कोरोना काल में बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षिका ने पाठ को बदल दिया वर्कशीट में
रायपुर: कोरोना काल में शिक्षकों ने बच्चों के भविष्य के लिए जो कर दिखाया है वह सालों बाद भी प्रेरक प्रसंग के रूप में जीवंत रहेगा। राजधानी रायपुर की शिक्षिका अनामिका पांडेय की अनोखी पहल इन दिनों चर्चा का विषय बन गई है। अनामिका विज्ञान की शिक्षिका हैं और कोरोना काल में बच्चों को मोहल्ला कक्षाओं में पढ़ा रही हैं। उन्होंने पाठवार तरीके से पढ़ाने के लिए अपने स्तर पर ही पाठ को वर्कशीट में बदल दिया। कोरोना काल में पिछले साल से अब तक वर्कशीट के माध्यम से अनामिका स्कूल के विद्यार्थियों को स्वअध्ययनरत कर पाने सफल रही हैं।
अनामिका ने विज्ञान के सभी अध्याय को वर्कशीट में बदल दिया है जिसमें दिमाग समय और पैसे जरूर खर्च हुए पर उन्हें पढ़ाने में आत्मिक सुख और संतोष मिला। अनामिका कहती हैं कि वर्कशीट क्लास सबसे बेहतर और सुरक्षित तरीका है क्योंकि सबको मोबाइल तो नहीं बांटा जा सकता, लेकिन वर्कशीट बांटी जा सकती है। मंदिर में भोग लगाने जैसा पुनीत कार्य है बस थोड़ी मेहनत और समय। मैंने गणित की मूलभूत ज्ञान बढ़ाने के लिए भी वर्कशीट दी है। बच्चे उत्साह से पढा़ई से जुडे़ हैं और प्रगति की ओर अग्रसर हैं।
विज्ञान से जागरूक करने को स्कूल की दीवारों में बनवाई तस्वीर- शिक्षिका अनामिका ने पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाने जगह-जगह प्रकाश संश्लेषण का चित्र बनाया है। स्कूल की दीवार पर पर्यावरण संरक्षण को लेकर कई तस्वीरें हैं ताकि लोग वृक्षारोपण करें। ये हर साल बच्चों के साथ वृक्षारोपण करती हैं। बच्चों को स्वरचित पर्यावरण गीत, शिक्षागीत, तिरंगा गीत सिखाकर भविष्य का जागरूक नागरिक बनाने का प्रयास कर रही हैं। वाटर हार्वेस्टिंग और स्वच्छता के लिए बच्चों के साथ हर साल रैली निकालती हैं औऱ अपने लिखे नारे लगवाती हैं।
वर्कशीट क्लास के कई फायदे
अनामिका पांडेय कहती हैं कि वर्कशीट के माध्यम से बच्चों में सभी कौशलों का विकास हो रहा, बच्चों में जिज्ञासु बुद्धि काम करती है, वे विषयवस्तु से परिचित हो रहे हैं, इसके अलावा स्व अध्ययन की आदत बन रही, घर में सुरक्षित हैं और पढा़ई से जुड़े हुए हैं, फालतू समय नहीं गंवाते और अभिभावक भी निश्चिंत हो गए हैं
कई पुरस्कार से हो चुकी हैं सम्मानित
अनामिका पांडेय अंतरराष्ट्रीय इको चैंपियन से नवाजा जा चुका है। इसके अलावा इन्हें मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण पुरस्कार, नवाचार, सिंगिंग, कबाड़ से जुगाड़, सहायक शिक्षण सामग्री में जीत हासिल होती रहती है। कबाड़ से जुगाड़ में इनकी पहचान बन गई है। पिछले साल इन्होंने अपने मोहल्ला क्लास में भी प्रयोग, गतिविधि और सांस्कृतिक कार्यक्रम करवाया। इनसे विद्यार्थी बहुत खुश रहते हैं।