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उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को वापस मिला ब्लू टिक, ट्विटर ने सही की अपनी गलती; RSS के दो नेताओं के ट्विटर अकाउंट अभी तक ‘Unverified’

नई दिल्ली। माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर ने भारत के उपराष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू के  आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ब्लू टिक हटा दिया। यह जानकारी शनिवार को उपराष्ट्रपति कार्यालय की ओर से दी गई है। उपराष्ट्रपति के अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दो शीर्ष नेताओं अरुण कुमार व सुरेश सोनी के ट्विटर अकाउंट से भी वेरिफाइड करने वाला ब्लू टिक हटा लिया गया है। बता दें कि इस ब्लू टिक से अकाउंट को वेरिफाइड माना जाता है। अब उपराष्ट्रपति का अकाउंट ‘unverified’ कर दिया गया। इसके पीछे का कारण अभी पता नहीं है। गौर करने वाली बात है कि उपराष्ट्रपति ने 23 जुलाई 2020 को अंतिम ट्वीट किया था वहीं संघ के दोनों नेताओं के अकाउंट में एक भी ट्वीट पोस्ट ही नहीं किया गया है।

इस बीच राष्ट्रीय सेवक संघ के नेता राजीव तुली ने दो और नेताओं के अकाउंट पर इस तरह की कार्रवाई की जानकारी दी और ट्विटर के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है।

ट्विटर के इस फैसले को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने आपत्ति जाहिर की है। भारतीय जनता पार्टी के एक नेता

सुरेश नाखुआ ने सवाल किया, ‘ट्विटर ने उपराष्ट्रपति के अकाउंट से ब्लू टिक क्यों हटा दिया? यह भारत के संविधान पर हमला है।’ वहीं कुछ लोगों ने कहा कि कि उपराष्ट्रपति का अकाउंट एक्टिव नहीं था और इसलिए ही ब्लू बैच हटा लिया गया है।

पिछले माह ऐसी खबर आई थी कि ट्विटर यूजर्स के अकाउंट को कैटेगरी में बांटा जाएगा। इसके तहत अलग-अलग प्रोफेशन से आने वाले लोगों को अलग ग्रुप के तहत वर्गीकृत किया जाएगा। नेताओं को एक अलग लेवल दिया जाएगा। जबकि पत्रकारों या कंटेंट राइटर को अलग लेवल दिया जाएगा।

अकाउंट के एक्टिव होने की जांच उसके पिछले 6 महीने के आंकड़ों से लिया जाता है कि यूजर ने अपने हैंडल का इस अवधि में इस्तेमाल किया है या नहीं। एक यूजर का कहना है कि 23 जुलाई 2020 के बाद उपराष्ट्रपति ने कोई ट्वीट नहीं किया। ट्विटर की पॉलिसी के अनुसार ब्लू टिक स्वचालित रूप से निष्क्रिय खातों से हटा दिए जाते हैं।