गुजरात चुनाव का ऐलान अक्टूबर में ही संभव, चुनाव आयोग ने बताया क्यों नहीं की अभी घोषणा
नई दिल्ली| केंद्रीय चुनाव आयोग ने शुक्रवार को केवल हिमाचल प्रदेश के लिए चुनावों की घोषणा की है। सूत्रों की माने तो गुजरात की चुनाव तारीख का ऐलान दीपावली के बाद होने की उम्मीद जताई जा रही है। आमतौर पर दोनों राज्यों में चुनाव नतीजे एक ही समय आते हैं। चुनाव आयोग की बहुप्रतीक्षित प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिमाचल के साथ गुजरात के विधानसभा चुनाव के ऐलान की भी उम्मीद जताई जा रही थी। हालांकि आज आयोग ने गुजरात चुनाव की घोषणा नहीं की। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने गुजरात को लेकर कहा कि कई राज्यों में चुनावों की घोषणा से कुछ के परिणामों के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है, वहीं आचार संहिता की अवधि भी लंबी हो जाती है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि इसमें किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया गया है। दोनों राज्यों की विधानसभाओं की समाप्ति के बीच 40 दिनों का अंतर है। नियमों के अनुसार यह कम से कम 30 दिन होना चाहिए ताकि एक परिणाम दूसरे को प्रभावित न करे। उन्होंने बताया कि गुजरात विधानसभा का कार्यकाल अगले साल फरवरी में और हिमाचल प्रदेश का कार्यकाल जनवरी में समाप्त होता है।
चुनाव आयोग ने हिमाचल की घोषणा पहले करने की वजह बताते हुए कहा कि मौसम वहां एक कारण है। आयोग ऊपरी इलाकों में हिमपात शुरू होने से पहले हिमाचल चुनाव कराना चाहता है। इसके लिए चुनाव आयोग ने कई संस्थाओं से परामर्श भी किया है। राजीव कुमार ने कहा कि दोनों राज्यों की काउंटिंग एक साथ में होगी या नहीं ये गुजरात की घोषणा के साथ बताया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक 8 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के साथ ही गुजरात के नतीजे भी आ सकते हैं। संभावना है कि गुजरात में दो चरणों में विधानसभा चुनाव कराए जाएं। गौरतलब है कि 2017 में दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में हुआ था और दिसंबर में एक साथ चुनाव परिणाम आए थे। गुजरात में दो चरणों में वोटिंग हुई थी।