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14 साल के बच्चे की जुबानी- भाई यशवंत की मौत की कहानी

इंदौर। 17 वर्षीय यशवंत जितेंद्र पिंडोरिया आत्महत्या केस को सुलझाने में अहम 14 वर्षीय राज (भाई) ही अहम कड़ी बना है। अफसरों ने राज के कथन लिए तो उसने उन रहस्यों से पर्दा उठा दिया जो यशवंत के स्वजन छुपा रहे थे। राज ने यशवंत के घर से जाने से लेकर गोली मारने की सारी बातें पुलिस को बता दीं। अब स्वजन उस पर ही पिस्टल इधर-उधर करने का आरोप लगा रहे हैं।

कंपेल निवासी यशवंत ने मंगलवार को फार्म हाउस (शारदा क्लीनिक) पर गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी। स्वजन ने पुलिस को बताए बगैर उसका दाह संस्कार कर दिया और मौके से खून, पिस्टल व उसकी शर्ट गायब कर दी। बस, इतना बताया कि उसे हार्ट अटैक आया है। पुलिस ने राज को बयान के लिए बुलाया तो पहले वह गुमराह करता रहा। राज ही वो शख्स था जिसने सबसे पहले यशवंत को देखा था। नईदुनिया से बातचीत में राज ने पूरा घटनाक्रम बयां कर दिया। उसने बताया कि कैसे यशवंत ने गोली मारने का षड्यंत्र रचा और कैसे स्वजन उसकी असामान्य मौत पर पर्दा डालते रहे।

मैं पहुंचा तब भैया की सांसें चल रही थीं

भैया दीदी मुस्कान के बेटे को खिला रहा था। थोड़ी देर बाद मुझसे पानी की बोतल मांगी और कहा मैं दो मिनट में आता हूं। मम्मी (कांता) ने कहा जल्दी आ जाना, तेरे पापा का फोन आएगा तो क्या बोलूंगी। यशवंत ने कहा-दीदी का फोन ले जा रहा हूं, कोई बात हो तो काल कर देना। मैंने देखा थोड़ी देर बाद भैया हाल में गया और चुपचाप निकल गया। शक होने पर मैं हाल में गया तो देखा फोन तो साइलेंट मोड पर पड़ा हुआ हूं। मैंने सीसीटीवी फुटेज देखे तो पैदल पैदल जाते हुए दिखाई दिया। पहले मैं चौराहा पर ढूंढने गया था, लेकिन वहां नहीं मिलने पर फार्म हाउस गया और देखा भैया ऊपर वाले कमरे में बेसुध पड़ा हुआ है।

फूफा ने कहा-पुलिस पूछे तो बताना भैया मुझे बेसुध अवस्था में मिला। उस वक्त उसकी सांसें चल रही थीं और पिस्टल हाथ के पास ही पड़ी थी। राज ने कहा उसने तत्काल चौकीदार मुकेश को बुलाया। मुकेश दौड़ते हुए घर गया और दादा ( मांगीलाल) व मां (कांता) को बुलाकर लाया। कुछ ही देर में स्वजन आ गए और भैया को खाट पर लेटा दिया। फूफा ने कहा यह पुलिस केस है। पुलिसवाले पूछने आएं तो बता देना मैंने तो मृत ही देखा था। इसके बाद उन्होंने हार्ट अटैक से मरना बता कर भैया का अंतिम संस्कार कर दिया।