बाढ़ की विभीषिका में 9 लोगों ने गंवाई जान, सड़कों और घरों में अभी भी भरा है पानी
सिद्धार्थनगर: सिद्धार्थनगर में बाढ़ से जनजीवन अस्त व्यस्त है। जबकि 543 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। जिले में अब तक बाढ़ की विभीषिका में 9 लोगों ने जान गंवाई है। जिसमें सर्वाधिक 5 मौत डुमरियागंज तहसील क्षेत्र हुई। जबकि बांसी तहसील में 2 और इटवा में 2 मौत हुई है। डीएम संजीव रंजन ने बताया कि बाढ़ प्रभावित व मैरूंड गांवों में 218 नाव और 31 मोटर बोट लगाई गई हैं।बांसी में बाढ़ प्रभावित गांवों की तादाद 147 हो गई है। इसमें 67 गांव मैरूंड हैं। नौगढ़ में बाढ़ प्रभावित 89 गांवों में 66 गांव मैरूंड है, डुमरियागंज में बाढ़ प्रभावित 130 में 82 गांव मैरूंड, इटवा में बाढ़ प्रभावित 93 गांव में 60 गांव मैरूंड है और शोहरतगढ़ में 84 बाढ़ प्रभावित गांवों में सभी 84 गांव मैरूंड है। बाढ़ प्रभावित और मैरूंड गांवों की 4.23 लाख आबादी प्रभावित है। जबकि जिले की 55 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल जलमग्न है।सिद्धार्थनगर में घरों में घुसा बाढ़ का पानी।मटियरिया डीह प्राथमिक विद्यालय पानी से घिराराप्ती नदी में उफान के बाद मटियरिया डीह सहित प्राथमिक विद्यालय भी चारों ओर से बाढ़ के पानी से घिर गया है। इससे यहां के लोगों को आवागमन में भी परेशानी हो रही है। खेसरहा ब्लॉक की ग्राम पंचायत मटियरिया के टोला मटियरिया में चारों तरफ बाढ़ का पानी भर जाने के कारण लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। यह गांव बांसी-पनघटिया बांध और राप्ती नदी के बीच में होने से यहां की स्थिति बदतर हो गई है।सिद्धार्थनगर में सड़कों पर पानी भरा।बाढ़ पीड़ितों ने लगाई मदद की गुहारजलस्तर बढ़ने के कारण रास्ते नहीं दिखते हैं। इससे आवागमन में भी कठिनाई होती है। यहां की आबादी लगभग 500 है। इस गांव में पानी पीने के लिए हैंडपंप तक नहीं है। प्राथमिक विद्यालय भी चारों ओर पानी से घिर गया है, जिससे पठन-पाठन भी बंद है। यहां केवल एक महिला अध्यापक पूजा कुशवाहा की ही तैनाती है। 60 छात्र नामांकित हैं, पर चारों ओर पानी भर जाने से पढ़ाई बंद है। बढ़ते जलस्तर को देखकर वह पहले ही किसी तरह अभिलेख निकाल लाई थीं। जब तक गांव में शासन-प्रशासन से कोई मदद उपलब्ध नहीं हुई है। बाढ़ पीड़ितों ने शासन-प्रशासन से जल्द से जल्द मदद की गुहार की है।