मौलाना असकरी खान बोले-मौत दीन पर आए ये है कामयाबी
सुल्तानपुर: मजलिस में मौजूद लोग।इसौली के पूर्व जिला पंचायत सदस्य शाकिर अब्बास के भतीजे बासित अब्बास व कोटेदार जुल्फेकार अली रज्जन की याद में मजलिस का आयोजन किया गया। ग्लोबल हुसैनी मिशन की ओर से खैराबाद स्थित इमाम बारगाह बेगम हुसैन अकबर में मजलिस को मिशन के संरक्षक मौलाना असकरी खान ने खिताब किया।मौलाना ने मौत के विषय पर विस्तार से चर्चा किया। उन्होंने लोगो को संबोधित करते हुए कहा कि हजरत अली ने कहा है दीन पर जीना कामयाबी नहीं है दुआ करो की जब मौत आए तो दिन पर आए। इंसान जिस चीज से मोहब्बत करता है दिन रात उसी की फिक्र करता है। जिसको दौलत से मोहब्बत है वो उठते बैठते उसी के बारे में सोचता है। जिसको शोहरत से मोहब्बत है वो ज्यादा से ज्यादा अपनी फोटो आम करता है। हजरत अली ने फरमाया बच्चा मां के दूध से जितनी मोहब्बत करता है अली उससे ज्यादा मौत से मोहब्बत करता है।मजलिस को संबोधित करते मौलाना।बेटे का मरना बाप की जिंदगी में कर जाता है अंधेरामौलाना ने हजरत अली अकबर के कर्बला के मसाएब पढ़े, कहा एक बेटे का मरना बाप की जिंदगी के सामने अंधेरा कर जाता है। मजलिस में अमन सुल्तानपुरी, शेर अली व एज़ा ने पेशख्वानी किया। संचालन अजहर अब्बास ने किया। मजलिस में बाकर अब्बास, जाकिर अब्बास, फैजी, आलम रिजवी, शाहिद अकबर, कबीर हैदर, मुजाहिद अकबर, डॉ. ज़फर, हसन अब्बास आदि लोग सैकड़ों की संख्या में मौजूद रहे।