निकाले गए संविदा स्टाफ; स्वास्थ्य मंत्री बोले-हमने इन्हें हटाने कोई आदेश नहीं दिए
बिलासपुर: सिम्स सहित प्रदेश के वायरोलॉजी लैब में नहीं है स्टाफ।बिलासपुर के सिम्स, राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज और अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज के वायरोलॉजी लैब में स्टाफ का संकट गहरा गया है। इसके चलते लैब में कोरोना सहित अन्य जांच प्रभावित हो रही है। दरअसल, इन तीनों वायरोलॉजी लैब के संविदा कर्मियों को निकाल दिया गया है, जिसके कारण इस तरह की अव्यवस्था की स्थिति निर्मित हुई। प्रबंधन का कहना है कि इनका टर्म समाप्त हो गया है, इसलिए यह स्थिति बनी है।सिम्स (छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान) के वायरोलाजी लैब के 21 कर्मियों की संविदा अवधि खत्म हो चुकी है। इसी तरह राजनांदगांव और अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज के लैब में भी यही स्थिति है। संविदा कर्मचारियों का कहना है कि संविदा अवधि बढ़ाने के लिए स्थानीय प्रबंधन की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसके चलते लैब में कोरोना सहित अन्य जांच प्रभावित हो रही है। इधर, संविदा अवधि न बढ़ाने का असर लैब में दिखने लगा है। कर्मचारियों की कमी के कारण कोरोना आरटीपीसीआर जांच पूरी तरह से प्रभावित है। सिम्स प्रबंधन का कहना है कि आने वाले दिनों में स्थिति ठीक हो जाएगी। लेकिन, अभी तक सिर्फ दो टेक्नीशियन से काम लिया जा रहा है।जांजगीर-चांपा, मुंगेली के सैंपल की जांच अटकीकर्मचारी कम होने की वजह से सिम्स वायरोलाजी लैब में सैंपल की जांच पेंडिंग है। हालांकि, अभी ज्यादा जांच नहीं हो रही है। इसके बाद भी स्टाफ की कमी के चलते मुंगेली, जांजगीर-चांपा और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जैसे जिलों के सैंपल की जांच ही नहीं हो पा रही है।एक वायरोलॉजी लैब में होने चाहिए इतने स्टाफजानकारों का कहना है कि एक वायरोलॉजी लैब में 8 टेक्निशियन, 9 लैब अटेंडेंट, 8 स्वीपर और पांच साइंटिस्ट होने चाहिए। लेकिन, प्रदेश के सभी वायरोलॉजी लैब में संविदा स्टाफ से काम चलाया जा रहा था, जिनका संविदा अवधि खत्म हो चुकी है, जिसके कारण अव्यवस्था की स्थिति बनी हुई है। इधर, संविदा कर्मचारियों ने सेवा अवधि बढ़ाने की मांग भी की है।स्वास्थ्य मंत्री बोले- संविदा कर्मचारियों को हटाने नहीं दिया है आदेशवहीं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का कहना है कि प्रदेश के सभी वायरोलॉजी लैब में नियमित कर्मचारियों की नियुक्ति करने के आदेश दिए गए हैं। जब तक नियुक्ति नहीं हो जाती है, तब तक संविदा कर्मचारियों से काम लिया जाना है। हमने किसी भी जगह पर संविदा कर्मचारियों को हटाने का आदेश नहीं दिया है। अगर ऐसा हुआ है तो DME से चर्चा कर इसकी जानकारी ली जाएगी। साथ ही संविदा कर्मचारियों को सेवा अवधि बढ़ाने के लिए कहा जाएगा।