मंदसौर में बोलीं मेधा पाटकर, कृषि कानून वापस लेने तक जारी रहेगी लड़ाई
मंदसौर। 6 जून 2017 को हुए किसान आंदोलन में मारे गए छह किसानों की चौथी बरसी पर रविवार को किसान नेताओं ने दिवंगत किसानों की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धाजंलि दी। शहीद किसान दिवस पर टकरावद में हुई श्रद्धाजंलि सभा में नर्मदा बचाओ आंदोलन से जुड़ी मेधा पाटकर और पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन सहित अनेक नेता शामिल हुए। पाटकर ने कहा कि जब तक किसानों की मांगे नही मानी जाती लड़ाई जारी रहेगी।
नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीनों कृषि कानून वापस लेने तक लड़ाई जारी रहेगी। कोरोना व लाकडाउन के नाम पर सरकार पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने का काम कर रही है। मंदसौर का किसान आंदोलन एक जन आंदोलन बना व आज देश भर में जगह-जगह आंदोलन हो रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से भाजपा में जाने पर उन्होंने कहा कि राजनीति आजकल बाजार हो गई है। इस दौरान पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन, किसान समन्वय समिति जिलाध्यक्ष दिलीप पाटीदार, अमृतराम पाटीदार सहित अनेक किसान नेता उपस्थित थे।
क्या हुआ था किसान आंदोलन में
1 जून 2017 को प्याज व अन्य फसलों के उचित दाम सहित अन्य मांगों को लेकर शुरू हुए किसान आंदोलन ने 6 जून को हिंसक रूप ले लिया था। तब पुलिस व सीआरपीएफ जवानों द्वारा चलाई गई गोलियों से पूनमचंद पाटीदार टकरावद, कन्हैयालाल पाटीदार चिल्लोद पिपलिया, अभिषेक पाटीदार बरखेड़ा पंथ, सत्यनारायण धनगर लोध, चेनराम पाटीदार नयाखेडा की गोली लगने से मौत हो गई थी वहीं बड़वन निवासी घनश्याम धाकड़ की दलौदा पुलिस चौकी में पुलिस की पिटाई से मौत हो गई थी।