खरगोन में पालकी में सवार होकर भ्रमण पर निकले भगवान सिद्धनाथ महादेव
खरगोन। खरगोन में भगवान सिद्धनाथ महादेव का डोला मंगलवार को शाही ठाठ-बांट के साथ परंपरागत मार्ग निकला। भक्तों ने भगवान का पुष्पवर्षा और पूजन कर महादेव की आगवानी की। डोले में भगवान की मुख्यझांकी रहेगी। मंगलवार भगवान सिद्धनाथ महादेव 12 घंटे से अधिक समय तक शहर में भ्रमण करेंगे। मंगलवार सुबह पहले मंदिर के गर्भगृह में प्रातः चार बजे मंदिर के स्थापनकर्ता मल्लीवाल परिवार के सदस्यों ने महादेव का अभिषेक किया। इसके बाद सार्वजनिक श्रावण मास समारोह आयोजन समिति के पदाधिकारियों ने पूजन-अभिषेक किया। सुबह 9.30 बजे सिद्धनाथ महादेव व महाबलेश्वर महादेव पालकी में विराजित होकर भावसार धर्मशाला प्रांगण स्थित मुख्य झांकी स्थल पर पहुंचे।
मुख्य झांकी पर सांसद गजेंद्रसिंह पटेल, विधायक रवि जोशी, भाजपा जिलाध्यक्ष राजेंद्रसिंह राठौर, शिवडोला समिति अध्यक्ष नवनीतलाल भंडारी, उपाध्यक्ष गुलाबचंद भावसार (मल्लीवाल), मंदिर समिति अध्यक्ष नीलेश भावसार व भावसार क्षत्रिय समाज अध्यक्ष सुरेश भावसार ने महादेव की महाआरती की। शिवडोले की व्यवस्था में समिति 150 सदस्यों के साथ ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर रहे। कोरोना संक्रमण के चलते भक्तों को कागज में प्रसाद दिया गया। शिवडोला समिति के प्रवक्ता प्रकाश भावसार ने बताया कि डोला परंपरागत मार्ग से लाव-लश्कर के साथ निकला। डोले में शिव भक्त ढोल-तोशों और भक्ति गीतों पर थिरकते रहे
300 से अधिक पुलिस बल और ड्रोन कैमरों से नजर
शिवडोले को लेकर प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी पूरी तरह मुस्तैद रहे। बावड़ बस स्टैंड पर एसडीएम सत्येंद्र सिंह, एएसपी जितेंद्र सिंह पंवार, डा. नीरज चौरसीया, एसडीओपी रोहित अलावा, थाना प्रभारी प्रकाश वास्कले, जगदीश गोयल, सेमलिया गेहलोत सहित पुलिस जवान मौजूद रहे। पुलिस द्वारा ड्रोन कैमरों से भी नजर रखी जा रही है।
इस मार्ग से गुजरेगा शिवडोला
शिवडोला समिति के प्रवक्ता भावसार ने बताया सिद्धनाथ महादेव मंदिर से सुबह 9:30 बजे पूजा-अर्चना, आरती बाद शिवडोला शुरु हुआ। इसके बाद शिवडोला भावसार धर्मशाला, बावड़ी बस स्टैंड, डायवर्शन रोड, गायत्री मंदिर तिराहा, फव्वारा चौक बस स्टैंड, सोनी प्रतिमा तिराहा, बिस्टान रोड तिराहा, श्रीकृष्ण टाकिज चौराहा, पोस्ट आफिस चौराहा, गोल बिल्डिंग, सराफा बाजार, झंडा चौक होते हुए वापस सिद्धनाथ महादेव मंदिर पहुंचेगा। मंदिर पहुंचने के बाद भगवान महादेव की महाआरती की गई। इसके बाद विधिवत शिवडोले का समापन किया गया।