आज आशू की जमानत याचिका पर सुनवाई, 22 अगस्त को विजिलेंस ने किया था सैलून से गिरफ्तार
लुधियाना: पंजाब के पूर्व चर्चित कांग्रेसी मंत्री भारत भूषण आशू को विजिलेंस ने 22 अगस्त को ट्रांसपोर्टेशन टेंडर घोटाले में गिरफ्तार किया गया था। आशू को विजिलेंस टीम ने उस समय दबोचा, जब वह एक सैलून में बाल कटवाने गए थे। आशू करीब 8 दिन विजिलेंस के पास रिमांड पर भी रहे। इसके बाद उन्हें ज्यूडिशियल पटियाला जेल भेज दिया। आशू ने जिला अदालत में पहले जमानत याचिका दायर की थी, लेकिन वह खारिज हो जाने के बाद आशू ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई है, जिसकी सुनवाई आज है।बता दें कि विजिलेंस ब्यूरो ने ठेकेदार तेलू राम, संदीप भाटिया और जगरूप सिंह, पूर्व मंत्री आशु, उनके सहयोगी पंकज मीनू मल्होत्रा, इंद्रजीत इंदी, कमीशन एजेंट कृष्ण लाल,पूर्व उप निदेशक राकेश सिंगला, सेवानिवृत्त (DFSC) सुरिंदर कुमार बेरी, पनसप के जिला प्रबंधक जगनदीप ढिल्लों (अब निलंबित), पार्षद पति अनिल जैन, मुल्लांपुर दाखा नगर परिषद अध्यक्ष तेलू राम बंस के भाई महावीर बंसल व दो अन्य आढ़तियों को नामजद किया है।ट्रक की जगह कार और बाइक के नंबर दिएविजिलेंस ब्यूरो की अब तक की जांच के अनुसार, तेलूराम ने तकरीबन 25 करोड़ रुपए हासिल किए। टेंडर लेने के लिए जमा की गई गाड़ियों की लिस्ट में कार, स्कूटर-बाइक आदि के रजिस्ट्रेशन नंबर दिए गए। जिला टेंडर कमेटी को गेहूं की ढुलाई करने वाली गाड़ियों की लिस्ट की पड़ताल करनी थी, मगर कमेटी के मेंबरों ने भी मिलीभगत करके टेंडर अलॉट कर दिए। गेट पास में भी स्कूटर-कारों के नंबर लिखे गए। सरकारी अफसरों ने इन गेट पास के आधार पर ठेकेदारों को पेमेंट कर दी।20-25 लोगों को फायदा पहुंचाने का आरोपपूर्व मंत्री भारत भूषण आशू पर 2 हजार करोड़ के टेंडर घोटाले का आरोप लगाया जा रहा है। आशू पर छोटे ठेकेदारों ने आरोप लगाए थे कि पंजाब की मंडियों में लेबर और ट्रांसपोर्टेशन के टेंडर में गड़बड़ी की गई। छोटे ठेकेदारों को नजरअंदाज करके 20-25 लोगों को फायदा पहुंचाया गया। हालांकि आशू का कहना है कि यह टेंडर DC की अगुवाई वाली कमेटियां अलॉट करती हैं। उनके खिलाफ साजिश के तहत आरोप लगाए जा रहे हैं।