केंद्र सरकार ने गाइडलाइन की जारी, दिसंबर माह में आ सकती है टीम
जबलपुर: देश में अब स्वच्छता सर्वेक्षण के बाद जल्द ही सरकार पानी का सर्वेक्षण करवाने की तैयारी में जुट गई है, ऐसे में अब केंद्र सरकार स्वच्छता के साथ-साथ अब पानी का भी सर्वेक्षण कर परीक्षा लेगी। जानकारी के मुताबिक दिसंबर माह में केंद्र की एक टीम मध्य प्रदेश में पीने के पानी की जांच करने के लिए आ सकती है। जिस तरह से प्रदेश के शहरों की साफ सफाई व्यवस्था स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत की जाती रही है, उसी तरह से पानी के क्वालिटी का स्तर भी जांचा जाएगा।देश की राजधानी दिल्ली से पानी की क्वालिटी को अपने स्तर से जांचने के लिए दिसंबर माह में एक टीम आ सकती है। जानकारी के मुताबिक स्वच्छ पानी की परीक्षा दिसंबर तक हो सकती है जिसके लिए अलग-अलग स्तर पर कुल 2100 अंक निर्धारित किए गए हैं। पानी की स्वच्छता के लिए अंको का निर्धारण कुछ इस तरह से होगा कि पानी की उपयोगिता के लिए 700 अंक, उपयोग किए गए पानी का पुनः उपयोग के लिए 700 अंक, जल स्त्रोत के लिए 200 अंक, पानी को लेकर किए गए नवाचार के लिए 300 अंक ,बिना जलकर का पानी के लिए 200 अंक निर्धारित किए गए हैं।केंद्र सरकार ने अमृत फेस टू के तहत देश के दिन 450 से ज्यादा शहरों को सीवेज और पानी सप्लाई के लिए राशि आवंटित की है प्रथम चरण में उन शहरों में इसकी शुरुआत की जा रही है, बाद में इसे देश के अन्य शहरों में भी लागू किया जाएगा। जबलपुर को भी अमृत फेस टू के तहत करीब 190 करोड रुपए मिला है, मसलन जबलपुर को भी इस स्तर की परीक्षा से गुजरना होगा।केंद्र सरकार ने 2016 में स्वच्छता सर्वेक्षण देश के 73 शहरों से शुरू किया था इसके बाद छोटे और मझोले शहर को भी इसमें जोड़ा गया अब शहरों की सफाई को लेकर हर साल दिसंबर से फरवरी तक परीक्षा होने लगी है इस परीक्षा में इंदौर पिछले 7 सालों से अब्बल बना हुआ है। सर्वेक्षण के शुरू होने से शहरों में ना सिर्फ साफ सफाई में सुधार आया है बल्कि सड़कों से कचरा भी गायब हुआ है। यही वजह है कि स्वच्छता सर्वेक्षण के बाद अब सरकार पीने के पानी का स्तर सुधारने के लिए नई कवायद शुरू कर रही है।जबलपुर शहर के 79 वार्डों में अभी 5 वाटर प्लांट से पानी सप्लाई किया जा रहा है। जिसमें ललपुर में दो वाटर प्लाट 42 और 55 एम,एल,डी का लगा हुआ हैं, जबकि राँझी जल शोधन संयंत्र में 12 एम,जी,डी, भोन्गाद्वार में 6 एम,जी,डी और एक प्लांट रमनगरा में लगा हुआ हैं जहाँ से शहर की छोटी-बड़ी कुल 90 टंकियों को पानी से भरा जाता है।