खाद्य एवं रसद आयुक्त ने डीएम को सौंपी जिम्मेदारी, शासन को भेजी जाएगी रिपोर्ट
गोंडा: गोंडा में छह लाख राशन कार्डों का सत्यापन किया जाएगा। इसके लिए टीम का गठन किया गया है।जिले के छह लाख राशन कार्डों का एक बार फिर से सत्यापन कराया जाएगा। सत्यापन में अपात्र कार्डधारकों के कार्ड निरस्त किए जाएंगे और उनके स्थान पर पात्र व्यक्तियों को राशन कार्ड जारी किया जाएगा। खाद्य एवं रसद आयुक्त मार्कण्डेय शाही ने जिलाधिकारी को एक महीने के भीतर सत्यापन की प्रक्रिया पूरा करने के निर्देश जारी किए हैं।शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में लाभार्थियों के राशनकार्ड की सुविधा मुहैया कराने के लिए सीमा निर्धारित की गई है। राशन कार्ड निर्गत करते समय लाभार्थियों की तरफ से दी जाने वाली सूचनाओं के अनुसार परिवार के सदस्यों की संख्या, उनकी आयु, निवास स्थान आदि विवरण का समावेश राशन कार्ड डाटाबेस में किया जाता है। लाभार्थियों द्वारा प्रदत्त विवरण में समय के अनुसार परिवर्तन होता रहता है। इस क्रम में कतिपय लाभार्थी निर्धारित मानकों के अनुसार पात्रता श्रेणी में नहीं रह जाते हैं।सत्यापन कर पात्र लाभार्थियों का बनेगा कार्डप्रायः यह शिकायत प्राप्त होती है कि प्रचलित राशन कार्डों में अपात्र यूनिट भी सम्मिलित हैं। ऐसे अपात्र लाभार्थियों का सत्यापन कर उनका चिह्नाकन करते हुए निरस्त कर उनके स्थान पर वास्तविक रूप से पात्र लाभार्थियों का चयन करके उन्हें लाभान्वित किया जाना है। इसके लिए राशन कार्डों का समय-समय पर सत्यापन करने की व्यवस्था है। इसी क्रम में खाद्य तथा रसद आयुक्त मार्कण्डेय शाही मे अन्त्योदय व पात्र गृहस्थी राशन कार्डों के सत्यापन का निर्देश जारी किया है।डीएम की कमेटी को सौंपी गई सत्यापन की जिम्मेदारीराशनकार्ड सत्यापन के कार्य की जिम्मेदारी जिलाधिकारी को सौंपी गई है। सत्यापन के लिए डीएम को कमेटी गठन करने का निर्देश दिया गया है। इस कमेटी में राजस्व, पंचायती राज, नगर निकाय व पूर्ति विभाग के कर्मचारियों को शामिल करने का निर्देश दिया गया है। यह कमेटी एक महीने के भीतर सत्यापन की काम पूरा करेगी। डीएम के माध्यम से रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।6 लाख परिवारों के 26.59 लाख लोगों को मिल रहा लाभवर्तमान समय में जिले में कुल 606245 परिवारों का राशनकार्ड बना हुआ है। इन परिवारों के 26.59 लाख लोगों को प्रतिमाह कोटे के राशन का लाभ दिया जा रहा है। इनमें अपात्रों की भी बड़ी संख्या है। कुछ स्थानों पर तो कोटेदारों ने ही अपने चहेते लोगों के नाम पर राशनकार्ड बनवा रखा है। प्रति माह वह खुद इन कार्डों पर राशन का लाभ ले रहे हैं। सत्यापन के दौरान ऐसे लोगों को चिह्नित कर उनके राशनकार्ड निरस्त किए जाएंगे।