बकासुर का वध करके भीम ने स्थापित किया था शिवलिंग, भयहरणनाथ के नाम से है प्रसिद्ध
प्रतापगढ़: विश्वनाथगंज में भगवान शिव के मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़।प्रतापगढ़ के विश्वनाथगंज में भगवान शिव का पौराणिक मंदिर है। जिसे बाबा भयहरणनाथ धाम के नाम से जाना जाता है। जिसका इतिहास पांडवकाल से जुड़ा हुआ है। यहां हनुमान, राधाकृष्ण, संतोषी मैया आदि के भी मंदिर है। बकुलाही नदी किनारे स्थित इस मंदिर तक पहुंचने के लिए पूरे तोरई कटरा गुलाब सिंह जाना होता है।पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अज्ञातवास के दौरान यह मंदिर पांडवों ने ही बनवाया था। यहां मौजूद शिवलिंग की स्थापना भीम ने की थी। इस स्थान पर बकासुर का भय था। भीम ने बकासुर का वध किया और उसके बाद यहां शिवलिंग स्थापित किया। यही वजह है कि इसे बाबा भयहरणनाथ मंदिर कहा गया।बाबा भयहरणनाथ धाम।खुदाई में कई प्राचीन मूर्तियां निकलीइस मंदिर का जीर्णोद्धार संत श्री नागाबाबा जी के निर्देशन में जनसहयोग से हुआ है। यहां महाभारत कालीन घटनाओं के कई प्रमाण मिलते हैं। ऊंचडीह गांव के टीले की खुदाई में कई प्राचीन मूर्तियां निकली हैं। मुख्य मंदिर टीले पर बना हुआ है। मंदिर मे मुख्य भाग मण्डप और गर्भगृह के चारो ओर प्रदक्षिणा पथ है। प्रांगण मे नंदी बैल विराजित हैं। धाम मे लगभग दस मंदिर है और तीन समाधियां हैं। यह स्थान नैसर्गिक सौन्दर्य से परिपूर्ण है।