30 किमी लंबी यात्रा 10 दिन में पूरी होगी; रोज 3 किमी चलेंगे दिव्यांग
गुना। जिले में पहले बार दिव्यांग यात्रा करने जा रहे हैं। वह 7 नवम्बर को दिव्यांग स्वाभिमान दिवस मनाएंगे। इस दौरान 30 किलोमीटर लंबी यात्रा निकाली जाएगी। यात्रा में 20 जिलों के दिव्यांगों के शामिल होने का दावा किया जा रहा है। 10 दिन में यह यात्रा राघोगढ़ से चलकर गुना कलेक्टर कार्यालय पहुंचेगी। यहां राष्ट्रगान के बाद मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर यात्रा का समापन होगा। दिव्यांग रोज 3 किमी चलेंगे।दिव्यांग सुनील आर्य ने बताया कि जिले के दिव्यांग एक साल से पूरे मध्यप्रदेश के दिव्यांगों से सम्पर्क बनाने में लगे हुए थे। सालभर में गुना के दिव्यांगों ने मध्यप्रदेश में कार्यरत दिव्यांग की अनेको संस्थाओं व दिव्यांग प्रतिनिधियों से संपर्क किया। कई जिलों में पहुंचकर इस यात्रा के बारे में दिव्यांगों को समझाया। आखिरकार ज़ूम मीटिंग के माध्यम से मध्यप्रदेश के तकरीबन 20 जिले के दिव्यांग प्रतिनिधि एवं दिव्यांगो के क्षेत्र में कार्यरत संस्थाओं के लोग जुड़े और इस यात्रा का एलान किया। बताया जाता है कि बड़े स्तर पर इस यात्रा की तैयारी शुरू की जा चुकी है।यात्रा में करीब एक हजार दिव्यांग शामिल होने का अनुमान बताया जा रहा है। यह यात्रा 7 नवम्बर को राघौगढ़ से शुरू होगी। 17 नवम्बर को गुना कलेक्टोरेट में पहुंचकर समाप्त होगी। दिव्यांग एक दिन में 3 किलोमीटर पैदल चलेंगे। इस प्रकार 10 दिनों में 30 किलोमीटर की दिव्यांग स्वभिमान पद यात्रा पूरी होगी। इसके लिए दिव्यांगों ने एक मांग पत्र तैयार किया है जिसमें अपनी 10 मांगे रखी गई है। इस पूरी यात्रा का प्रतिनिधित्व चांचौड़ा तहसील के बीनागंज निवासी समाज सेवी कालूराम सेन कर रहे है । यात्रा का समापन गुना कलेक्ट्रेट में राष्टगान के बाद मुख्यमंत्री के नाम अपनी दस सूत्रीय मांगों का मांग पत्र कलेक्टर को सौंपकर किया जायेगा ।ये हैं 10 सूत्रीय मांगें●दिव्यांगों का रिजर्वेशन हॉरिजोंटल से वर्टिकल किया जाए।●आउट सोर्स भर्ती में दिव्यांगों को प्राथमिकता दी जाए।●यदि दोनों दिव्यांग है तो 2 लाख और यदि 1 दिव्यांग है तो 5 लाख रुपये दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन राशि दी जाए।●पेंशन को 5 हजार रुपये प्रति माह किया जाए।●पंचायत, विधानसभा, संसद सभी पटलो पर दिव्यांगों को अनिवार्य रूप से प्रतिनिधित्व दिया जाए।●सामाजिक न्याय निशक्तजन कल्याण मंत्रालय से निशक्तजन कल्याण मंत्रालय को अलग किया जाए।●सभी भर्तियों में बैकलॉग के पद दिए जाएं।●शिक्षा के क्षेत्र में निशुल्क उच्च शिक्षा के अवसर और फ्री छात्रवास का प्रावधान हों।●प्रत्येक जिले में दिव्यांग सहायता केंद्र की स्थापना हो, जो उन्हे दिव्यांग योजनाओं को समझाकर उनका समुचित क्रियान्वयन कर सके।●दिव्यांगों के लिए आयुक्त एवं मुख्य आयुक्त के पद पर दिव्यांग व्यक्ति की ही नियुक्ति की जाए।