चातुर्मास में 28 साल से लगातार हर साल किया एक माह तक उपवास
रायपुर: राजधानी में चार जगहों पर जैन धर्म के उपाश्रय स्थलों में चातुर्मासिक प्रवचन पर भक्ति भाव की लहर बह रही है। साध्वीगणों के मार्गदर्शन में सैकड़ों साधक व्रत, उपवास करके अपनी संकल्प शक्ति को मजबूत करने में जुटे हैं। जैन धर्म के नियमों के अनुरूप तेला-बेला और अट्ठम-अट्ठाई, मासखमण जैसी तपस्याओं का सिलसिला जारी है। इसी के तहत पंचशील नगर निवासी 64 वर्षीय विजय संचेती लगातार 28वें साल अपना मासखमण यानी एक माह का उपवास कर रहे हैं। अनेक तपस्वी भी एक-एक माह का उपवास कर चुके हैं।
रायपुर श्रमण संघ के अध्यक्ष ललित पटवा ने बताया कि टैगोर नगर स्थित लालगंगा पटवा स्थानक भवन में जैन धर्म में चातुर्मास को बहुत अधिक महत्व दिया जाता है। आत्म कल्याण के लिए तपस्या करने वालों की झड़ी लग गई है। साध्वी मंगलप्रभा एवं साध्वी दिव्यांशी श्रीजी द्वारा स्थानक में 2 घंटे साधना और स्वाध्याय करवाया जाता है।
अन्य इलाकों जैसे सदर बाजार के ऋषभदेव जैन मंदिर, मालवीय रोड व सन्मति नगर के दिगंबर जैन मंदिर, चौबे कॉलोनी के शंखेश्वर श्वेतांबर जैन मंदिर, भैरव सोसाइटी, शंकर नगर जैन मंदिर, विवेकानंद नगर के श्रीज्ञान वल्लभ उपाश्रय में धर्मसभा में प्रवचन सुनकर श्रद्धालु अपने विचारों की शुद्धि कर रहे हैं।
केवल गर्म पानी पीकर 28वां मासखमण उपवास
न्यू पंचशील नगर तपस्वी विजय संचेती का 30वां उपवास शनिवार को पूरा होगा। वे एक माह से केवल गरम पानी पीकर उपवास कर रहे हैं। इस साल उनका 28वां मासखमण है। वे बताते हैं कि 1994 में साध्वी मणिप्रभा का छत्तीसगढ़ आगमन हुआ था। उनके आशीर्वाद से पहली बार 30 दिनों का व्रत किया। हालांकि इससे पहले उन्होंने आठ-आठ दिनों का उपवास किया हुआ था।
इसके बाद हर चातुर्मास पर एक-एक महीने का उपवास करते आ रहे हैं। वे सूर्य उदय होने के एक घंटे बाद गर्म पानी पीते हैं। दिनभर एक बूंद पानी नहीं पीते और शाम को सूर्यास्त होने के एक घंटे पहले फिर गर्म पानी पीते हैं। इस तरह पूरे 30 दिनों तक गर्म पानी पीकर ही उपवास पूरा हाेता है।
40 साल से रात्रि भोजन का त्याग
श्रीसंचेती ने अपनी दिनचर्या में 40 साल से रात्रि भोजन का त्याग कर रखा है। आम दिनों में भी सूर्य अस्त होने के पहले भोजन कर लेते हैं। जैन धर्म में वर्जित जमीकंद जैसे आलू, प्याज, लहसुन का कभी सेवन नहीं करते।
विकास धाड़ीवाल का 30वां उपवास
अन्य तपस्वियों में शैलेंद्र नगर में संत हेमंत मुनि के सानिध्य में विकास धाड़ीवाल ने भी अपना 30वां उपवास पूर्ण कर लिया है। इनके अलावा विकास पटवा, भंवरलाल गुंदेचा, संदीप बैद, चंचल देवी सुराना, शशांक नाहटा ने आठ-आठ दिनों की तपस्या पूरी कर ली है। बबीता सेठिया ने 15, रेखा आछा ने 12 और आशीष चोपड़ा ने छह उपवास का प्रत्याख्यान ग्रहण किया है।