फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ने किया स्पष्ट, अब छात्रों पर गिरेगी गाज; कॉलेज के सीट होंगे आधा
बुलंदशहर: बुलंदशहर में फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ने जनता पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्रिंसिपल और टीचिंग स्टाफ को अयोग्य माना है। जिसके बाद बीफार्मा की सीटों को आधा कर दिया है। फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ने गंभीर टिप्पणी किया है। साथ ही स्पष्ट रूप से कहा है कि कॉलेज के प्रिंसिपल और टीचिंग स्टाफ पूर्ण रूप से अयोग्य हैं। अब कॉलेज प्रिंसिपल और टीचिंग स्टाफ की अयोग्यता का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ेगा। बड़ी संख्या में छात्र 2022-23 के सत्र में प्रवेश पाने से वंचित रह जाएंगे।अभी हाल ही में कॉलेज प्रबंधन की मनमानी का बड़ा मामला सामने आया था। कॉलेज प्रबंधन पर प्रैक्टिकल में पैसे न देने पर पांच छात्रों कोअबसेंट दिखाकर फेल करने का मामला सामने आया था। तीन छात्रों ने सुसाइड का प्रयास किया था, जिसमें से एक छात्र की मौत भी हो गई थी। इस पर छात्रों ने काफी हंगामा किया। जिलाधिकारी ने मामले की जांच बैठाते हुए एडीएम प्रशासन की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम भी गठित की थी। मामले की जांच अभी चल ही रही है कि अब एक नया मामला सामने आ गया है।अयोग्य प्रिंसिपल को प्रबंधन ने क्यों बैठाया सीट परपॉलिटेक्निककॉलेज का प्रिंसीपल नियमानुसार टेक्निकल ग्रेड से जुड़ा वरिष्ठ प्रोफेसर होना चाहिए। लेकिन कॉलेज प्रबंधन द्वारा शासन से अनुशंषा कर इस सीट पर अयोग्य टीचर को बैठा दिया गया है। कॉलेज प्रबंधन द्वारा यह मनमानी अपनी सहूलियत के लिए की गई।काउंसिल ने की आधी सीटप्रिंसिपल को अयोग्य करार देते हुए फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा बीफार्मा की सीटों को 60 से घटाकर 30 कर दिया गया। अब सिर्फ 30 छात्र ही कॉलेज में एडमिशन पा सकेंगे, जबकि इतने ही छात्र एडमिशन से वंचित रह जाएंगे।टिप्पणी के बाद पूरी तरह बैकफुट परअयोग्य कॉलेज के प्रिंसिपल मंजू बंसल फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया की सख्त टिप्पणी के बाद पूरी तरह बैकफुट पर हैं। प्रिंसिपल मंजू बंसल अब खुद मान रही हैं कि वह इस पद के योग्य नहीं हैं। वह तो कॉलेज प्रबंधन की शासन से अनुशंसा के बाद इस पद पर काबिज हुई हैं।