महाकाल लोक का क्रेडिट कांग्रेस को दिलाने की प्लानिंग
इंदौर: उज्जैन का महाकाल मंदिर यानी लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र। राजनेताओं से लेकर सेलिब्रिटी तक बाबा महाकाल के आगे अपना शीश नमा चुके हैं। 11 अक्टूबर को उज्जैन में महाकाल लोक का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी ने किया। पीएम मोदी ने बाबा महाकाल के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लिया। इसके बाद नवंबर माह में कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी भारत जोड़ो यात्रा में उज्जैन आएंगे। यहां वे जनसभा भी करेंगे। कुल मिलाकर महाकाल लोक को लेकर प्रदेश की राजनीति गरमा चुकी है।इन दिनों प्रदेश की राजनीति में राजनैतिक उबाल आया है…आइए आपको बताते हैं इसकी वजह…पिछले कई दिनों से राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा चल रही है। 3570 कि.मी लंबी भारत जोड़ो यात्रा म.प्र. से भी होकर गुजरेगी। अनुमान है कि यात्रा नवंबर महीने में मप्र में आएगी। यात्रा को लेकर प्रदेशभर में तैयारी चल रही है। कांग्रेस नेताओं को जिम्मेदारी सौंप दी है। उनकी यात्रा के रूट को देखने इंदौर, भोपाल सहित प्रदेश के अन्य शहरों के कांग्रेस नेता यात्रा मार्ग के दौरे पर निकल रहे है। कुछ कांग्रेस नेताओं की तो जवाबदारी भी तय कर दी है कि उन्हें क्या करना है और क्या व्यवस्था संभालना है।अब सवाल उठता है कि राहुल गांधी की सभा इंदौर में आयोजित क्यों नहीं की गई? जबकि इंदौर शहर उज्जैन से बड़ा और कनेक्टिविटी वाला शहर है। यहां कई सुविधाएं है। कांग्रेस के कई बड़े नेता यहां रहते हैं। मगर कांग्रेस ने उज्जैन में राहुल गांधी की ये सभा रखी। इसके पीछे की वजह उज्जैन में पिछले दिनों हुए भाजपा के आयोजन का होना बताया जा रहा है। ऐसे में कांग्रेस ये मौका कैसे अपने हाथ से गंवा सकती है।11 अक्टूबर को उज्जैन आए थे पीएम मोदीपीएम मोदी ने 11 अक्टूबर को उज्जैन में महाकाल लोक का शुभारंभ किया है।उज्जैन में सभा रखने के पीछे ये बात…उज्जैन में राहुल गांधी की सभा रखने के पीछे हाल ही में हुए भाजपा का आयोजन होना बताया जा रहा है। 11 अक्टूबर 2022 को पीएम नरेंद्र मोदी उज्जैन आए थे। उन्होंने महाकाल लोक का उद्घाटन किया था। भाजपा के दिग्गज नेताओं से लेकर भाजपा नेता व कार्यकर्ता यहां जुटे थे। मगर जिस जिस महाकाल लोक का उद्घाटन पीएम ने किया उसे लेकर कांग्रेस निशाना साध रही है। कांग्रेस का कहना है इस योजना को कांग्रेस सरकार में स्वीकृत किया, 300 करोड़ रुपए कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने स्वीकृत किए। इसका श्रेय भाजपा ले रही है। ऐसे में जब कांग्रेस के इतने बड़े नेता राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा लेकर यहां आ रहे है तो ऐसे में कांग्रेस इस हाथ आए मौके को गंवाना नहीं चाहती। संभवत: इसलिए राहुल गांधी की ये सभा उज्जैन में आयोजित की जा रही है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इसके पहले राहुल गांधी की ये सभा कहीं ओर करने पर भी विचार चल रहा था। हालांकि सीएम शिवराजसिंह चौहान महाकाल लोक के लोकार्पण समारोह में मंच से ये बात कह चुके हैं कि महाकाल लोक की अवधारणा सिंहस्थ 2016 में आई थी। तब भाजपा सरकार ने ही मंजूरी दे दी थी।कांग्रेस राहुल गांधी के नेतृत्व में 3570 किमी लंबी भारत जोड़ो यात्रा निकाल रही है।महाकाल लोक योजना : श्रेय की राजनीति भी बन सकता है मुद्दाउद्घाटन के बाद से ही श्रेय की राजनीति भी मुद्दा बन गई है। कांग्रेस जहां इस योजना को कमलनाथ सरकार के कार्यालय में स्वीकृत होने की बात कह रही हैं वहीं दूसरी तरफ सीएम शिवराजसिंह चौहान ने पीएम के सामने ही मंच से इस बात पर जोर देकर कहा था कि 2016 में संत समागम में महाकाल लोक का आइडिया आया था। इसके बाद सरकार ने इस पर काम शुरू कर दिया था। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि राहुल गांधी उज्जैन में महाकाल के दर्शन और सभा के माध्यम से मैसेज दे सकते हैं कि महाकाल लोक को कांग्रेस सरकार ने ही मंजूरी दी थी।300 करोड़ से ही निखार आया हैपूर्व मंत्री सज्जन वर्मा ने महाकाल लोक को लेकर कहा कि उज्जैन में सभा करना इसलिए तय किया गया है कि वह राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के रूट पर ही आ रहा है। वे बोले जब वे उज्जैन के प्रभारी मंत्री थे, कमलनाथ जी सीएम थे प्रदेश के तब यहां के सौंदर्य को निखारने के लिए कांग्रेस सरकार ने दिए। उससे ही ये निखार आया है। 160 करोड रुपए ओंकारेश्वर जी को दिए थे।भोपाल से रवाना होंगे पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेताभारत जोड़ो यात्रा को लेकर गुरुवार को भोपाल से पूर्व मंत्रियों सहित कांग्रेस नेता रूट का निरीक्षण करने के लिए रवाना होंगे। पूर्व मंत्री वर्मा बोले- गुरुवार को पीसी शर्मा, विक्रांत भूरिया, मुकेश नायक कई नेता भोपाल से रवाना होंगे। कन्नौद, खातेगांव, खंडवा, बुरहानपुर का पूरा ट्रैक देखेंगे। खंडवा पहुंचने पर अरुण यादव, वहां के कई कांग्रेस नेता इसमें शामिल होंगे। उस ट्रैक पर जो भी व्यवस्थाएं करना है वह देखेंगे। शुक्रवार को इंदौर से उज्जैन, आगर, सुसनेर वाले ट्रैक का निरीक्षण करेंगे। इन सभी ट्रैक पर खाने की व्यवस्था, रुकने के लिए टेंट की व्यवस्था, ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था सभी की जिम्मेदारियां कांग्रेस नेताओं को दे दी है। वे बोले जब उज्जैन में राहुल गांधी की यात्रा पहुंचेगी तो वे बाबा महाकाल के दर्शन कर एक बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे।इंदौर-देपालपुर के विधायक पर जताया भरोसापूर्व मंत्री सज्जन वर्मा ने इंदौर और देपालपुर के विधायकों पर भरोसा जताया है। उन्होंने कहां कि खाने की जिम्मेदारी इंदौर के कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला और उनकी टीम को दी है, जबकि टेंट और ट्रांसपोर्ट की जिम्मेदारी देपालपुर विधायक विशाल पटेल को दी है। इसके साथ ही कई और भी जिम्मेदारियां कांग्रेस के अलग-अलग नेताओं को दी है। इसके साथ ही ये बात भी सामने आ रही है कि इन सभी जगह का निरीक्षण करने के बाद प्रदेश के कांग्रेस नेताओं की टीम हैदराबाद भी जाएगी।भारत जोड़ो यात्रा से जुड़ी इन खबरों को भी पढ़ेंराहुल के साथ चल रही महिला के पैरों में छाले…:कांग्रेस की पदयात्रा में MP की 2 महिला समेत 7 नेता; जानिए अनुभवकांग्रेस नेता राहुल गांधी कन्याकुमारी से कश्मीर तक 3500 हजार किमी भारत जोड़ो यात्रा कर रहे हैं। मप्र की 2 महिला समेत 7 नेता उनके साथ हैं। इन नेताओं ने अपने अनुभव बताते हुए कहा, पैरों में छाले पड़ गए, नाखून उखड़ गए, लेकिन हम रुके नहीं। जैसे गांधी जी ने दांडी यात्रा कर देश को आजादी दिलाई थी, उसी प्रकार यह यात्रा भारत में फैली नफरत को खत्म कर प्यार का वातावरण बनाएगी।भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी के साथ नूरी खान। नूरी के पैर में छाले पड़ गए। उन्होंने कहा- राहुल गांधी के चेहरे पर जो सौम्यता थी, वो अब संत के भाव के साथ उनके चेहरे पर आत्मविश्वास के रूप में झलकती है।कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का आज 46वां दिन है। 7 सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई यात्रा में मध्यप्रदेश के 7 नेता भी राहुल गांधी के साथ चल रहे हैं। मप्र से महिला कांग्रेस की उपाध्यक्ष नूरी खान, महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय समन्वयक प्रतिभा रघुवंशी, संगीता काकरिया, पीसीसी डेलिगेट सचिन द्विवेदी, मप्र यूथ कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राहुल इनानिया, पूर्व जिला पंचायत सदस्य अजय भाई पटेल, सीहोर जिले के जिला पंचायत सदस्य विजेंद्र उइके करीब 1250 किलोमीटर की पदयात्रा कर चुके हैं। मप्र के भारत यात्रियों ने से अनुभव साझा किए। यहां पढ़ें पूरी खबर और नेत्रियों के अनुभवजयराम रमेश ने 4 महीने प्लानिंग की, दिग्विजय को तैयारियों का जिम्मा12 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों से गुजरकर भारत जोड़ो यात्रा जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में खत्म होगी। हमने यात्रा का मैनेजमेंट संभाल रहे दिग्विजय सिंह और जयराम रमेश से बात की। उनसे जाना कि इतने लंबे इवेंट की प्लानिंग और तैयारी कैसे हुई। जयराम रमेश यात्रा के मीडिया कोऑर्डिनेटर भी हैं। उन्होंने बताया कि इसके पीछे 4 महीने की मेहनत है। इसकी तैयारियों का जिम्मा दिग्विजय सिंह को दिया गया था।