बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्ष कार इकबाल अंसारी ने कोर्ट के फैसले का किया स्वागत
अयोध्या: अयोध्या के महंत परमहंस आचार्य ज्ञानवापी मामले को लेकर रो पड़े।ज्ञानवापी मामले पर कोर्ट ने कथित शिव लिंग की कार्बन डेटिंग की मांग को खारिज किए जाने के मामले पर तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर जगद्गुरु परमहंस आचार्य भावुक होकर रो पड़े। वहीं बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्ष कार इकबाल अंसारी ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते है। संविधान का सम्मान सारे देश के लोग करते हैं।महादेव भगवान भोलेनाथ का अपमान हो रहामहंत परमहंस आचार्य ने भावुक होते हुए कहा कि ज्ञानवापी मामले पर कोर्ट के फैसले से मैं आहत हूं। मै बहुत दुखी हूं। एक तरफ संविधान की मर्यादा और दूसरी तरफ बहुसंख्यक समाज का अस्तित्व है। जहाँ एक तरफ महादेव भगवान भोलेनाथ का अपमान हो रहा है। हम लाख दुख सहेंगे, लेकिन संविधान के दायरे में ही रहेंगे। उन्होंने कहा कि अयोध्या की तर्ज पर काशी-मथुरा को भी मुक्त कराएंगे। दुख इस बात का है कि अन्य धर्म के लोग पहले स्वयं जजमेंट कर लेते। उसके बाद में अपने गुनाहों से बचने के लिए संविधान और कोर्ट का सहारा लेते। लेकिन हिंदुओं के लिए संविधान सर्वोपरि है और रहेगा। लेकिन हिंदुओं की आस्था को भी समझना होगा।बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार रहे इकबाल अंसारीसंविधान और कोर्ट पर है पूर्ण विश्वासज्ञानवापी मामले पर कोर्ट ने कथित शिव लिंग की कार्बन डेटिंग की मांग को खारिज किए जाने के मामले को लेकर बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने कोर्ट का सम्मान करते हुए कहा कि संविधान का सम्मान सारे देश के लोग करते हैं। और कोर्ट का भी सम्मान करता है। हम अपनी कौम को सलाह भी देते हैं अपने संविधान पर विश्वास रखो और संविधान को मानो। कोर्ट ने जो भी फैसला किया है उसका हम सम्मान करते हैं। क्योंकि कोर्ट सबूत के आधार पर ही चलते हैं। कोर्ट का मानना हमारा फर्ज है। हम इस पर टिप्पणी नहीं कर सकते.लोग कोर्ट का सम्मान करें।