डीएपी के लिए होड़… 3 बजे से लाइन, नंबर के लिए आपस में झगड़ पड़े किसान
महेंद्रगढ़: महेंद्रगढ़ में डीएपी के लिए अपने नंबर को लेकर आपस में झगड़ते किसान।सरसों की बिजाई का उचित समय शुरू लेकिन बिना डीएपी फसल की बिजाई करें किसान, एजेंसी पर दिनभर रही भारी भीड़सरसों की बिजाई का उचित समय शुरू हो गया है। किसानों को डीएपी खाद नहीं मिलने के कारण भटकना पड़ रहा है। शुक्रवार को शहर के रेलवे रोड स्थित सरकारी एजेंसी व निजी एजेंसी पर खाद के लिए भारी भीड़ रही। अपने नंबर को लेकर वहां आपस में भी लोगों के बीच झगड़ा होता रहा, इसके बाद पुलिस की उपस्थिति में खाद का वितरण किया गया। खाद के कट्टे लेने वालों की संख्या हजारों में थे, जबकि कट्टे 500 पहुंचे। एक आधार कार्ड पर 3 कट्टे देने का प्रावधान रखा गया। ऐसे में बहुत से किसानों को बिना खाद लिए ही वापस लौटना पड़ा।बुजुर्ग महिलाएं भी लाइन मेंक्षेत्र के किसानों को बीती शाम को ही खाद का रेक लगने की सूचना मिलने के बाद शुक्रवार सुबह 3 बजे से ही किसानों ने खाद की सरकारी दुकान व निजी एजेंसी पर लाइन लगनी शुरू कर दी थी। दिन निकलने तक एजेंसी के बाहर काफी लंबी लाइन हो गई जिसमें 70 से 80 वर्ष की के महिला-पुरुष बुजुर्ग, दिव्यांग व अन्य किसान लाइनों में खड़े नजर आए।लाइनों में लगे किसानों के बीच हुआ हंगामासुबह करीब 9.30 बजे खाद का वितरण शुरू हुआ। खाद लेने के लिए आए लाइनों में लगे किसानों के बीच अपने नंबर को लेकर कई बार झगड़ा हुआ क्योंकि खाद कम थी और लेने वाले अधिक थे। एक बार तो लोगों के बीच बचाव का कोई असर नहीं हुआ तो झगड़े को शांत करवाने के लिए 112 नंबर की गाड़ी को भी बुलाना पड़ा।इसके बाद वहां पुलिस कर्मचारियों की उपस्थिति में खाद का वितरण किया गया जो करीब 3 बजे तक चला। इसके पास ही निजी एजेंसी पर भी खाद का वितरण हुआ जिससे किसानों को कुछ राहत मिली। इसके बाद भी सैंकड़ों किसानों को बिना खाद के ही वापस लौटना पड़ा। खाद वितरण के दौरान इस मार्ग पर बीच-बीच में जाम की स्थिति भी बनती रही।मांग…सरकार किसानों की समस्या पर दें ध्यानखाद लेने आए किसान, सुरेश कुमार, मिंटू, गजराज सिंह, रामनिवास पाटोदा, बिजेन्द्र सिंह, संतोष देवी, सुमित्रा, सतीश कुमार सहित अन्य किसानों ने कहा कि सरकार क्षेत्र के किसानों के साथ भेदभाव करती आ रही है। बीजाई के समय उन्हें उचित मात्रा में खाद तक उपलब्ध नहीं करवा पा रही है।क्षेत्र को जितना खाद मिलना चाहिए उतना नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में किसान सरसों की बीजाई के लिए खाद की पूर्ति को लेकर दर-दर भटकने को मजबूर हैं। बीते वर्ष भी बीजाई का समय बीतने तक किसानों को उचित मात्रा में खाद नहीं मिल पाया था, इस बार भी वहीं स्थिति बनी हुई है। इस समय किसानों को खेतों में काम करना चाहिए उस समय को किसान डीएपी खाद के इंतजार में गुजार रहे हैं जिस ओर सरकार को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।खाद आते ही किसानों को दे दी जाएगीआज 500 कट्टे डीएपी खाद एजेंसी में आया था इसका वितरण नियम अनुसार कर दिया गया है। अभी और खाद आने की उम्मीद है। एजेंसी को खाद उपलब्ध होते ही उसका किसानों को वितरण कर दिया जाएगा।जगराम यादव, मैनेजर, हैफेड महेंद्रगढ़।बिजाई का समय शुरू, इसलिए बढ़ी मांगकृषि विशेषज्ञों के अनुसार 10 से 25 अक्तूबर तक सरसों की बीजाई का समय है। अभी बीजाई के लिए सबसे उत्तम समय बताया जा रहा है। गेहूं की बीजाई एक से 20 नवंबर के बीच उत्तम रहेगी। जबकि गेहूं के लिए सबसे अच्छा समय 10 नवंबर के आसपास का रहता है।गेहूं में प्रति एकड़ एक कट्टा डीएपी वहीं सरसों में प्रति एकड़ आधा कट्टा डीएपी खाद की आवश्यकता होती है। कृषि विशेषज्ञ डॉ. रमेश कुमार के अनुसार सरसों बीजाई के समय डीएपी खाद के साथ-साथ अन्य खाद का भी उचित प्रयोग करें ताकि फसल उत्पादन अच्छा हो।उन्होंने बताया कि एक एकड़ में सरसों बीजाई के लिए 25 केजी डीएपी, 25 केजी यूरिया, 15 केजी पोटास, 10 केजी जिंक सल्फेट, दो कट्टे यानी 100 केजी जिप्सम खाद का प्रयोग करें तथा जीवाणु खाद के टीके से बीज का उपचार भी करें।