अनुकंपा के लिए धरना जारी, प्रशासन ने बुलाई बैठक
भिलाई। बीएसपी के दिवंगत कर्मी कार्तिक राम के परिवरजन अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर बुधवार को भी सेक्टर-1चौक पर धरना पर बैठे रहे। उनके द्वारा श्रमिक यूनियनव विभिन्न समाज के साथ 26 फरवरी को एमडी बंगला घेराव को लेकर रणनीति बनाई जा रही है।
इधर प्रशासन ने इससे एक दिन पहले 25 फरवरी को बैठक बुलाई है। इसकी सूचना आंदोलनरत परिवारजनों को आज दी गई।
बीएसपी के कर्मचारी कार्तिक राम ठाकुर की मौत चार जनवरी को हो गई थी। मौत के दो दिन पहले ही कार्तिक राम ने बीमारी का करण दर्शाते हुए आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति देने आवेदन बीएसपी में दिया था। इसी आवेदन को आधार बनाते हुए परिवारजन अनुकंपा नियुक्ति की मांग पर अड़े हैं।
इसे लेकर वे धरना पर हैं। 50 दिन से भी ज्यादा हो गया परन्तु अब तक उन्हें न्याय नहीं मिल पाया है। बीते रविवार को इस मुद्दे पर पीड़ित परिवारजन, गोंडवाना समाज सहित विभिन्न समाज एवं श्रमिक संगठनों की बैठक हुई थी। इसमें तय किया गया है कि इस प्रकरण को लेकर 26 फरवरी को बीएसपी के तालपुरी स्थित एमडी बंगला (वर्तमान में निदेशक प्रभारी निवास) का घेराव करेंगे।
इसके लिए लगातार बैठक कर रणनीति भी बनाई जा रही है। बैठक में भिलाई शहर के तमाम गणमान्य नागरिक उपस्थित होकर कार्तिक राम मामले और भिलाई इस्पात संयंत्र से जुड़े मुद्दों पर विचार रखने के साथ ही सहभागिता पर जोर दे रहे हैं। आज आंदोलन में चंद्रकला तारम, अश्लेष मरावी, मंजू ठाकुर, मीना राज, सावित्री ठाकुर, खिलेश्वरी ठाकुर, इंदु, गौरी, ईश्वरी, महेंद्र सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
इधर गोंडवाना समाज के जिला अध्यक्ष चंद्रभान सिंह ठाकुर ने इस पूरे मामले में जिला प्रशासन के अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनका रवैया प्रदेश सरकार को बदनाम करने जैसा दिख रहा है। प्रदेश सरकार जहां आदिवासियों के विकास पर काम कर रही है वहीं जिले में एक आदिवासी परिवार 50 दिनों से आंदोलन पर बैठा है।
न्याय तक आंदोलनः
स्वं कार्तिक राम ठाकुर की पत्नी आसन बाई ठाकुर ने कहा कि हम न्याय मांग रहे हैं कोई खैरात नहीं। बीएसपी प्रबंधन आदिवासी समाज का माखौल उड़ा रहा है। मैं और मेरा पूरा परिवार न्याय मिलने तक आंदोलन पर रहेगा। भिलाई के कई समाज व श्रमिक यूनियन भी इस संघर्ष में मेरे साथ हैं। जिला प्रशासन द्वारा 25 जनवरी को बैठक बुलाई गई है।