ब्रेकिंग
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने 21 सीटों पर प्रत्याशियों के नामों को दी स्वीकृति न्यू विस्टा लिमिटेड रिसदा ने धूमधाम से मनाया 77 वा स्वतंत्रता दिवस समारोह शिवरतन शर्मा ने बघेल सरकार पर साधा निशाना, कहा- किसानों पर थोपी जा रही अमानक वर्मी खादभारतीय जनता पार्टी ने भाटापारा विधानसभा सहित प्रदेश में व्याप्त ... भाटापारा पंचशील नगर में जिला बलौदाबाजार भाटापारा कि साइबर टीम, थाना भाटापारा शहर एवम् आबकारी विभाग बलोदाबजार की संयुक्त कार्यवाही लगभग 100 नग देशी मशा... भाटापारा विधानसभा के वरिष्ठ कांग्रेसी लीडर राधेश्याम शर्मा (फग्गा) ने विधानसभा चुनाव के लिए की दावेदारी पेश नगर में अपनी मिलनसारिता, स्नेह व धार्मिक, ... किसानो के हित में समर्पित सुशील शर्मा भूपेश सरकार की योजनाओ को धरातल पर क्रियान्वयन कराने में अग्रणी भूमिका निभा रहे किसानो के हितार्थ काम कृषि ऊपज मंडी कर रही है-गिरीश देवाँगन प्रदेश में सर्वे कराना भूपेश सरकार का क्रांतिकारी कदम-सुशील शर्मा छत्तीसगढ को देश का शिखर बनाना है – ओम माथुर भाजपा की जंगी आम सभा भेंट मुलाकात कार्यक्रम में जिला या निगम की बड़ी घोषणा की उम्मीद ध्वस्त,जनमानस में निराशा

बेटा-बहू की प्रताड़ना से त्रस्‍त बुजुर्ग ने लगाई फांसी

भोपाल। गांधीनगर थाना इलाके में एक बुजुर्ग ने फांसी लगा ली। पुलिस ने मौके से एक सुसाइड नोट बरामद किया है। उसमें अपने मंझले पुत्र और उसकी पत्नी पर प्रताड़ना का आरोप लगाया गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
गांधीनगर थाना पुलिस के मुताबिक ज्ञानचंद्र गंगवानी (62) शिवाजी वार्ड में रहते थे। उनके तीन बेटे हैं। दो पुत्र ज्ञानचंद्र के मकान में अलग-अलग मंजिल पर परिवार के साथ रहते हैं। ज्ञानचंद्र मकान के निचले हिस्से में रहते थे। तीसरे बेटे को ज्ञानचंद्र ने मोहल्ले में अलग मकान दिलवा रखा है। मंगलवार सुबह परिवार के लोगों ने ज्ञानचंद्र को फांसी पर लटका देख पुलिस को सूचना दी।
मौके पर पहुंची पुलिस को कमरे से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ। उसमें लिखा था कि मंझले बेटे और उसकी पत्नी से प्रताड़ित होकर वह इस तरह का कदम उठा रहे हैं। दोनों आए दिन उनके साथ बदसलूकी करते हैं। उन्‍हें ढंग से खाना भी नहीं दिया जाता। सुसाइड नोट में बुजुर्ग द्वारा यह भी लिखा गया था कि मंझली बहू ने उनके खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया है। इस वजह से वह काफी परेशानी का सामना कर रहे हैं। उन्होंने जिंदगी भर की कमाई बच्चों के लिए लगा दी। उन्हें रहने के लिए मकान बनाकर दिए। इसके बाद भी वह बुढ़ापे में पेंशन पर गुजारा करने को मजबूर हैं। ज्ञानचंद्र पहले कबाड़े का काम करते थे। पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है।