बाबा महाकाल भक्तों का हाल जानने शाम चार बजे मंदिर से रवाना होंगे
उज्जैन। भगवान श्री महाकालेश्वर कार्तिक व अगहन मास में भी भक्तों को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकलेगें। इसमें कार्तिक मास की पहली सवारी 31 अक्टूबर सोमवार को निकलेगी। संध्या चार बजे पूजन-अर्चन के बाद सवारी नगर भ्रमण करते हुए शिप्रा तट पहुंचेगी। यहां से पूजन के बाद पारंपरिक मार्ग से वापस मंदिर आएगी।श्री महाकालेश्वर मंदिर में ग्वालियर के पंचाग से ही सारे पर्व व त्यौहार मनाए जाते है। मंदिर से निकलने वाली सवारियों का संचालन भी पंचाग में दी गई तिथि के अनुसार होता है। इसी क्रम में कार्तिक-अगहन मास में भी प्रति सोमवार को मंदिर के आंगन से भगवान महाकाल की चार सवारी निकलती है। वहीं एक सवारी वैकुंठ चतुर्दशी पर गोपाल मंदिर तक निकलेगी। इस बार कार्तिक मास में प्रथम सवारी 31 अक्टूबर को निकाली जाएगी। मंदिर के सभामडंप में भगवान के मुघौटे का पूजन किया जाएगा। इसके बाद सवारी गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी होकर रामघाट पहुंचेगी। यहां पर भगवान का पूजन अभिषेक के बाद रामघाट से गणगौर दरवाजा,मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, ढाबा रोड़, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार होकर शाम को करीब साढ़े छह बजे संध्या आरती के पहले वापस मंदिर लौटेगी।6 नवंबर को वैकुंठ चतुर्दशी की सवारी निकलेगीवैकुंठ चतुर्दशी की सवारी 6 नवंबर को निकलेगी। इस दिन भगवान महाकाल गोपालजी से मिलने रात 11 बजे पालकी में सवार होकर गोपाल मंदिर पहुंचेगें। गोपालजी के आंगन में पूजन और भेंट वार्ता होने के बाद बाबा महाकाल की सवारी रात करीब ढाई बजे वापसी में मंदिर आएगी। इस दौरान अतिशबाजी भी की जाएगी। इसके अगले दिन 7 नवंबर को कार्तिक मास की दूसरी सवारी सोमवार को शाम चार बजे निकलेगी