यूम से काफी सस्ता भी होता है. इस प्रकार के परफ्यूम में केवल 2% से लेकर 4 % तक का फ्रेग्रेन्स कंसंट्रेशन पाया जाता है, जबकि इसमें काफी मात्रा में अल्कोहल मिलाया जाता है.
यो डे टुइलेट (eau de Toilette)
ओ डे टुइलेट में 5% से लेकर 15% तक का फ्रेग्रेन्स कंसंट्रेशन मिलाया जाता है और इस प्रकार के परफ्यूम की खुशबू केवल तीन से चार घंटे तक ही रहती है. ओ डे टुइलेट परफ्यूम में भी काफी मात्रा में अल्कोहल मिलाया जाता है.
यो फ्रैची (Eau Fraiche)
यो फ्रैची परफ्यूम में केवल 1% से लेकर 3 % तक ही फ्रेग्रेन्स कंसंट्रेशन मिलाया जाता हैं, इसलिए इस प्रकार के परफ्यूम भी काफी सस्ते होते हैं. हालांकि ओ फ्रैची परफ्यूम में अल्कोहल का भी ज्यादा प्रयोग नहीं किया जाता है और अल्कोहल के स्थान में इस परफ्यूम में वॉटर ज्यादा मिलाया जाता है.ऊपर बताए गए इत्र के अलावा मिस्ट, आफ्टरशेव, और डियो प्रकार के भी इत्र बाजार में उपलब्ध होते हैं.
भारत में बिकने वाले प्रसिद्ध परफ्यूम (Best Perfume Brands in India)
भारत में कई तरह की कंपनियां अपने परफ्यूम बेचा करती हैं और उन्हीं कंपनियों में से कुछ प्रसिद्ध कंपनियों के नाम इस प्रकार हैं-
ब्लूबेरीकैल्विन क्लीनडेविडऑफएस्काडा (Escada)गुच्ची
परफ्यूम का बिजनेस स्टार्ट करने से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें (Important Information Related Perfume Business) :
परफ्यूम का बिजनेस स्टार्ट करने से पहले ऐसी कई महत्वपूर्ण चीजें हैं, जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए. इन चीजों के बारे में पता होने से आपको परफ्यूम का बिजनेस स्टार्ट करने में परेशानी नहीं होती है.
तय करना होगा किस तरह का परफ्यूम बनाना है
परफ्यूम का यूज फीमेल और मेल द्वारा किया जाता हैं और दुकान में फीमेल और मेल के लिए अलग अलग तरह के परफ्यूम बेचे जाते हैं. इसलिए जब भी आप परफ्यूम के व्यापार को शुरू करें तो पहले से ये तय कर लें कि आप महिलाओं के लिए परफ्यूम बनाना चाहते हैं कि पुरुषों के लिए या फिर इन दोनों के लिए.
परफ्यूम की खुशबू अलग होनी चाहिए
परफ्यूम का बिजनेस खुशबू से जुड़ा हुआ बिजनेस है इसलिए आपको अपने परफ्यूम की खुशबू को एक दम अलग बनाना होगा. बाजार में पहले से ही ऐसे कई परफ्यूम बिक रहे हैं जिनकी खुशबू काफी अलग होती हैं और उनकी मांग लोगों द्वारा काफी की जाती है. इसलिए जब भी आप अपने परफ्यूम की खुशबू को तैयार करें तो बाजार में बिकने वाले इन परफ्यूम की खुशबू से अपने परफ्यूम की खुशबू को एक दम अलग और बेहतरीन बनाये.
परफ्यूम और डियो में अंतर (Difference Between a Perfume and a Deodorant)
परफ्यूम और डियो दो अलग अलग तरह के प्रोडक्ट्स होते हैं और अक्सर लोगों को परफ्यूम और डियो में क्या अंतर होता है, इसके बारे में जानकारी नहीं होती है.आप अगर परफ्यूम का बिजनेस स्टार्ट करने का सोच रहे हैं तो आपको परफ्यूम और डियो के बीच में क्या अंतर होता है इसके बारे में जानकारी जरूर होनी चाहिए.दरअसल, डियो का यूज बॉडी से आने वाली गंध को रोकने के मकसद से किया जाता है, जबकि परफ्यूम का यूज इत्र के तौर पर किया जाता है. डियो को बनाने में केवल 10 से लेकर 15 प्रतिशत तक ही खुशबू के ऑइल का यूज किया जाता है, जबकि परफ्यूम में खुशबू के ऑइल की मात्रा काफी अधिक होती है.डियो का यूज बॉडी पर किया जाता है जबकि परफ्यूम कपड़ों पर डाला जाता है. इसके अलावा डियो परफ्यूम के मुकाबले काफी सस्ते भी आते हैं.डियों और परफ्यूम में अंतर समझने के बाद आपको ये पता ही चल गया होगा, कि ये दोनों चीजें बेशक खुशबू से जुड़ी हुई हैं लेकिन इनका इस्तेमाल अलग अलग उद्देश्य के लिए किया जाता है.
परफ्यूम बनाने में इस्तेमाल होने वाले रॉ मटेरियल (Ingredients for Perfume Making)
परफ्यूम को बनाने में कई तरह की सामग्रियों का इस्तेमाल किया जाता है और इन सामग्रियों की मदद से एक खुशबू को तैयार किया जाता है. परफ्यूम को बनाने में इस्तेमाल होने वाली सभी सामग्रियां आसानी से बाजार में मिल जाती हैं.
शराब (Alcohol)
परफ्यूम को बनाने में शराब का काफी इस्तेमाल किया जाता है और हर तरह के परफ्यूम में अल्कोहल जरूर पाई जाती है. हालांकि हर परफ्यूम में अल्कोहल की मात्रा अलग-अलग होती है.
फूल (Flower)
परफ्यूम को बनाने में फूलों के रस का इस्तेमाल किया जाता है और परफ्यूम की बोतल में 15 से लेकर 30 प्रतिशत तक फूलों का रस डाला जाता है. फूलों के अलावा घास, कई तरह के मसालें, कई तरह के फल, लकड़ी, रेजिन, बाल्सम, पेट्रोकेमिकल्स, कोयला, कोयले के तार, पत्तियों का भी उपयोग परफ्यूम बनाने के दौरान किया जाता है.
पशु पदार्थ (Animal Substance)
पशु स्राव (animal secretions) का इस्तेमाल भी परफ्यूम बनाने की प्रक्रिया के दौरान होता है. पशु पदार्थ का प्रयोग अक्सर फिक्स्डेटिव (fixatives) के रूप में किया जाता है. फिक्स्डेटिव की मदद से परफ्यूम में डाली गई चीजें एक साथ चिपकी रहती हैं और ये इत्र को वाष्पित (evaporate) करने में सक्षम बनाता है.
सिंथेटिक रासायनिक (Synthetic chemical)
कई तरह के कृत्रिम रसायनों का प्रयोग भी परफ्यूम बनाने में होता है और रसायनों की मदद से उन फूलों और पौधें की खुशबू तैयार की जाती है, जिनसे प्राकृतिक तेल नहीं निकलता है.2 50,000 फूलों और पौधों की प्रजातियों में से लगभग 2,000 ही ऐसी फूलों और पौधों की प्रजातियां हैं, जिनमें से प्राकृतिक तेल निकाला जा सकता है.लिली फूल भी उन्हीं फूलों में से एक हैं जिसमें प्राकृतिक तेल नहीं होता है और इस प्रकार के फूलों (जिनमें प्राकृतिक तेल नहीं तो है) की खुशबू बनाने के लिए कृत्रिम रसायनों का उपयोग किया जाता है.
परफ्यूम बनाने में प्रयोग होने वाली मशीन और उनके दाम (Information of machine and its price)
परफ्यूमों बनाने की मशीन
परफ्यूम तैयार करने के लिए अलग अलग तरह की क्षमता वाली मशीनें बाजार में मिलती हैं. अगर आप ज्यादा क्षमता वाली मशीन लेते हैं तो वो आपको थोड़ी महंगी पड़ेगी, जबकि कम क्षमता वाली मशीन थोड़ी सस्ती पड़ेगी. इसलिए आप अपने बजट के हिसाब से परफ्यूम बनाने वाली मशीन को खरीदें.
कहां से लें मशीने और उसके दाम (Place to buy)
परफ्यूमों बनाने में इस्तेमाल होने वाली मशीनों को आप
https://www.indiamart.com/proddetail/perfume-making-machine-15080854397.html और
https://www.alibaba.com/showroom/perfume-making-machine-with-price.html लिंक पर जाकर खरीद सकते हैं और साथ ही इन लिंक पर आपको इन मशीनों के प्राइज के बारे में भी जानकारी मिल जाएगी.
परफ्यूम भरने की मशीन
परफ्यूमों बनने के बाद उसे बोतलों में भरने के लिए फिलिंग मशीन का इस्तेमाल किया जाता है और ये मशीन भी कई प्रकार की होती हैं. इस प्रकार की मशीन को आप http://www.sealing-india.com/perfume-filling-machine.html इस लिंक पर जाकर खरीद सकते हैं.
परफ्यूम बनाने की प्रक्रिया (The Manufacturing Process)
सामग्रियों को इकट्ठा करना (Raw Materials)
जिस फूल की खुशबू का परफ्यूम आप बनाना चाहते हैं, आपको सबसे पहले उस फूल को खरीदना होगा. अगर आप गुलाब के फूल का इत्र तैयार करना चाहते हैं, तो आपको बागों से गुलाब के फूलों को खरीदना होगा. इसी तरह अगर आप जैसमिन यानी चमेली के फूल का इत्र बनाना चाहते हैं तो आपको जैसमिन के फूलों की जरूरत पड़ेगी. फूलों के अलावा आपको ऊपर बताई गई अन्य सामाग्रियों को भी खरीद कर उस स्थान पर रखना होगा, जिस स्थान से आप परफ्यूम बनाने वाले हैं.
निष्कर्षण विधि (Extraction Methods)
परफ्यूम को बनाने के लिए फूलों और पेड़ों से रस या फिर उनका तेल निकाला जाता है. फूलों और पेड़ों से उनका तेल निकालने के लिए कई तरह के तरीकों का सहारा लिया जाता है .
मैक्रेशन (Maceration Process)
मैक्रेशन तरीके का यूज निष्कर्षण विधि के लिए किया जाता है और मैक्रेशन प्रक्रिया के दौरान हिट का इस्तेमाल फूलों और पौधों से तेल निकालने के लिए किया जाता है.
एक्सट्रैक्शन प्रक्रिया (Extraction Process)
एक्सट्रैक्शन प्रक्रिया पौधों और फूलों में से तेल निकालने की सबसे पुरानी प्रक्रियाओं में से एक है. इस प्रक्रिया के दौरान पौधों और फूलों को मूल रूप से तेल मुक्त होने तक अच्छें से निचोड़ा जाता है और उनसे तेल प्राप्त किया जाता है.
इन्फ़्लुरागे प्रक्रिया (Enfleurage Process)
इन्फ़्लुरागे प्रक्रिया का यूज भी फूलों से तेल निकालने के लिए किया जाता है. इस प्रक्रिया में फूलों को एक ग्लास शीट पर फैला दिया जाता है और उसके बाद उन पर ग्रीस लगा दी जाती है. ग्रीस लगाने के बाद ग्लास शीट को लकड़ी के फ्रेम के बीच रख दिया जाता है. जिसके बाद ग्रीस फूलों की सुंगध को अच्छे से सोख लेती है. ग्रीस के फूलों की सुंगध सोखने के बाद उससे फूलों को अलग कर दिया जाता है और इस तरह से फूलों से उनकी खुशबू को प्राप्त कर लिया जाता है.
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्शन (Solvent Extraction)
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्शन प्रक्रिया के अंदर फूलों और पौधों को एक बड़े टैंक या ड्रम के अंदर रखा जाता है और उन पर पेट्रोलियम ईथर डाला जाता है. जिसके बाद फूल इसमें विलय हो जाते हैं और टैंक में केवल वैक्सी सामग्री ही रह जाती है और वैक्सी सामग्री फूलों का तेल सोख लेती है.फिर वैक्सी सामग्री के अंदर अल्कोहल डाला जाता है और उसके बाद हिट की मदद से अल्कोहल को इवपोरते इवेपोरेट(evaporate) किया जाता है और इस तरह से वैक्सी सामग्री से फूलों के तेल को प्राप्त कर लिया जाता है.
भाप आसवन (steam dillation)
भाप आसवन प्रक्रिया के अंदर भाप की मदद से पौधों में मौजूदा तेल को गैस में बदला जाता है या फिर फूल के पत्तों को पानी में उबालकर उससे तेल निकाला जाता है और इस तरह से तेल प्राप्त किया जाता है.
ब्लेंडिंग (Blending)
फूलों से तेल हासिल करने के बाद, फार्मूला की मदद से उस तेल को खुशबू में बदला जाता है. हर कंपनी का अपना अलग-अलग तरह का फार्मूला होता है, जिसका इस्तेमाल वो खुशबू बनाने के लिए करते हैं. एक अच्छी खुशबू बनाने के फार्मूले को तैयार करने में काफी लंबा समय लग जाता है. लेकिन एक बार जब ये फार्मूला तैयार हो जाता है तो उसके अनुसार फूलों के तेल से खुशबू तैयार कर ली जाती है. जिसके बाद उस खुशबू में अल्कोहल को मिलाया जाता है.
एजिंग (Aging)
ब्लेंडिंग की प्रक्रिया के बाद इत्र को कई महीनों तक या फिर कई वर्षों तक एजिंग किया जाता है. एजिंग करने के बाद इत्र को सुंघा जाता है और सही सुगंध मिलने पर ही इत्र बनकर तैयार होता है. वहीं अगर इत्र की सही सुगंध प्राप्त नहीं होती है तो फिर उसे दोबारा से ब्लेंड किया जाता है.
इत्र बनने के बाद उसकी गुणवत्ता को भी चेक किया जाता है और सही गुणवत्ता पाए जाने के बाद ही उसको बेचने की मंजूरी दी जाती है.
पैकेजिंग (Packaging)
परफ्यूम की बोतलों को बनाने के लिए आपको बोतल बनाने वाली किसी कंपनी से संपर्क करना होगा और उस कंपनी से अपनी परफ्यूम की बोतलों को बनवाना होगा. वहीं नीचे दिए गए लिंक में आपको कुछ कंपनियों के बारे में बताया गया है जो कि परफ्यूम की बोतलों को बेचने का कार्य करती हैं.
https://dir.indiamart.com/impcat/glass-perfume-bottles.html
http://www.globalsources.com/manufacturers/Perfume-Bottle.html.
बाजार में बिकने वाली परफ्यूम की बोतलें अगर आपने देखीं होगी, तो आपको पता ही होगा की वो कितनी आकर्षक होती हैं. इसलिए आपको भी अपनी परफ्यूम की बोतल का चयन काफी अच्छे से करना होगा और कोशिश करें, कि आपके द्वारा चुनी गई बोतल का डिज़ाइन अट्रैक्टिव जरुर हो.
लेबलिंग (Labeling)
बोतल का चयन करने के बाद आपको अपनी बोतल पर लगने वाले लेबल का भी चयन करना होगा. लेबल पर आपकी कंपनी का नाम पता सहित अन्य चीजों की जानकारी छुपी होती है और आपको किसी लेबल बनाने वाली कंपनी से इन्हें तैयार करवाना होगा.
अपनी कंपनी को रजिस्टर करवाना (Regration)
अपनी परफ्यूम कंपनी को स्टार्ट करने से पहले आपको अपनी कंपनी के नाम का पंजीकरण करवाना होगा. इसलिए आप पहले से ही अपनी परफ्यूम कंपनी के लिए किसी नाम का चयन कर लें. साथ ही अपनी परफ्यूम कंपनी का नाम काफी सोच समझकर रखें और कोशिश करें की आपकी कंपनी का नाम काफी अट्रैक्टिव और यूनिक हो, ताकि वो जल्द ही से लोगों को याद हो जाए .
कंपनी का पंजीकरण करवाने से पहले आपको ये भी तय करना होगा, कि आपका बिजनेस सोलो प्रोपराइटर, पार्टनरशिप कारपोरेशन और लिमिटेड लायबिलिटी में से किस तरह का होगा. अगर आपको इसके बारे में ज्यादा समझ नहीं है तो आप किसी वकील से या फिर किसी एकाउंटेंट से संपर्क कर सकते हैं.
स्थान का चयन (Place required)
परफ्यूम कंपनी को खोलने से पहले आपको उस जगह का भी चयन करना होगा, जहां से आप अपने परफ्यूम बनाने का कार्य शुरू करना चाहते हैं. कोशिश करें की आप किसी फैक्ट्री एरिया के आस पास ही किसी फैक्ट्री को किराए पर लें, क्योंकि इन एरिया में आपको आसानी से लेबर (labour) मिल जातें हैं. साथ ही इन एरिया में बिजली और पानी की सुविधा भी काफी अच्छी होती हैं.
लोगों का चयन (Recruitment)
परफ्यूम बनाने के लिए आपको कई फॉर्मूलों की जरुरत पड़ती है, इसलिए आप उन्हीं लोगों को रखें जिन्हें परफ्यूम क्षेत्र में अच्छा अनुभव हो. इन लोगों के अलावा आपको परफ्यूम की पैकेजिंग जैसे कार्यों के लिए भी कई लोगों को नौकरी पर रखना होगा.
सावधानी (Caution)
परफ्यूम एक ऐसी चीज है जिसमें आसानी से आग लग जाती है, इसलिए आपको परफ्यूम तैयार करते समय काफी सावधानी के साथ काम करना पड़ता है. साथ ही तैयार की गई परफ्यूम की बोतलों को भी आपको किसी ऐसी जगह पर रखना होगा जहां पर आग के उपकरण ना हों और अपनी फैक्टरी में आप अग्निशमक (Fire extinguishers) उपकरणों को भी जरूर लगवा लें.
मार्केटिंग (Marketing)
किसी भी तरह के बिजनेस को सक्सेसफुल बनाने के लिए मार्केटिंग की जरूरत होती है. इसलिए आपको भी अपने परफ्यूम के बिजनेस को सक्सेसफुल बनाने के लिए मार्केंटिंग का सहारा लेने होगा. मार्केंटिंग के जरिए आप अपनी परफ्यूम की कंपनी का अच्छे से प्रचार कर सकेंगे और लोगों को अपने परफ्यूम के बारे में बता भी सकेंगे.
मार्केटिंग करने के लिए बाजार में कई सारे विकल्प मौजूद हैं और आप इन विकल्पों में से किसी भी विकल्प का चयन अपने बिजेनस की मार्किंटग करने के लिए कर सकते हैं.
कैसे बढ़ाएं व्यापार
किसी भी प्रोडक्टस को बेचने के कई सारे ऑप्शन होते हैं और सबसे प्रसिद्ध ऑप्शन दुकानों के जरिए अपने प्रोडक्टस को बेचना होता है. इसलिए आपको भी अपने परफ्यूम के प्रोडक्ट को बेचने के लिए होलसेलर जैसे लोगों की जरूरत पड़ेगी. दुकान के जरिए अपने परफ्यूम बेचने के अलावा आप इन्हें ऑनलाइन के माध्यम से भी बेचने का सोच सकते हैं.
ऑनलाइन (Online)
ऑनलाइन परफ्यूम बेचने के लिए आप चाहें, तो फ्लिपकार्ट जैसी वेबसाइट के साथ जुड़ सकते हैं या फिर अपनी खुद की वेबसाइट खोलकर भी अपने परफ्यूम को बेच सकते हैं. अगर आप अपनी खुद की वेबसाइट के जरिए अपने परफ्यूम को बेचते हैं तो आप अपनी वेबसाइट का नाम अपने परफ्यूम के नाम पर ही रखें.
बजट और लोन (Budget and Loan)
परफ्यूम के व्यापार को स्टार्ट करने से पहले आप इस व्यापार से आने वाले हर तरह के खर्चे की लिस्ट तैयार कर लें. ऐसा करने से आपको इस चीज का अनुमान लग जाएगा, कि परफ्यूम का व्यापार स्टार्ट करने में आपको कितना निवेश करना होगा. परफ्यूम के व्यापार को स्टार्ट करने में आपको अगर पैसों की कोई कमी आती है तो आप लोन का सहारा ले सकते हैं.
ट्रेनिंग (Training)
परफ्यूम बनाने में कई तरह के कैमिकल का इस्तेमाल होता है और परफ्यूम की खुशबू को तैयार करने के लिए कई तरह की नॉलेज होना भी काफी जरूरी है. इसलिए परफ्यूम बनाने के बिजनेस को स्टार्ट करने से पहले आप इस व्यापार से जुड़ी ट्रेनिंग भी ले लें.
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