ग्वालियर जेएएच में ड्यूटी से गायब रहते डाक्टर, क्लीनिक पर देखते मरीज
ग्वालियर. लाखों रुपये वेतन लेने वाले डाक्टर आठ घंटे की ड्यूटी भी नहीं देना चाहते। हालात यह है कि जेएएच में डाक्टर ड्यूटी से नदारत रहते हैं। लेकिन ड्यूटी टाइम पर डाक्टर घर पर क्लीनिक चलाने में कोई गुरेज नहीं करते। जिस के कारण मरीजों को परेशानी का सामना हर दिन भुगतना पड़ता है। सोमवार को जीआर मेडिकल कालेज के डीन डा अक्षय निगम और जेएएच अधीक्षक डा आरकेएस धाकड़ ने मेडिसिन, रेडियोलोजी विभाग के साथ साथ ट्रामा व कैजुअल्टी का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान उन्हें हर जगह अव्यवस्था नजर आई। मेडिसिन विभाग में चार डाक्टर मौजूद मिले तो रेडियोलोजी में एक भी वरिष्ठ चिकित्सक मौजूद नहीं था। यहां तक की रेडियोलाजी की एचओडी तक गायब मिलीं। जिसके बाद डीन ने सभी डाक्टरों को एक दिन का अवैतनिक कर दिया। डीन को रेडियालेाजी से लेकर मेडिसिन विभाग में डाक्टर अनुपस्थित मिले। हालांकि डीन ने इन दो विभागों के अलावा ट्रामा व कैजुअल्टी का निरीक्षण तो किया लेकिन सर्जरी विभाग की तरफ उनके कदम नहीं बढ़ सके। जबकि छात्र की मौत मामले में सर्जरी विभाग के डाक्टरों की लापरवाही उजागर हुई है। हालात यह हैं कि सर्जरी विभाग के डा आशीष श्रीवास्तव को जब छात्र की बीमारी के बारे में जानकारी मिल चुकी थी उसके बाद भी उन्होंने छात्र की मदद करने की अपेक्षा उसे केवल आइसीयू में भर्ती होने की सलाह देकर कर्तव्य का निर्वाह कर लिया जबकि डा आशीष को डीन व अधीक्षक को अवगत कराना था। हालांकि डीन का कहना है कि जांच कमेटी गठित की गई जिसमें लापरवाही बरतने वाले डाकटरों की जांच कराई जा रही है और जांच रिपोर्ट मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र अजय प्रताप की मौत मामले में डीन ने जाचं कमेटी गठित की है। जिसमें ह्दयरोग विभागाध्यक्ष डा पुनीत रस्तोगी व पीडियाट्रिक विभागध्यक्ष डा अजय गौड़ को अध्यक्ष व सदस्य के रुप में डा अतुल अग्रवाल एवं डा सुरेन्द्र यादव शामिल किया गया है। उक्त कमेटी को छात्र अजय की मृत्यु संबंधित जांच सात दिवस में पूरी कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा मेडिसिन विभागाध्यक्ष को भी एक पत्र जारी किया गया है। जिसमें 6 अक्टूबर को ड्यूटी पर पदस्थ डाक्टर व एसआर की जानकारी उनके नाम व पद सहित तत्काल डीन कार्यालय में प्रस्तुत करने के लिए कहा गया। इधर जूड़ा ने लापरवाही बरतने वाले डाक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए डीन को ज्ञापन सौंपा। डीन डा अक्षय निगम का कहना है कि रेडियोलाजी के एचओडी को हटाया जाएगा।