शराब कारोबारियों के 25 ठिकानों पर ईडी की फिर ताबड़तोड़ छापेमारी
नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 3सरी बार छापेमारी की है।आबकारी नीति घोटाले में एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 3 सरी बार छापेमारी की है। दिल्ली एनसीआर में ईडी ने आज तड़के शराब कारोबारियों के 25 ठिकानों पर छपेमारी की है। इससे पहले भी ईडी और सीबीआई ने इस केस में 100 से अधिक ठिकानों पर तलाशी ली है, जिनमें कुछ नेता, पूर्व नौकरशाह और कारोबारी शामिल हैं। जांच एजेंसियों ने अब तक तीन आरोपियों विजय नायर, समीर महेंद्रू और अभिषेक बोइनपल्ली को गिरफ्तार किया है। इस केस में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी आरोपी हैं।ईडी सूत्रों के मुताबिक, हाल फिलहाल में गिरफ्तार किए गए आरोपियों और अन्य लोगों से पूछताछ के दौरान कुछ नाम सामने आए हैं, जिनकी भूमिका इस घोटाले में संदिग्ध मानी जा रही है। बताया जा रहा है कि आज जिन लोगों के ठिकानों पर छापेमारी चल रही है, उनमें कुछ बड़े कारोबारी शामिल हैं।ईडी सूत्रों का कहना है कि जांच एजेंसी के हाथ आबकारी नीति को लागू करने में की गई कई अनियमितताओं काफी सबूत लग चुके हैं। उम्मीद किया जा रहा है कि आज छापेमारी के बाद कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया जा सकता है।कथित घोटाले में सिसोदिया भी आरोपीदरअसल, उपराज्यपाल ने दिल्ली के मुख्य सचिव की एक रिपोर्ट के आधार पर नई आबकारी नीति के निर्धारण और कार्यान्वयन में कथित घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी. मुख्य सचिव ने गत 8 जुलाई को अपनी रिपोर्ट एलजी को भेजी थी, जिसमें उन्होंने पिछले साल लागू की गई आबकारी नीति में लापरवाही बरतने के साथ ही नियमों की अनदेखी और इसके कार्यान्वयन में गंभीर चूक के आरोप लगाए थे। इसमें अन्य बातों के साथ-साथ निविदा को अंतिम रूप देने में अनियमितताएं और चुनिंदा विक्रेताओं को टेंडर के बाद लाभ पहुंचाना भी शामिल है।दिल्ली के मुख्य सचिव ने एलजी को भेजी गई अपनी रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया था कि शराब बेचने वालों की लाइसेंस फीस माफ करने से सरकार को 144 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ और आबकारी मंत्री के तौर पर मनीष सिसोदिया ने इन प्रावधानों की अनदेखी की।भाजपा और कांग्रेस ने इस कथित घोटाले का आरोप लगाकर दिल्ली सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया था। विवाद बढ़ने पर दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने नई आबकारी नीति को वापस ले लिया था। इसके बाद सीबीआई ने मामले में एफआईआर दर्ज कर अपनी तफ्तीश शुरू की और इसी आधार पर ईडी ने धन शोधन का केस दर्ज किया।