निश्शक्त महिला से धोखे से रजिस्ट्री कराने वाले के खिलाफ हुई कड़ी कार्रवाई
रायपुर: राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डा. किरणमयी नायक ने जिला पंचायत कोरबा के सभाकक्ष में 25 प्रकरणों की सुनवाई की। महिला आयोग के समक्ष जिले में महिला उत्पीड़न से संबंधित 25 प्रकरण सुनवाई के लिए पेश किए गए। इनमें से 22 प्रकरणों का निराकरण किया गया। महिला आयोग की अध्यक्ष डा. किरणमयी ने करतला तहसील के चिकनी पाली गांव की वृद्ध और असहाय महिला के जमीन संबंधी विवाद का निपटारा किया।
आवेदिका के अनुसार, अनावेदक ने उसके वृद्ध और अंधे-बहरे होने का फायदा उठाकर धोखे से बिना पूरे पैसे दिए उसकी जमीन की रजिस्ट्री करा ली थी। महिला आयोग ने सुनवाई कर 15 दिन के भीतर पैसे वापस करने या भुगतान करने में सक्षम न होने पर वृद्ध महिला के नाम पुन: रजिस्ट्री करने के निर्देश दिए। एक अन्य मामले में आवेदिका ने कार्य क्षेत्र से पृथक कर कार्यालय में संलग्न करने की शिकायत महिला आयोग में दर्ज कराई थी।
महिला आयोग ने इस प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए कहा कि संलग्नीकरण या किसी अन्य प्रकार का विभागीय दायित्व सौंपना कार्य स्थल पर प्रताड़ना की श्रेणी में नहीं आता। महिला आयोग के कार्य क्षेत्र से बाहर होने के कारण इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।
महिलाएं समाज का आधार
आयोग की अध्यक्ष डा. किरणमयी ने महिलाओं को सुरक्षित माहौल प्रदान करने के लिए सभी कार्यालयों, जहां पर महिलाएं कार्यरत हो, वहां आतंरिक परिवाद समिति का गठन करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि महिलाएं समाज का आधार होती हैं। उन पर किसी भी प्रकार से उत्पीड़न नहीं किया जाएगा। सुनवाई के दौरान सदस्य शशिकांता राठौर, अर्चना उपाध्याय उपस्थित रहीं।