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आदिवासियों के खिलाफ दर्ज 718 प्रकरण वापस, 944 को मिला लाभ

रायपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल पीड़ित क्षेत्रों में आदिवासियों पर दर्ज 718 मामलों की समीक्षा के बाद 944 लोगों को दोषमुक्त किया गया है। न्यायालय के माध्यम से आदिवासियों के खिलाफ दर्ज प्रकरणों की वापसी के लिए जस्टिस पटनायक कमेटी के समक्ष आवेदन पेश किया गया था।

समिति ने 627 प्रकरणों की वापसी की अनुशंसा की थी। पटनायक समिति की अनुशंसा के आधार न्यायालय से 594 प्रकरण वापस लिये जा चुके हैं। इसमें 726 व्यक्तियों को लाभ प्राप्त हुआ है। वर्तमान में सिर्फ 33 प्रकरण न्यायालय से वापसी के लिए लंबित हैं।

इसी तरह पुलिस विभाग ने 365 नक्सल प्रकरणों को न्यायालयों में स्पीडी ट्रायल के लिए चिन्हित किया, जिसमें न्यायालय ने 124 प्रकरणों को दोषमुक्त करते हुए 218 आरोपितों को लाभान्वित किया गया है। इसमें दंतेवाड़ा के 24 प्रकरणों में 36 लोग, बीजापुर में 44 प्रकरणों में 47, नारायणपुर में सात प्रकरणों में नौ और कोंडागांव में तीन प्रकरणों में नौ आरोपितों को दोषमुक्त किया गया है।

इसी तरह कांकेर में एक प्रकरण में छह, सुकमा में 44 प्रकरणों में 109 और राजनांदगांव में एक प्रकरण में दो आरोपितों को दोषमुक्त किया गया है। सुरक्षा, विश्वास और विकास की नीति पर अमल करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में निर्दाेष आदिवासियों के खिलाफ दर्ज प्रकरणों की वापसी के लिए उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एके पटनायक की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया। जिला प्रशासन और पुलिस विभाग को भी आदिवासियों के खिलाफ दर्ज नक्सल मामलों की छानबीन कर निर्दाेष आदिवासियों को राहत प्रदान करने के निर्देश दिए हैं।