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आज 37 घाटों पर सजेंगे 17 लाख दीपक; रेत पर उकेरे जाएंगे रामायण के चरित्र

लखनऊ: ये तस्वीर राम की पैड़ी पर दीप सजाते स्वयंसेवकों की है। इस काम में स्कूली छात्र भी शामिल हैं।अयोध्या एक बार फिर इतिहास रचने के लिए तैयार है। यहां दीपोत्सव के जरिए दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाने के लिए तैयारियां अंतिम दौर में हैं। 23 अक्टूबर को होने वाले 6ठे दीपोत्सव के लिए राम की पैड़ी घाट पर दीप लगाने का काम शुक्रवार से शुरू हो गया। इस दीपोत्सव को दिव्य और भव्य बनाने में हर कोई जुटा है। इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दीपोत्सव में शामिल होने के लिए अयोध्या आ रहे हैं। पीएम करीब तीन घंटा अयोध्या में ही बिताएंगे।अयोध्या की सौंदर्यीकरण में कोई कोर-कसर न बाकी रहे, इसके लिए प्रशासन युद्धस्तर पर तैयारियां कर रहा है। सरयू नदी के तट पर रेत पर रामायण कालीन सुंदर आकृतियां भी उकेरी जा रही हैं। इसके साथ ही विश्व फलक पर अयोध्या के दीपोत्सव की गूंज एक बार फिर बड़े पैमाने पर गूंजेगी।घाटों पर आज सजाए जाएंगे 17 लाख दीपछोटी दीपावली पर दीपोत्सव होगा। इसे यादगार बनाने के लिए 22 अक्टूबर की दोपहर तक सभी घाटों पर 17 लाख दीप सज जाएंगे। दीपोत्सव के नोडल अधिकारी प्रो. अजय प्रताप सिंह ने बताया कि दीपोत्सव को ऐतिहासिक और भव्य बनाने के लिए सभी लोग एकजुट होकर प्रयास कर रहे हैं। यूनिवर्सिटी के स्वयंसेवकों ने 37 घाटों पर दीपों को सजाने का काम शुरू कर दिया गया है।राम की पैडी पर दीपकों को क्रम से लगाया जा रहा है। दीपोत्सव के समय दीये जलाए जाएंगे।गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड की टीम आज दीपों की गणना करेगीआज ही गिनीज बुक की टीम लगाए गए दीपों की गणना करेगी। यह काम घाट समन्वयकों और ग्रुप लीडर की उपस्थिति में किए जाएंगे। नोडल अधिकारी प्रो. अजय प्रताप सिंह ने बताया कि 23 अक्टूबर को यूपी सरकार के दिए गए 15 लाख दीपों के जलाने का लक्ष्य बहुत आसानी से पूरा करेंगे। इसके लिए स्वयंसेवक 17 लाख दीपों को लगाएंगे और जलाएंगे। फिर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज करेंगे।रेत पर प्रभु श्रीराम, लक्ष्मण और मां सीता की तस्वीर उकेरी गई हैं।अयोध्या दीपोत्सव में रेत पर जीवंत होंगे रामायण कालीन प्रसंगअयोध्या में रेत पर रामायण कालीन चरित्रों को उकेरा जा रहा है। रेत से उकेरी जा रही आकृतियों के बारे में रूपेश सिंह ने बताया कि उन्होंने यहां रामायण सीरीज के आधार पर काम किया है। इसमें सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी, फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कृति उकेरी जाएगी। इसके बाद भगवान राम के लंका विजय के बाद अयोध्या आगमन के समय से विभिन्न प्रसंगों को दिखाया जाएगा।सरयू के किनारे रेत पर बने रामायण के चरित्र को देखने के लिए दूर-दूर से लोग अयोध्या आ रहे हैं।अयोध्या में दीपोत्सव के प्रसंगों का चित्रण किया जाएगाउकेरी जा रही कलाकृतियों के क्रम में सबसे पहले भगवान राम के पुष्पक विमान से आगमन, इसके बाद केवट अनुराग का प्रसंग, उसके बाद भरत मिलाप और चरण वंदना के माध्यम से चरित्रों को कृति के माध्यम से जीवंत किया जाएगा। इसी क्रम में भगवान राम के अयोध्या आगमन प्रजा की महिलाओं द्वारा ढिंढोरा पिटवाना, माताओं द्वारा आरती उतारने के बाद राम दरबार की झांकी और अयोध्या में दीपोत्सव के प्रसंगों का चित्रण किया जाएगा।भगवान राम के जन्म से लेकर राज्याभिषेक तक के प्रसंगों पर निकलेंगी झांकियां​​​​योगी सरकार दीपोत्सव कार्यक्रम की सारी तैयारी कर चुकी है। यहां निकलने वाली पारंपरिक शोभायात्रा की तैयारी तेजी से हो रही है। दीपोत्सव के दिन साकेत महाविद्यालय से शोभायात्रा नगर भ्रमण करते हुए नया घाट चौराहे तक जाएगी। पिछली बार जहां 11 झांकियां निकाली गई थीं, वहीं इस बार 16 झांकियां निकाली जाएंगी। इन झांकियों में राम जन्मभूमि मॉडल, काशी कॉरिडोर, विजन 2047, 1090 तथा भगवान राम के जन्मकाल से लेकर राज्याभिषेक तक की यात्रा रहेगी।यूपी का सूचना विभाग भी अपनी झांकी निकालेगा। इसके लिए तैयारी की जा रही है।16 रथ पर सवार होंगे कलाकारदीपोत्सव में सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र रामायण कालीन शिक्षा पर आधारित सामाजिक संदेश देने वाली झांकी होगी। नगर भ्रमण करने वाली झांकियों से संबंधित कलाकार 16 रथ पर सवार होंगे। ये अपनी कला के जरिए रामायण कालीन दृश्यों को जीवंत करेंगे। इसके अलावा पूरे देश के विभिन्न जगहों के कलाकार रथ के आसपास नृत्य करते चलेंगे। इस बार 11 झांकियां सूचना विभाग की ओर से निकलेंगी। 5 झांकियां डिजिटल होंगी, जो पर्यटन विभाग की ओर से खुले ट्रकों पर निकाली जाएंगी। यह रामायण कालीन दृश्यों पर आधारित होंगी, जिसमें राम मंदिर का मॉडल और 2047 अयोध्या के विकास का मॉडल पेश किया जाएगा।राम की अयोध्या में दीपोत्सव पर होंगे ब्रज के लोकनृत्यइस बार अयोध्या में आस्था और अध्यात्म के संगम के बीच योगी सरकार लोकगीतों, वाद्ययंत्रों के बीच प्रचार-प्रसार भी करेगी। विलुप्त होने के कगार पर पहुंचे ग्रामीण परिवेश के धोबिया, फरुआही नृत्य के कलाकारों को भी सरकार ने दीपोत्सव जैसा अविस्मरणीय मंच दिया जाएगा। यहां 21 से 23 अक्टूबर तक उत्तर प्रदेश व कई राज्यों के कलाकार प्रस्तुति देंगे।स्थानीय कलाकार विजय यादव और मुकेश कुमार फरुआही नृत्य करेंगे तो आजमगढ़ के मुन्नालाल यादव धोबिया नृत्य पर प्रस्तुति देंगे। गाजीपुर के कलाकार पारसनाथ यादव अयोध्या के मंच पर लोकगायन की प्रस्तुति देंगे। बिरहा सुनने का अवसर भी अयोध्यावासियों को मिलेगा। भदोही के शेषमणि सरोज अपने बिरहा से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करेंगे। झांसी के रणसिंघा विधा की महक प्रशांत आर्या बिखेरेंगे।अयोध्या के घाट रंग-बिरंगी लाइटों से सजाए गए हैं। यहां पर लेजर शो होगा।कई प्रांतों के कलाकार भी अपनी संस्कृति से कराएंगे रूबरूयोगी सरकार ने जहां उत्तर प्रदेश के कई कलाकारों और विधा को मंच दिया है, वहीं अन्य प्रांतों की संस्कृति को भी अवध की धरती पर अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका दिया है। हरियाणा के महावीर सिंह गुड्डू वहां के लोकगीत और नृत्य से परिचित कराएंगे, तो झारखंड के सृष्टि धर महतो छाऊ नृत्य के जरिए अपने प्रदेश की सांस्कृतिक झलक दिखाएंगे। मुंबई की प्रीत प्रेरणा के भजन भी सांस्कृतिक मंच पर भगवान राम के श्री चरणों में अपनी हाजिरी लगाएंगे। नई दिल्ली की कथक कलाकार अरूपा लहरी की भी प्रस्तुति होगी। गुजरात सरकार के संस्कृति मंत्रालय की तरफ से भी लोक नृत्य का आयोजन होगा।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम लला के आंगन में दीप जलाकर दीपोत्सव कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे। (फाइल फोटो)प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दीपोत्सव का शुभारंभ करेंगेदीपावली की पूर्व संध्या पर 23 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में दीपोत्सव का शुभारंभ करेंगे। पीएम मोदी शाम करीब 5 बजे भगवान श्री रामलला विराजमान के दर्शन और पूजा करेंगे। इसके बाद श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र स्थल का निरीक्षण करेंगे। इस साल दीपोत्सव का छठा संस्करण आयोजित किया जा रहा है। यह पहली बार है कि प्रधानमंत्री समारोह में व्यक्तिगत रूप से हिस्सा लेंगे।प्रधानमंत्री शाम करीब 5:45 बजे प्रतीकात्मक भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक करेंगे। लगभग 6:30 बजे वह सरयू नदी के नया घाट पर आरती देखेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री भव्य दीपोत्सव समारोह की शुरुआत करेंगे।दीपोत्सव के दौरान विभिन्न राज्यों के विभिन्न नृत्य रूपों के साथ पांच एनिमेटेड झांकियां और ग्यारह रामलीला झांकियां भी लगाई जाएंगी। प्रधानमंत्री ग्रैंड म्यूजिकल लेजर शो के साथ-साथ सरयू नदी के तट पर राम की पैड़ी में 3-डी होलोग्राफिक प्रोजेक्शन मैपिंग शो भी देखेंगे।