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भाटापारा क्षेत्र में दर्जनों लोग दाऊ कल्याण सिंह ट्रस्ट की जमीन को खरीदकर मालिक बन गए,करोड़ों रुपये की करीब 100 एकड़ जमीन को राजसात के आदेश

छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार-भाटापारा जिलान्तर्गत भाटापारा क्षेत्र में दर्जनों लोग दाऊ कल्याण सिंह ट्रस्ट की जमीन को खरीदकर मालिक बन चुके हैं । राजस्व मंडल के फैसले के बाद अब तहसीलदार 30 दिन में इसे खाली कराकर कब्जा लेंगे।

राजस्व मंडल बिलासपुर ने एक आदेश जारी कर दाऊ कल्याण सिंह ट्रस्ट की भाटापारा क्षेत्र की करोड़ों रुपये की करीब 100 एकड़ जमीन को राजसात कर दिया है। मंडल ने हाईकोर्ट के निर्देश पर इस मामले की सुनवाई की है और वसीयतनामे के आधार पर जमीन के हस्तातंरण को अवैध पाया है। तहसीलदार को 30 दिन में इस सम्पत्ति पर कब्जा लेने का निर्देश दिया गया है। इस मामले में मुकदमा 37 साल चला है।

सूबे के प्रख्यात दानदाता दाऊ कल्याण सिंह निःसंतान थे। उनकी मौत के बाद उनकी पत्नी जनक नंदिनी और सरजावती ने सम्पत्ति की देखभाल के लिये एक ट्रस्ट बनाया। इसमें एक ट्रस्टी के रूप में राममूर्ति को भी दर्शाया गया था। इनकी मृत्यु के पश्चात् एक वसीयतनामा राममूर्ति के नाम से दर्शाया गया जिसके द्वारा ट्रस्ट की सम्पत्ति अनूप कुमार व अन्य के नाम हस्तांतरित कर दिया गया था।

इस हस्तांतरण को हाईकोर्ट में नितिन आहूजा व अन्य ने सन् 2017 में चुनौती दी थी और वसीयतनामे के आधार पर ट्रस्ट की जमीन के हस्तांतरण को अवैध बताया था। हाईकोर्ट ने इस मामले में राजस्व मंडल बिलासपुर को निर्णय लेने कहा था। राजस्व मंडल ने भाटापारा के तहसीलदार को 30 दिन के भीतर ट्रस्ट की भाटापारा, हथनी, औरेठी, पटपर आदि ग्रामों में स्थित जमीन को राजसात कर कब्जे में लेने का निर्देश दिया है।

राजस्व मंडल के इस आदेश पर वसीयतनामे के आधार पर खरीदी गई जमीन के मालिकों में खलबली मची हुई है।