खिलाड़ी के नाम दिल्ली में 85 हजार के 63 चालान का मामला; कार खरीदार पर FIR की मांग
चंडीगढ़: मशहूर गोल्फर जीव मिल्खा सिंह की एक याचिका पर आज चंडीगढ़ जिला अदालत सुनवाई करेगी। मामला खिलाड़ी के नाम पर दिल्ली में 63 चालान कटने का है। इस वजह से उन्हें दिल्ली की रोहिणी कोर्ट से एक नोटिस भी मिला है, जिसे देखकर ही मामले का खुलासा हुआ।जीव मिल्खा सिंह ने बताया कि दिल्ली के जिस व्यक्ति को उन्होंने अपनी मर्सीडीज गाड़ी बेची थी, वह उसने अपने नाम रजिस्टर्ड ही नहीं करवाई। वह पिछले कई सालों से ट्रैफिक वॉयलेशन करता आ रहा है। कार की ऑनरशिप ट्रांसफर नहीं होने से चालान उनके नाम पर कट रहे हैं। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के चालान आने शुरू हुए तो उन्हें इसका पता चला।जीव मिल्खा सिंह ने बताया कि उन्होंने दिल्ली के नितिन जैन और कार डीलर पर धोखाधड़ी की कार्रवाई करने की मांग की है। चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की कोर्ट में केस की सुनवाई है। वहीं एक अन्य याचिका में मांग की गई है कि नितिन जैन को आदेश दिए जाएं कि कार को अपने नाम ट्रांसफर करें और उनका नाम ऑनर के रूप से हटाया जाए।गाड़ी 2014 में डीलर के जरिए बेची थीमिली जानकारी के मुताबिक, जीव मिल्खा सिंह ने वर्ष 2014 में अपनी गाड़ी नितिन जैन को बेची थी। कार की सेल-पर्चेज से जुड़ी हर औपचारिकता को पूरा कर लिया गया था, लेकिन जैन ने कार को अपने नाम ट्रांसफर नहीं करवाया और सड़कों पर दौड़ाता रहा। जमकर ट्रैफिक नियमों की धज्जियां भी उड़ाई गईं।जीव मिल्खा के मुताबिक, नितिन जैन के कुल 63 चालान कट गए। इनमें से 43 ओवस्पीडिंग के थे। वहीं 12 चालान रेड लाइट जंप के थे। 8 चालान स्टॉप लाइन वॉयलेशन और गलत पार्किंग के थे, लेकिन कार जीव मिल्खा सिंह के नाम होने के कारण चालान उनके पास आए। यहां तक कि चालान नहीं भरने पर कोर्ट ने नोटिस भी उन्हें भेजा।जीव मिल्खा सिंह के मुताबिक, 10 जून 2014 को एक कार डीलर तेजिंदर सिंह के जरिए नितिन जैन को 35 लाख रुपए में बेची थी। हालांकि जैन ने इतने सालाें तक कार को अपने नाम रजिस्टर्ड हीं नहीं करवाया। इसकी जानकारी मिलने पर उन्होंने SSP को भी शिकायत दी थी। कार्रवाई नहीं होने पर कोर्ट में केस दायर किया गया है।