एक परिवार की पांच महिला सदस्यों ने जीती कोरोना की बाजी
बिलासपुर। बिल्हा ब्लाक मुख्यालय में संचालित कोविड केयर सेंटर ग्रामीणों के लिए वरदान साबित हो रहा है। ग्राम पेंडरवा के कौशिक परिवार की पांच सदस्य एक के बाद एक कोरोना संक्रमित हो गईं। सभी को बिल्हा के कोविड सेंटर में भर्ती किया गया था। 15 दिनों तक जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष के बाद सभी पांचों सदस्यों ने कोरोना से बाजी जीत ली है। संयोग की बात यह है कि सभी महिला सदस्य हैं। परिवार में कुल 10 सदस्य हैं।
बिल्हा विकासखंड क पेंडरवा गांव में कुमारी बाई कौशिक का परिवार निवासरत है। खेती किसानी के अलावा किराने की दुकान है। इस परिवार में 10 लोग हैं। इनमें से पांच लोग कोरोना से संक्रमित हो गए। जिनमें कुमारी बाई 65 वर्ष एवं उनकी बहू अनिता कौशिक 32 वर्ष एवं सुनीता कौशिक 30 वर्ष, सुनीता की दोनों बेटियां सिमरन नौ वर्ष एवं श्वेता 11 वर्ष शामिल हैं।
सबसे पहले कुमारी बाई को बुखार आया। कोरोना जांच में रिपोर्ट पाजिटिव आ गई। इसके बाद इनको बिल्हा के कोविड केयर सेंटर में भर्ती कराया गया। सास के बीमार पड़ने पर दोनों बहुएं अनिता व सुनीता कौशिक उनकी सेवा में लगी हुई थी। सास के पाजिटिव आने की स्थिति में ऐहतिहात के तौर पर अनिता व सुनीता ने टेस्ट कराया। दोनों पाजिटिव आ गईं। दोनाें बेटियां सिमरन और श्वेता भी कोरोना की चपेट में आ गई।
चारों सदस्यों को एक साथ कोविड सेंटर में इलाज के लिए भर्ती किया गया। घर की पांच महिला सदस्यों को कोविड संेटर के एक ही वार्ड में भर्ती कर चिकित्सकों ने इलाज शुरू किया। कुमारी बाई बताती हैं कि सभी सदस्यों के एक साथ एक ही वार्ड में रहने के कारण आपस में सब एक दूसरे का हौसला बढ़ाने का काम करती रहीं।
दोनों बेटियों ने भी हिम्मत नहीं हारीं। हम सभी ने ठान लिया था कि चाहे जो हो जाए हिम्मत नहीं हारेंगे। सब मिलकर कोरोना का मुकाबला करेंगे। चिकित्सकों द्वारा भी लगातार हम सभी लोगों को हौसला बढ़ाया जा रहा था। एक दिन भी ऐसा नहीं रहा जब चिकित्सक व कोविड संेटर के स्टाफ ने हमारा हौसला ना बढ़ाया हो।
मजबूत हौसले ने दिलाई जीत
0 कुमारी बाई का कहना है कि चिकित्सकीय परामर्श के साथ ही मन को मजबूत रखने की जरूरत है।
0 सकारात्मक विचारों को सामने रखकर लड़ाई लड़नी चाहिए।
0 चिकित्सकों की हर सलाह मानना चाहिए। समय पर दवा का सेवन भी जरूरी है।