मां के प्यार से मिली तलवारबाजी को धार
रायपुर: भारतीय तलवारबाजी को इतिहास में दर्ज करवाने वाली ओलंपियन सीए भवानी देवी शुक्रवार को रायपुर पहुंची। इस दौरान उन्होंने मीडिया से चर्चा की। उन्होंने कहा कि उनके जीवन में मां उनके लिए सबसे बड़ी ताकत हैं। खेल की शुरुआत से ही वे हमेशा उनका साथ देती रही हैं। हारने के बाद भी मां कभी भी उदास नहीं होती थीं, बल्कि हौसला बढ़ाती थी। मीडिया से चर्चा के दौरान उनकी मां सीए रमानी देवी भी थीं। भवानी की आंखें यह सब बताते हुई भर आईं थीं।
स्कूल में खेल जरूरी
खेलों को बढ़ावा देने को लेकर भवानी ने कहा कि इसकी शुरुआत बेहतर होनी चाहिए। स्कूलों में खेल की क्लास होनी चाहिए। बच्चों को किसी न किसी खेल से जोड़कर रखना चाहिए। खेल के साथ पढ़ाई भी उतनी ही जरूरी है। वहीं उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में तलवारबाजी को लेकर बेहतर माहौल है। उम्मीद है आने वाले दिनों में बेहतर खिलाड़ी निकलेंगे।
मजबूरी में बनी थीं तलवारबाज
तलवारबाजी से जुड़ने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि स्कूल में उस समय उनके पास कोई और विकल्प नहीं था। उन्होंने बताया, स्कूल में तलवारबाजी सहित छह खेलों के विकल्प थे। जब मेरा नामांकन हुआ तब तक अन्य खेलों में सभी जगह भर चुके थे। मेरे पास तलवारबाजी को चुनने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था। यह एक ऐसा खेल था, जिसके बारे में बहुत से लोग ज्यादा नहीं जानते थे। मैंने गंभीरता से इसमें अपना हाथ आजमाने का फैसला किया और लक्ष्य बना लिया इसी खेल में फोकस रहना है।