ब्रेकिंग
भाटापारा में स्वीकृत 100 बिस्तर के अस्पताल को कांग्रेस सरकार ने रोक दिया,,, केंद्र सरकार शिवरतन शर्मा की मांग पर यहां 50 बिस्तर का अस्पताल स्वीकृत किय... भाटापारा विधानसभा भाजपा प्रत्याशी के पास है विकास कार्यों की लंबी सूची तो कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश सरकार के कार्यों के दम पर लड़ेगी चुनाव शिवरतन ने आज तक जो जो वादा किया सभी को पूरा किया भाजपा सरकार आते ही भाटापारा बनेगा स्वतंत्र जिला- शिवरतन शर्मा ED का गिरफ्तार एजेंट के हवाले से दावा:महादेव सट्‌टेबाजी ऐप के प्रमोटर्स ने CM बघेल को दिए 508 करोड़ रुपए बीजेपी ने 4 उम्मीदवारों की चौथी लिस्ट जारी की छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के 7 प्रत्याशियों की सूची जारी, अब सभी 90 सीटों पर कांग्रेस के नाम घोषित 22 विधायकों का टिकट कटा, कसडोल से शकुंतला साहू की भी ट... भाटापारा विधानसभा में शिवरतन शर्मा से सीधा मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी इंद्र साव का होगा, सुनील, सतीश, सुशील, चेतराम को पछाड़ कर इंद्र ने अपने नाम की टि... छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की 53 नामों वाली दूसरी सूची जारी हुई, 10 विधायकों का टिकट कटा, भाटापारा से इंद्र साव, बलोदा बाजार से शैलेश नितिन त्रिवेदी को मि... छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की 30 नामो वाली सूची जारी, 8 विधायकों का टिकट कटा चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही भाजपा ने की 64 नाम की घोषणा, भाजपा की वायरल हुई सूची सच साबित हुई

नवरात्र:58 साल बाद अमृत योग, इस नवरात्र में पड़ रहे है कई विशिष्ट योग, साथ ही जाने कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

[10/16, 22:25] शारदीय नवरात्र का प्रारम्भ शनिवार 17 अक्तूबर को हो रहा है। पुरुषोत्तम मास की वजह से पितृ-विसर्जन अमावस्य़ा के एक माह बाद नवरात्र प्रारम्भ हो रहे हैं। देवी भगवती कई विशिष्ट योग-संयोग के साथ अश्व पर सवार होकर अपने मंडप में विराजमान होंगी। 58 साल बाद अमृत योग वर्षा हो रही है।

कई विशिष्ट योग

1962 के बाद 58 साल के अंतराल पर शनि व गुरु दोनों नवरात्रि पर अपनी राशि में विराजे हैं, जो अच्छे कार्यों के लिए दृढ़ता लाने में बलवान होगा। नवरात्रि पर राजयोग, द्विपुष्कर योग, सिद्धियोग, सर्वार्थसिद्धि योग, सिद्धियोग और अमृत योग जैसे संयोगों का निर्माण हो रहा है। इस नवरात्रि दो शनिवार भी पड़ रहे हैं
शारदीय नवरात्र (अश्विन) को देवी ने अपनी वार्षिक महापूजा कहा है। इसी नवरात्र को मां भगवती अपने अनेकानेक रूपों- नवदुर्गे, दश महाविद्या और षोड्श माताओं के साथ आती हैं। देवी भागवत में देवी ने शारदीय नवरात्र को अपनी महापूजा कहा है।

: स्थापना का मुहूर्त ( शनिवार)

शुभ समय – सुबह 6:27 से 10:13 तक ( विद्यार्थियों के लिए अतिशुभ)
अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 11:44 से 12:29 तक ( सर्वजन)
स्थिर लग्न ( वृश्चिक)- प्रात: 8.45 से 11 बजे तक ( शुभ चौघड़िया, व्यापारियों के लिए श्रेष्ठ)

तिथि क्षय नहीं, पूरे नवरात्र

इस बार शारदीय नवरात्र 17 से 25 अक्टूबर के बीच रहेंगे हालाँकि नवरात्र के नौ दिनों में कोई तिथि क्षय तो नहीं होगी लेकिन 25 तारिख को नवमी तिथि सुबह 7:41 पर ही समाप्त हो जाएगी। इसलिए नवमी और विजयदशमी (दशहरा) एक ही दिन होंगे।

नवरात्र: किसी तिथि का क्षय नहीं

प्रतिपदा – 17 अक्टूबर
द्वितीय – 18 अक्टूबर
तृतीया – 19 अक्टूबर
चतुर्थी – 20 अक्टूबर
पंचमी – 21 अक्टूबर
षष्टी – 22 अक्टूबर
सप्तमी – 23अक्टूबर
अष्टमी – 24 अक्टूबर
नवमी – 25 अक्टूबर

कलश स्था‍पना की तिथि: 17 अक्टूबर 2020
कलश स्था‍पना का शुभ मुहूर्त: 17 अक्टूबर 2020 को सुबह 06 बजकर 23 मिनट से 10 बजकर 12 मिनट तक।
कुल अवधि: 03 घंटे 49 मिनट

कलश स्थापना कैसे करें

नवरात्रि के पहले दिन यानी कि प्रतिपदा को सुबह स्नान कर लें।
मंदिर की साफ-सफाई करने के बाद सबसे पहले गणेश जी का नाम लें और फिर मां दुर्गा के नाम से अखंड ज्योत जलाएं और कलश स्थापना के लिए मिट्टी के पात्र में मिट्टी डालकर उसमें जौ के बीज बोएं।
अब एक तांबे के लोटे पर रोली से स्वास्तिक बनाएं। लोटे के ऊपरी हिस्सेे में मौली बांधें।
अब इस लोटे में पानी भरकर उसमें कुछ बूंदें गंगाजल की मिलाएं। फिर उसमें सवा रुपया, दूब, सुपारी, इत्र और अक्षत डालें।
इसके बाद कलश में अशोक या आम के पांच पत्ते लगाएं।
अब एक नारियल को लाल कपड़े से लपेटकर उसे मौली से बांध दें। फिर नारियल को कलश के ऊपर रख दें।
अब इस कलश को मिट्टी के उस पात्र के ठीक बीचों बीच रख दें, जिसमें आपने जौ बोएं हैं।
कलश स्थाशपना के साथ ही नवरात्रि के नौ व्रतों को रखने का संकल्पब लिया जाता है।
आप चाहें तो कलश स्था पना के साथ ही माता के नाम की अखंड ज्योोति भी जला सकते हैं।