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पीएम मोदी की वैक्सीन नीति समीक्षा से राजकोषीय घाटे के लक्ष्य से चूक सकती है सरकार: Nomura

नई दिल्ली। जापानी ब्रोकरेज Nomura की एक रिपोर्ट सामने आई है. इसमें Nomura ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टीकाकरण नीति की समीक्षा ‘कायापलट’ वाली थी और नवंबर तक खाद्य योजना के विस्तार के साथ इसे जोड़ने से सरकार अपने बजटीय राजकोषीय घाटे के लक्ष्य से चूक सकती है। नोमुरा ने कहा कि नवंबर तक 80 करोड़ परिवार को मुफ्त राशन के विस्तार के साथ सभी वयस्कों के लिए टीकाकरण पर 1.05 लाख करोड़ रुपये या सकल घरेलू उत्पाद का 0.5 प्रतिशत तक खर्च होगा। इस वजह से सरकार 6.8 प्रतिशत राजकोषीय घाटे के लक्ष्य से फिसल सकती है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह की घटना देश की सॉवरेन रेटिंग पर भी असर डाल सकती है, जिसकी समीक्षा साल के अंत तक या अगले साल की शुरुआत में होनी है। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट की कड़ी आलोचना और विपक्ष की मांगों के बाद पीएम मोदी ने सोमवार को घोषणा की कि केंद्र जून 2021 से 75 प्रतिशत टीके खरीदेगा।

रिपोर्ट में कहा गया, COVID ​​-19 की दूसरी लहर कम हो रही, ऐसे में जीवन और आजीविका दोनों से निपटने के लिए मुफ्त टीकों और मुफ्त भोजन का वितरण आवश्यक है। पिछले कुछ महीनों में वैक्सीन खरीद पर विकेन्द्रीकृत रणनीति राज्यों के लिए कारगर नहीं रही है। रिपोर्ट में कहा गया कि टीकाकरण नीति में सुधार (केंद्रीकृत वैक्सीन खरीद पर वापस लौटने) से राज्यों के लिए टीकों की बेहतर उपलब्धता संभव होगी, जो आने वाले महीनों में रिकवरी को बनाए रखने के लिए जरूरी है।

रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ टीकाकरण पर अतिरिक्त 14,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे, इसमें केंद्र दो बार के डोज के लिए प्रति व्यक्ति औसतन 725 रुपये खर्च करेगा। मुफ्त भोजन कार्यक्रम के मामले में सरकार ने कहा है कि वह पहले ही अप्रैल और मई में लगभग 26,000 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है, और इसे नवंबर तक बढ़ाने से लागत में 65,000 करोड़ रुपये और जुड़ने की संभावना है।