प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष 5 दिनों से बस्तर में मौजूद, लखमा, कर्मा और मरकाम के गढ़ में ज्यादा फोकस
जगदलपुर: प्रदेश अध्यक्ष जगह-जगह कार्यकर्ताओं की बैठक ले रहे।कहा जाता है कि छत्तीसगढ़ में यदि किसी की राजनीतिक पार्टी को सरकार बनानी हो तो सत्ता का रास्ता बस्तर से शुरू होता है। यानी बस्तर की सारी 12 विधानसभा सीटों पर कोई भी राजनीतिक पार्टी कब्जा जमा ले तो सरकार बनानी आसान होती है। वर्तमान में बस्तर की सारी 12 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। अब इन्हीं सीटों पर फतह हासिल करने भाजपा ने अपनी मुहिम शुरू कर दी है।BJP के प्रदेश संगठन में बड़े फेरबदल के बाद पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष की कमान अरुण साव को सौंपी है। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल को बनाया गया है। अब ये दोनों नेता चुनावी रण में बस्तर की सारी विधानसभा सीटों पर जीत हासिल करने 5 दिनों से बस्तर में डेरा जमाए हुए हैं।बस्तर में सुकमा जिले का कोंटा विधानसभा मंत्री कवासी लखमा का गढ़ है, तो वहीं दंतेवाड़ा शहीद महेंद्र कर्मा और कोंडागांव PCC चीफ मोहन मरकाम का। दंतेवाड़ा में महेंद्र कर्मा की पत्नी विधायक है। बस्तर की राजनीति में यह हॉट सीट मानी जाती है। सूत्रों की माने तो अब भाजपा नेता अरुण साव और नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल बस्तर में इन तीन विधानसभा सीटों पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं। उनके लिए इन सीटों से चुनावी रण में जितना एक बड़ी चुनौती भी है। हालांकि, कांग्रेस के इन नेताओं के सामने आने वाले चुनाव में BJP नए चेहरों पर दांव खेलेगी या फिर सीनियर्स को ही मौका मिलेगा, फिलहाल इस पर भाजपा संगठन चिंतन कर रही है।2 मंत्री हारे, अब खुद को मजबूती देने का कर रहे प्रयासपिछले विधानसभा चुनाव में बस्तर से भाजपा के 2 मंत्री केदार कश्यप और महेश गागड़ा को करारी हार मिली थी। केदार को चंदन कश्यप और महेश गागड़ा को विक्रम मंडावी ने चुनावी रण में परास्त किया था। ये दोनों खुद की सीटों पर कब्जा जमाने कड़ी मेहनत करनी शुरू कर दिए हैं। फिलहाल पार्टी की तरफ से इन्हें ही टिकट मिलेगा या फिर कोई नया चेहरा होगा यह अभी स्पष्ट नहीं है।वर्तमान में बीजापुर विधानसभा से जो रिपोर्ट निकल कर सामने आ रही है उसमें विधायक विक्रम और गागड़ा इन दोनों का पलड़ा सामान्य है। विक्रम मंडावी पर युवा आयोग के सदस्य अजय सिंह लगातार भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर बड़ी मुश्किलें पैदा कर रहे हैं। इसका फायदा भाजपा उठा रही है।इन विधानसभा में नेताओं ने कर लिया दौराअरुण साव और नारायण चंदेल 21 सितंबर को जगदलपुर पहुंचे थे। दोनों नेताओं ने कार्यकर्ताओं की बैठक लेकर चुनावी रणनीतियां बनाई। जिसके बाद दूसरे दिन सुकमा और दंतेवाड़ा दौरे पर गए। यहां भी पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठकें ले कर एकजुट होकर काम करने को कहा। फिर बीजापुर, नारायणपुर और कोंडागांव इन विधानसभा सीटों का दौरा किया।कहीं कार्यकर्ताओं का हुजूम उमड़ा तो कहीं सामान्य कार्यकर्ताओं की भीड़ ने दोनों नेताओं का स्वागत किया। इन सभी जगहों पर कार्यकर्ताओं की भीड़ से ज्यादा बधाई के पोस्टरों की भीड़ दिखी। ऐसा माना जा रहा है कि, नेताओं को खुश करने और टिकट लेने कार्यकर्ताओं का यह पैंतरा था।बस्तर से ही शुरू हुआ था भाजपा का चिंतन शिविरभाजपा के लिए बस्तर की सारी 12 विधानसभा सीटों में जीत हासिल करना कितना जरूरी है, यह इस बात से साबित होता है कि, कुछ दिन पहले भाजपा ने अपने चिंतन शिविर की शुरुआत बस्तर से ही की थी। भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं से लेकर प्रदेश स्तर के मुख्य नेता पार्टी के कार्यों की समीक्षा किए थे। साथ ही चुनावी मैदान में किस तरह से अब ध्यान देना है इस पर भी चर्चा की गई थी। भाजपा के चिंतन शिविर से कांग्रेस की चिंता जरूर बढ़ी थी