न्यूजीलैंड, रूस, सर्बिया, इजिप्ट और इंडोनेशिया की संस्कृति भी दिखेगी, देश-दुनिया के 1500 से अधिक कलाकार आएंगे
रायपुर: छत्तीसगढ़ के रायपुर में प्रस्तावित राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव इस साल और भव्य होने जा रहा है। इसमें देश के सभी राज्यों के आदिवासी कलाकारों के अलावा 9 देशों के कलाकार भी शामिल होने वाले हैं। ऐसे में इस बार न्यूजीलैंड, रूस, सर्बिया, इजिप्ट और इंडोनेशिया की संस्कृति भी दिखेगी।संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य ने बताया, इस साल अब तक मोजांबिक, मंगोलिया, न्यूजीलैंड, सर्बिया, टोंगो, मालदीव, रूस, इंडोनेशिया और इजिप्ट ने इस महोत्सव में शामिल होने की सहमति भेज दी है। 2021 के आदिवासी नृत्य महोत्सव में सात देशों के कलाकार आये थे। 2019 में आयोजित पहले राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में पांच देशों के सांस्कृतिक प्रतिनिधि शामिल हुए थे। इसके अलावा 28 प्रदेशों और दूसरे केंद्र शासित प्रदेशों के भी करीब 1400 कलाकार इस महोत्सव में शिरकत करने वाले हैं। राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में होना है। यह एक नवम्बर को राज्योत्सव के साथ ही शुरू होगा। नृत्य महोत्सव का समापन समारोह 3 नवम्बर को होना है। राज्य सरकार ने साल 2019 से इस नृत्य महोत्सव की शुरुआत की थी। 2020 में कोरोना संक्रमण की भीषड़ता की वजह से आयोजन टाल दिया गया। 2021 में इस महोत्सव का दूसरी बार आयोजन किया गया। इस साल इस आयोजन का तीसरा साल है। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से मंत्रियों, संसदीय सचिवों और विधायकों ने विभिन्न राज्यों और दूतावासों में जाकर राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों और राजदूतों को आमंत्रित किया है।रूसी लोक नृत्यों का अलग ही रंग जमेगा।अब तक इन देशों के कलाकार आ चुके हैंपिछले साल के आदिवासी नृत्य महोत्सव में नाइजीरिया, स्वाजीलैंड, युगांडा, माले, श्रीलंका, उज्बेकिस्तान और फिलिस्तीन के कलाकार आए थे। वहीं 2019 मेें बांग्लादेश, श्रीलंका, थाईलैंड, युगांडा और बेलारूस के कलाकारों ने प्रदर्शन किया था। इस लिहाज से इस बार जिन 9 देशों के कलाकार आने वाले हैं, वे पहली बार इस महोत्सव का हिस्सा बनेंगे।पिछले साल आदिवासी नृत्य महोत्सव में 25 राज्यों के कलाकार आए थे।20 लाख रुपयों तक के नकद पुरस्कारअधिकारियों ने बताया, इस बार आदिवासी नृत्य महोत्सव में दो थीम रखी गई है। पहली थीम है फसल कटाई पर होने वाले आदिवासी नृत्य और दूसरी थीम है आदिवासी परम्पराएं और रीति-रिवाज। विजेताओं को कुल 20 लाख रुपए के पुरस्कारों का वितरण किया जाएगा। प्रथम स्थान के लिए पांच लाख रुपए, द्वितीय स्थान के लिए तीन लाख रुपए और तृतीय स्थान के लिए दो लाख रुपए के पुरस्कार दिए जाएंगे।