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AAP ने लगाते थे गड़बड़ी के आरोप; हाईकोर्ट में केस; 2 महीने का कार्यकाल बचा

चंडीगढ़: चंडीगढ़ नगर निगम मेयर सर्बजीत कौर समेत सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव को चुनौती देती इलेक्शन याचिका पर आज सुनवाई है। जनवरी महीने में आम आदमी पार्टी(AAP) की मेयर पद की उम्मीदवार अंजू कत्याल समेत अन्यों ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दायर याचिका में मेयर चुनाव में धांधली के आरोप लगाए थे। अब मेयर के कार्यकाल को सिर्फ 2 महीने बचें हैं। वहीं याचिका पर सुनवाई अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। ऐसे में यह याचिका के इंफ्रक्चुअस (निरस्त) हो होने की संभावना है। जस्टिस ऋतु बाहरी की बैंच में यह केस चल रहा है।मामले में अंतिम सुनवाई 28 सितंबर को हुई थी और दोनों पक्षों के वकील की मांग पर हाईकोर्ट ने सुनवाई 31 अक्तूबर के लिए स्थगित कर दी थी। इससे पहले बीती 4 अगस्त को प्रतिवादी पक्ष द्वारा दायर याचिका की मेंटेनेबिलिटी पर सवाल खड़े किए गए थे। इसके बाद मामला 18 अगस्त के लिए स्थगित हुआ था। कोर्ट ने कहा था कि उन्हें इस मुद्दे पर सहयोग करें कि नगर निगम चंडीगढ़ के वोट्स की गिनती के दौरान यदि एक वोट एक तरफ से फटा हो तो क्या वह चंडीगढ़ म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (प्रोसिजर एंड कंडक्ट ऑफ बिजनेस) रेग्युलेशन, 1996 के सब-क्लॉज 10 के नियम 6 के तहत एक मार्क माना जाएगा?याचिका लंबे समय से लंबित होना दुर्भाग्यपूर्ण: AAPचंडीगढ़ आप संयोजक प्रेम गर्ग का कहना है कि इलेक्शन याचिका लंबे समय से लंबित होना दुर्भाग्यपूर्ण है। इसका जल्द ही निपटारा होना चाहिए था। बता दें कि द रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपल एक्ट, 1951 की धारा 86 इलेक्शन याचिका के ट्रायल के बारे में कहती है। इसके पॉइंट 7 में कहा गया है कि हर इलेक्शन याचिका पर जितनी जल्द हो सके उतनी तेजी से सुनवाई करनी चाहिए। इसका 6 महीने में निपटारा करने का प्रयास होना चाहिए।बता दें कि इसी वर्ष जनवरी में मेयर बनने पर हाउस में शहर की सांसद किरण खेर की मौजूदगी में भारी हंगामा हुआ था। बड़ी मुश्किल से सरबजीत कौर को मेयर की कुर्सी पर बिठाया जा सका था। उस समय हाउस में सबसे ज्यादा वोट होने के बावजूद AAP अपना मेयर नहीं बना पाई थी। इलेक्शन से जुड़े अफसरों पर AAP ने भाजपा को जीताने के लिए गड़बड़ी के गंभीर आरोप लगाए थे।पुन: चुनाव की मांगAAP पार्षद अंजू कत्याल, प्रेम लता तथा राम चंद्र यादव ने याचिका हाईकोर्ट में दायर की थी। इसमें भाजपा की मेयर सरबजीत कौर समेत सीनियर डिप्टी मेयर दिलिप शर्मा और डिप्टी मेयर अनूप गुप्ता के चुनाव को रद्द करने की मांग की गई थी। इस चुनाव रिजल्ट को गैरकानूनी करार देने की मांग करते हुए नगर निगम के स्टेट इलैक्शन कमिश्नर तथा अन्य प्रतिवादी पक्षों को पुनः ताजा चुनाव करवाने के आदेश जारी करने की मांग की गई थी।अंजू कत्याल AAP की तरफ से मेयर पद की उम्मीदवार थी। उनके अलावा प्रेम लता सीनियर डिप्टी मेयर और राम चंद्र यादव डिप्टी मेयर पद के उम्मीदवार थे। मामले में प्रिसक्राइब्ड अथॉरिटी कम डिप्टी कमिश्नर कम डिवीज़नल कमिश्नर, चंडीगढ़ नगर निगम व अन्यों का पार्टी बनाया गया था। आरोप के मुताबिक भाजपा के दबाव में इसके कैंडिडेट्स को विजयी बनाने के लिए चुनाव से जुड़े अधिकारियों ने गलत हथकंडे अपनाए। बीते 8 जनवरी को हुए मेयर चुनाव में गैरकानूनी ढंग से भाजपा पार्षदों को विजयी घोषित किया गया।AAP ने कहा कि दिसंबर, 2021 में हुए निगम चुनावों में आप 14 सीटें लेकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में आई थी। हालांकि मेयर चुनाव के दौरान हुई धांधली के चलते कम वोटों के बावजूद भाजपा के कैंडिडेट्स को मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर चुन लिया गया।