चेहरा पहचानने वाले सॉफ्टवेयर पर उठे सवाल, जानिए इसका इस्तेमाल कितना है खतरनाक
लंदन। यूके के चीफ डेटा प्रोटेक्शन रेगुलेटर ने लाइव फेशियल रिकग्निशन (LPR) टेक्नोलॉजी के पब्लिक प्लेस में इस्तेमाल को लेकर कई तरह के सवाल उठाये हैं। रिपोर्ट के मुताबिक CCTV से अलग LFR टेक्नोलॉजी ऑटोमेटिक तरीके से आपकी पहचान को उजागर कर सकती हैं। साथ ही आपकी संवेदनशील जानकारी को कलेक्ट कर सकते हैं। इस तकनीक से किसी भी व्यक्ति की इंस्टैंट प्रोफाइलिंग करके टारगेटेड विज्ञापनों को जारी किया जा सकता है।
आपकी हर मूवमेंट पर रहेगी नज़र
यूके इन्फॉर्मेशन कमिश्नर ELizabeth Denham ने कहा कि मैं इस तरह की टेक्नोलॉजी को लेकर काफी चिंतित हूं, क्योंकि लाइव फेशियल रिकग्निशन (LFR) टेक्नोलॉजी को गलत कामों में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे बड़े स्तर पर पर्सनल डेटा को बिना परमिशन के कलेक्ट करने के काम में लाया जा सकता है। यह यूजर प्राइवेसी के लिहाज से काफी खतरनाक हो सकता है। इस टेक्नोलॉजी की मदद से आप कहां जा रहे हैं, क्या कर रहे हैं। इसकी पूरी जानकारी हासिल की जा सकती है।
LFR टेक्नोलॉजी का साबित हो सकती है खतरनाक
Elizabeth ने कहा कि आने वाले दिनों में CCTV कैमरे और LFR की संख्या तेजी से बढ़ेगी। ऐसे में इस तकनीक को सोशल मीडिया से जोड़कर ज्यादा खतरनाक बनाया जा सकता है। साथ ही LFR टेक्नोलॉजी को CCTV के साथ जोडा जा सकता है। यूके इन्फॉर्मेशन कमिश्नर की रिपोर्ट के मुताबिक प्राइवेट ऑर्गेनाइजेशन और प्राइवेट कंपनियां की तरफ से पब्लिक प्लेस में LFR टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है, जो कि पूरी तरह से गलत है।
अमेरिका में फेस रिकग्निशन पर प्रतिबंध
बता दें कि अमेरिका में लोग फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी पर भरोसा नहीं करते हैं. ऐसे में कुछ शहरों में इसके इस्तेमाल को प्रतिबंधित रखा गया है। साथ ही कुछ टेक कंपनियों जैसे Microsoft और Amazon ने फिलहाल के लिए फेस रिक्ग्निशनल टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को रोक रखा है।