आरटीआई एक्टिविस्ट से मारपीट का आरोप, BDO बोले- हर सूचना का जवाब संभव नहीं
सोनभद्र: जिले के राबर्ट्सगंज ब्लाक के खंड विकास अधिकारी, एडीओ पंचायत, संबंधित ग्राम पंचायत के सेक्रेट्री, ग्राम प्रधान सहित पांच के खिलाफ कथित मारपीट और धमकी देने के मामले में राबर्ट्सगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज होने के बाद हड़कंप मच गया है।एक आरटीआई कार्यकर्ता और ग्राम पंचायत सदस्य की तरफ से लगाए गए आरोपों और उस पर कोर्ट की तरफ से दिए गए आदेश के क्रम में पुलिस ने यह कार्रवाई की है। इस संबंध में रॉबर्ट्सगंज कोतवाली में बीडीओ समेत 5 के खिलाफ विभिन्न धाराओं में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है और मामले की जांच-पड़ताल की जा रही है।एडीओ पर दस्तावेज फाड़ने का आरोपशाहगंज थाना क्षेत्र के राजपुर गांव निवासी तथा ग्राम पंचायत सदस्य राजाराम केसरी ने कोर्ट में 156 (3) सीआरपीसी के तहत प्रार्थना पत्र दाखिल कर कहा था कि गत 14 मार्च 2022 को सुबह 11 बजे के करीब खंड विकास अधिकारी राबटर्सगंज उमेश सिंह ने उसे फोन करके बुलाया। वह वहां पहुंचा तो देखा कि एडीओ पंचायत कृपाशंकर शुक्ल, ग्राम विकास अधिकारी राजपुर अश्वनी श्रीवास्तव, प्रधान राजपुर मीरा देवी और उनके पति राजकुमार पहले से बीडीओ कार्यालय में बैठे हुए थे। आरोप यह लगाया गया है कि वहां पहुंचने पर उसे अलग कमरे में ले जाकर बोले कि आरटीआई के तहत जो सूचना मांगे हो वह दिया जाना संभव नहीं है।आरोप है कि जब उसने यह कहा कि यहीं बात लिखकर दे दीजिए। इस पर वहां मौजूद एडीओ पचायत सहित अन्य ने उसकी पिटाई कर दी। यह भी आरोप लगाया गया है कि एडीओ पंचायत ने उसके दस्तावेज फाड़ दिया। वहीं बीडीओ ने जेल भिजवाने की धमकी भी दी, सेक्रेट्री पर भी धमकी देने का आरोप लगाया गया है।बीडीओ ने आरोपों को बताया गलतमोबाइल पर हुई वार्ता में बीडीओ उमेश सिंह ने सभी आरोपों को गलत बताया। उन्होंने कहा कि राजाराम केसरी द्वारा एक मामले में शिकायत की बात उनके संज्ञान में आई थी, जिसको लेकर कार्रवाई की जा चुकी है। यह बात उन्होंने केसरी को कार्यालय आने पर बताई भी थी।मारपीट जैसी कोई बात न उनके सामने कभी हुई, ना ही ऐसी कोई बात ही उनके संज्ञान में है।उधर, पुलिस का कहना है कि मामले में आईपीसी की धारा 147, 323, 504, 342, 506, 427 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई है,जल्द ही इस मामले मे कार्यवाई की जाएगी।