अफसरों के दफ्तरों की बिजली सप्लाई बंद की, आर पार की लड़ाई का ऐलान, गृहमंत्री के कार्यक्रम का करेंगे विरोध
फरीदाबाद: 23 अक्टूबर तक सरकार को दिया अल्टीमेटम, इसके बाद अनिश्चित कॉलीन हड़ताल होगी।हरियाणा कौशल रोजगार निगम को भंग कर कर्मचारियों को विभाग के रोल पर करने व उनका रुका हुआ चार माह का वेतन देने की मांग को लेकर जारी प्रदेश व्यापी निगम कर्मचारियों की टूल डाउन हड़ताल तीन दिन और बढ़ गई है। वहीं दूसरी ओर गुरुवार को हड़ताली कर्मचारियों ने अधिकारियों के दफ्तरों की बिजली सप्लाई भी बंद कर दी। इससे पूरा नगर निगम ठप्प हो गया।कर्मचारी नेताओं ने राज्य सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर विचार नहीं किया तो वह अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू कर देंगे। इसके अलावा कर्मचारियों ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की जन उत्थान रैली का भी विरोध करने का निर्णय लिया है। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि कोई भी निगम का सफाईकर्मी रैली स्थल की साफ सफाई नहीं करेगा।मंत्री से वार्ता विफल होने के बाद बढ़ी हड़तालनगर पालिका कर्मचारी संघ के प्रधान नरेश शास्त्री ने कहा कि कर्मचारी संघ हरियाणा के आह्वान पर 19 व 20 को 2 दिन की हड़ताल का फैसला हुआ था। हड़ताल के पहले दिन शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कमल गुप्ता ने चंडीगढ़ में संघ के पदाधिकारियों से वार्ता की। लेकिन मंत्री का मांगो के प्रति रुख नकरात्मक था। वार्ता विफल होने के कारण हड़ताल की अवधि तीन दिन और बढ़ा दी गई है।सरकार के सामने रखी ये मांगकच्चे कर्मचारियों को पक्का करना, तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों का ठेका प्रथा समाप्त करना, हरियाणा कौशल रोजगार निगम को भंग कर कर्मचारियों को विभाग के रोल पर करने अौर उनका रुका हुआ वेतन देने, 4 हजार रुपये जोखिम भत्ता देने, फायर के कर्मचारियों को पदों पर समायोजित करना आदि मांग सरकार के सामने रखी गई। लेकिन सरकार इन पर विचार करने को तैयार नहीं है। शास्त्री ने कहा कि रोहतक में राज्य कमेठी की बैठक कर सरकार को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया है। 23 अक्टूबर रविवार को सभी पालिकाओं परिषदों व निगमों में झंडा बैनर लेकर सड़कों पर जुलूस निकालकर कर्मचारी प्रदर्शन करेंगे।जो अधिकारी बैठे वह भी नहीं कर पाए कामवैसे तो नगर निगम में हड़ताल के कारण कोई अधिकारी दफ्तर में नहीं पहुंच पाया। पीछे के रास्ते जो अधिकारी आफिस पहुंच भी गए वह भी पूरे दिन कोई काम नहीं कर पाए। क्योंकि हड़ताली कर्मचारियाें ने आफिसों की बिजली सप्लाई बंद कर दी थी। गुरुवार को सरकार से कोई भी पत्राचार नहीं हो पाया। लाइट न होने से सरकार अथवा जिला प्रशासन कोई ईमेल तक नहीं हो सका। अधिकारी वाट्सएप के जरिए काम चला रहे थे।