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पवैया के घर पहुंचे सिंधिया, कहा-अतीत को भूलेंगे

ग्वालियर। राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया और भाजपा नेता व पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया की शुक्रवार को हुई मुलाकात चर्चा का विषय बन गई। सिंधिया शुक्रवार शाम पौने चार बजे पवैया के निवास सेवापथ पर उनके पिता के निधन पर शोक जताने पहुंचे थे। 30 मिनट की इस मुलाकात के बाद दोनों नेताओं ने कहा कि यह एक सामान्य भेंट थी। पवैया ने परंपरा अनुसार गंगभोज के प्रसाद के रूप में सिंधिया को श्रीमद्भागवत गीता, रामनामी व तुलसी की माला भेंट की। उल्लेखनीय है कि पवैया सिंधिया परिवार के खिलाफ बोलने के लिए जाने जाते रहे हैं, इसलिए जब इस मुलाकात की सूचना इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुई तो राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई।

सिंधिया शाम करीब पौने चार बजे गोला का मंदिर पर स्थित जयभान सिंह पवैया के निवास पर पहुंचे। यहां पवैया ने उनका आत्मीय स्वागत किया। इसके बाद सिंधिया ने पवैया के पिता स्व बलवंत सिंह के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद सिर्फ सार्वजनिक कार्यक्रमों में ही दोनों का आमना-सामना व चर्चा होती थी। यह पहला मौका है जब राजपरिवार के मुखिया के साथ पवैया की एकांत में चर्चा हुई। बताया गया है कि कोरोना से निपटने और राजनीतिक परिदृश्य पर भी दोनों के बीच बातचीत हुई है। दो दिन पहले केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी पवैया के घर शोक संवेदनाएं व्यक्त करने गए थे।

1998 से महल के घुर विरोधी रहे हैं पवैयाः पूर्व मंत्री पवैया ने ज्योतिरादित्य की दादी राजमाता विजयाराजे सिंधिया के साथ काम किया है। वे कई धर्म सभाओं में शामिल हुए, लेकिन 1998 के लोकसभा चुनाव में स्व. माधव राव सिंधिया के खिलाफ चुनाव लड़कर उन्होंने सामंतवाद को चुनावी मुद्दा बनाया था। हालांकि वे यह चुनाव हार गए। इसके बाद माधवराव ने अपना संसदीय क्षेत्र बदलकर गुना-शिवपुरी कर लिया था। इसके बाद पवैया ग्वालियर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव जीते। पवैया को 2014 में भाजपा ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ाया था। इस चुनाव में उन्होंने कहा था-मैं किसी मुक्तिधाम की नहीं, राष्ट्र पर प्राणों की आहुति देने वालों की चरण रज लेकर आया हूं। ये कटाक्ष उन्होंने सिंधिया राजघराने की छतरी बनाम रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान स्थल की मिट्टी के संबंध में किया था। इस पर काफी बवाल मचा था। ज्योतिरादित्य सिंधिया जब कांग्रेस में थे, तब पवैया समय-समय पर महल पर जुबानी हमला बोलते रहे हैं।

सिंधिया ने निगमायुक्त शिवम वर्मा से जानी चंबल प्राेजेक्ट की वास्तविक स्थितिः

-सिंधिया ने निगमायुक्त से चंबल प्रोजेक्ट को लेकर चर्चा की। निगमायुक्त शिवम वर्मा ने बताया कि प्रोजेक्ट शहरी विकास योजना के तहत तैयार किया जा रहा है।

-माधवराव सिंधिया ग्वालियर व्यापारी संघ ने राज्य सभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया, सांसद विवेक नारायण शेजवलकर व रेंज के पुलिस अधिकारियों को को शुक्रवार को ज्ञापन सौपकर मंदिर व मैरिज गार्डन खोलने का अनुरोध किया।

-सिंधिया वरिष्ठ पत्रकार केशव पांडे के यहां पहुंचे। यहां उन्होंने पांडे की पत्नी के निधन पर शोक व्यक्त किया।

वर्जन- 

अतीत, अतीत होता है। पवैया व मैंने नया संबंध और नया रिश्ता कायम करने की कोशिश की है। वर्तमान में हम दोनों कार्यकर्ता हैं। दोनों साथ मिलकर ग्वालियर-चंबल अंचल के विकास के लिए काम करेंगे। पवैया का अनुभव काम आएगा।

ज्योतिरादित्य सिंधिया, राज्यसभा सदस्य

वर्जन-

सिंधिया आज दुख बांटने घर आए तो अच्छा लगा। पिता के निधन के बाद मेरा पूरा परिवार कोरोना संक्रमित हुआ था। वह घोर संकट का दौर था। यह एक सामान्य भेंट थी, इसे राजनीतिक दृष्टि से न देखा जाए। एक कार्यकर्ता दूसरे कार्यकर्ता के घर दुख बांटने के लिए आया था। मैंने भी उनका अतिथि परंपरा के अनुसार सत्कार किया। यह मुलाकात संवेदनाएओं से भरी थी।

जयभान सिंह पवैया, पूर्व मंत्री व भाजपा नेता