ब्रेकिंग
विधायक शिवरतन शर्मा ने विधानसभा में उठाए प्रश्नो एवं विकाश कार्यों की मांगों को लेकर की पत्रकारवार्ता किसानो का धान प्रति एकड़ २०क्वींटल ख़रीदी करेगी भूपेश सरकार-सुशील शर्मा किसानो की हमदर्द भूपेश सरकार-सुशील शर्मा छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह के घर से ईडी निकली बाहर, आरपी सिंह को ईडी अपने साथ दफ्तर ले गई छत्तीसगढ़ कांग्रेस नेता गिरीश देवांगन, देवेंद्र यादव, रामगोपाल अग्रवाल, सन्नी अग्रवाल, विनोद तिवारी, आरपी सिंह के घर सुबह ईडी छापा छत्तीसगढ़। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी कांग्रेसी नेताओं घर में ईडी की रेड गिरीश देवांगन, रामगोपाल अग्रवाल, सन्नी अग्रवाल, विनोद तिवारी के घर पर पड... नजूल शाखा का भाटापारा से बलौदाबाजार जाना दुर्भाग्यपूर्ण -आशीष जायसवाल किसान हित में भूपेश सरकार समर्पित-सुशील शर्मा छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार बनेगी और सीएम आदिवासी होगा- पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर छत्तीसगढ़।पिछड़े सुदूर इलाके में पैर पसार कर अब धर्मांतरण कि आंच शहर तक पहुंच रही, कोचिंग सेंटर में धर्मांतरण जैसी गतिविधियों को संचालित करने का मामला...

अब बिलासपुर स्टेशन से बिना सफाई रवाना नहीं होंगी ट्रेनें

बिलासपुर। जोनल स्टेशन से गुजरने वाली ट्रेनें अब बिना सफाई के रवाना होंगी। कोरोना की वजह से बंद इस व्यवस्था को फिर से शुरू कर दी गई है। ‘ नईदुनिया” में खबर प्रकाशित होने के बाद रेल प्रशासन ने इसके लिए रेलवे ने टेंडर किया है। इसके तहत ट्रेनों की सफाई दो शिफ्ट कराई जा रही है। दोनों पाली में 40- 40 कर्मचारी काम कर रहे हैं।

कोरोना वायरस की दस्तक के साथ रेलवे ने सभी ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया। इसके कारण अलग-अलग कार्य करने वाले ठेका कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। इसमें वह कर्मचारी भी थे, जो जोनल स्टेशन पहंुचने पर ट्रेन की सफाई करते हैं। करीब चार महीने बाद यात्रियों की सुविधा को देखते हुए कुछ गिने- चूने ट्रेनों का परिचालन शुरू किया गया। इसके बाद धीरे- धीरे ट्रेनें की संख्या बढ़ती चलती गई।

पर रेलवे की ओर से ट्रेन में पानी भरने और सफाई करने वाले कर्मचारियों पर काम पर रखने के लिए दोबारा टेंडर नहीं किया। इसके चलते स्थिति यह थी कि ट्रेन में पानी भरने की जवाबदारी रेलवे के कर्मचारियों को सौंपी गई। अभी भी यही कर्मचारी पानी भर रहे हैं, लेकिन सफाई के लिए रेलवे की ओर से कोई भी वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई थी। जिसके चलते यात्रियों को परेशानी हो रही थी।

वह हेल्पलाइन नंबर, टीटीई और आरपीएफ सभी को ट्रेन में सफाई कराने की व्यवस्था कराने के लिए निवेदन करते। इसके बाद भी स्टेशन पहंुचने के बाद उनकी समस्या दूर नहीं होती थी। दरअसल रेलवे स्टेशन में सफाई कर्मचारी ही नहीं थे। यात्रियों की परेशानी व लगातार आ रही शिकायतों को देखते हुए रेलवे ने टेंडर किया है। हालांकि यह जवाबदारी उसी ही कंपनी को मिली है, जिसका पहले ठेका था। सफाई में दो शिफ्ट में रही है। ट्रेन के पहंुचते ही कर्मचारी ट्रेन में चढ़कर शौचालय के आसपास और आवश्यकता पड़ने कोच को भी साफ कर रहे हैं।

पानी की समस्या बरकरार

रेलवे ने ट्रेन में पानी भरने का काम निजी कर्मचारियों से कराती थी। पर इसके लिए अभी तक टेंडर नहीं हुआ है। अभी भी रेलकर्मी ही यह काम कर रहे हैं। संख्या कम होने के कारण कुछ कोच में पानी ही नहीं भराता।